जस्ता (Zinc)
⛏️ 1. परिचय (Introduction)
जस्ता एक महत्वपूर्ण धातु है जो गैल्वनाइजेशन, मिश्र धातुओं और रसायनों में उपयोग होता है। यह लौह उत्पादों को संक्षारण से बचाने के लिए महत्वपूर्ण है।
🌐 2. प्रमुख खनन क्षेत्र (Major Mining Areas)
- राजस्थान: जावर, रामपुरा-अगुचा, राजपुरा-दरीबा
- आंध्र प्रदेश: तुंगभद्रा क्षेत्र
- गुजरात: सूरत क्षेत्र
- मेघालय: शिलांग क्षेत्र
📊 3. उत्पादन सांख्यिकी (Production Statistics)
- भारत का कुल जस्ता उत्पादन (2019-2020): लगभग 7.5 लाख टन
- विश्व में स्थान: जस्ता उत्पादन में भारत छठे स्थान पर है
- प्रमुख उत्पादक राज्य: राजस्थान (90% से अधिक उत्पादन)
🏭 4. उपयोग (Uses)
- गैल्वनाइजेशन (लौह उत्पादों को संक्षारण से बचाने के लिए)
- मिश्र धातुएँ (पीतल, जर्मन सिल्वर)
- रसायन उद्योग (जिंक ऑक्साइड, जिंक सल्फेट)
- बैटरी निर्माण
- दवा और सौंदर्य प्रसाधन
📚 5. परीक्षा हेतु महत्वपूर्ण तथ्य (Important Facts for Exams)
- हिंदुस्तान जिंक लिमिटेड भारत की प्रमुख जस्ता उत्पादन कंपनी है
- रामपुरा-अगुचा विश्व की सबसे बड़ी जस्ता खदान है
- राजस्थान जस्ता उत्पादन में अग्रणी है
- जस्ता गैल्वनाइजेशन में प्रमुख रूप से उपयोग होता है
- जस्ता एक आवश्यक ट्रेस तत्व भी है
💡 6. अन्य महत्वपूर्ण तथ्य (Other Important Facts)
- भारत जस्ता का निर्यात भी करता है
- जस्ता का पुनर्चक्रण पर्यावरण के लिए लाभकारी है
- जस्ता की मांग ऑटोमोबाइल और निर्माण उद्योग में बढ़ रही है
- जस्ता का उपयोग स्वास्थ्य पूरक के रूप में भी होता है
🌍 7. पर्यावरणीय प्रभाव (Environmental Impact)
- खनन से भूमि क्षरण और प्रदूषण
- जल स्रोतों पर प्रभाव
- अपशिष्ट प्रबंधन की आवश्यकता
- पर्यावरणीय नियमों का पालन आवश्यक
🏛️ 8. सरकारी पहल (Government Initiatives)
- खनिज (विकास एवं विनियमन) अधिनियम, 1957
- जस्ता खनन में विदेशी निवेश को प्रोत्साहन
- पर्यावरण संरक्षण के लिए नियमों का क्रियान्वयन
- खनिज अन्वेषण के लिए नीतिगत सुधार
🔍 9. निष्कर्ष (Conclusion)
जस्ता भारत के औद्योगिक विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। उचित खनन प्रथाओं, पर्यावरण संरक्षण और तकनीकी उन्नयन के साथ, जस्ता उद्योग देश के विकास में महत्वपूर्ण योगदान दे सकता है।
जस्ता पर प्रश्नोत्तरी
अन्य विकल्प क्यों गलत हैं: – (b) Zc: यह जस्ता का प्रतीक नहीं है।
– (c) Z: यह गलत प्रतीक है।
– (d) Ze: यह भी जस्ता का प्रतीक नहीं है।
अन्य विकल्प क्यों गलत हैं: – (a) ओडिशा: यहाँ जस्ता का उत्पादन सीमित है।
– (c) झारखंड: यहाँ भी जस्ता का उत्पादन कम है।
– (d) मध्य प्रदेश: यहाँ भी जस्ता का उत्पादन सीमित है।
अन्य विकल्प क्यों गलत हैं: – (b) 29: यह तांबे का परमाणु क्रमांक है।
– (c) 28: यह निकेल का परमाणु क्रमांक है।
– (d) 31: यह गलत है, जस्ता का परमाणु क्रमांक 30 है।
अन्य विकल्प क्यों गलत हैं: – (b) बैटरी निर्माण: इसमें जस्ता का उपयोग होता है, परन्तु सीमित मात्रा में।
– (c) चिकित्सा उपकरण: इसका उपयोग सीमित है।
– (d) आभूषण: जस्ता का उपयोग आभूषणों में नहीं होता।
अन्य विकल्प क्यों गलत हैं: – (b) 1000°C: यह अधिक है।
– (c) 250°C: यह कम है।
– (d) 500°C: जस्ता का गलनांक इससे कम है।
अन्य विकल्प क्यों गलत हैं: – (a) लाइमस्टोन: यह कैल्शियम का स्रोत है।
– (c) बाक्साइट: यह एल्यूमिनियम का अयस्क है।
– (d) हेमेटाइट: यह लौह का अयस्क है।
अन्य विकल्प क्यों गलत हैं: – (b) 55.8 u: यह आयरन का परमाणु द्रव्यमान है।
– (c) 50.9 u: यह मैंगनीज का परमाणु द्रव्यमान है।
– (d) 63.5 u: यह कॉपर का परमाणु द्रव्यमान है।
अन्य विकल्प क्यों गलत हैं: – (a) एल्कलाइन बैटरी: इसका उपयोग भी होता है, परन्तु मुख्य नहीं।
– (c) सजावटी पेंट: इसमें जस्ता का उपयोग सीमित है।
– (d) चिकित्सा उपकरण: यहाँ भी सीमित उपयोग है।
अन्य विकल्प क्यों गलत हैं: – (b) 7.8 g/cm³: यह आयरन का घनत्व है।
– (c) 8.9 g/cm³: यह निकेल का घनत्व है।
– (d) 9.5 g/cm³: यह एक गलत मान है।
अन्य विकल्प क्यों गलत हैं: – (a) 800°C: यह गलत है, जस्ता का गलनांक इससे कम है।
– (b) 900°C: यह भी गलत है।
– (c) 500°C: वास्तविक गलनांक 419°C है।