Gyan Pragya
No Result
View All Result
BPSC: 71st Combined Pre Exam - Last Date: 30-06-2025 | SSC: Combined Graduate Level (CGL) - 14582 Posts - Last Date: 04-07-2025
  • Current Affairs
  • Quiz
  • History
  • Geography
  • Polity
  • Hindi
  • Economics
  • General Science
  • Environment
  • Static Gk
  • Uttarakhand
Gyan Pragya
No Result
View All Result

प्रमुख आलोचक – मेरे नोट्स

प्रमुख आलोचक – व्यापक नोट्स

परिचय

साहित्यिक आलोचना साहित्य के मूल्यांकन, विश्लेषण और व्याख्या का एक महत्वपूर्ण स्तंभ है। हिंदी साहित्य में अनेक ऐसे विद्वान हुए हैं जिन्होंने अपनी गहन दृष्टि और मौलिक चिंतन से आलोचना के क्षेत्र को समृद्ध किया है। इन प्रमुख आलोचकों ने न केवल साहित्यिक कृतियों का मूल्यांकन किया, बल्कि विभिन्न आलोचनात्मक सिद्धांतों को विकसित और स्थापित भी किया, जिससे हिंदी साहित्य की दिशा और दशा निर्धारित हुई।

प्रमुख हिंदी साहित्यिक आलोचक

1. आचार्य रामचंद्र शुक्ल (1884-1941)

परिचय:

  • आधुनिक हिंदी आलोचना के प्रवर्तक और मूर्धन्य आलोचक।
  • हिंदी साहित्य का इतिहास लिखने में अग्रणी, उनका ‘हिंदी साहित्य का इतिहास’ मील का पत्थर है।
  • साहित्य के साथ-साथ दर्शन, मनोविज्ञान और समाजशास्त्र में भी गहरी पैठ।
मुख्य योगदान/विशेषताएँ:
  • वस्तुनिष्ठ और वैज्ञानिक दृष्टिकोण: वे साहित्य का मूल्यांकन तटस्थ भाव से करते थे, तथ्यों और तर्कों पर आधारित।
  • मनोवैज्ञानिक विश्लेषण: वे साहित्य में निहित मानवीय भावनाओं और मनोविकारों का सूक्ष्म विश्लेषण करते थे।
  • रसवादी आलोचक: रस को काव्य की आत्मा मानते थे और रस निष्पत्ति को आलोचना का केंद्रीय बिंदु।
  • लोकमंगल की भावना: साहित्य का उद्देश्य लोकमंगल मानते थे।
  • भाषा में स्पष्टता, गंभीरता और प्रौढ़ता।
प्रमुख रचनाएँ:
  • हिंदी साहित्य का इतिहास: हिंदी साहित्य का प्रथम व्यवस्थित और विस्तृत इतिहास।
  • चिंतामणि (भाग 1, 2, 3, 4): आलोचनात्मक निबंधों का संग्रह, जिसमें भाव और मनोविकारों पर आधारित निबंध प्रमुख हैं।
  • सूरदास: सूरदास की काव्य प्रतिभा और उनके भ्रमरगीत सार का गहन विश्लेषण।
  • तुलसीदास: तुलसीदास के काव्य और लोक मंगल की भावना का विवेचन।

2. आचार्य हजारी प्रसाद द्विवेदी (1907-1979)

परिचय:

  • बहुमुखी प्रतिभा के धनी: उपन्यासकार, निबंधकार, आलोचक और इतिहासकार।
  • हिंदी और संस्कृत के प्रकांड विद्वान, भारतीय संस्कृति और दर्शन का गहन ज्ञान।
  • शांतिनिकेतन और काशी हिंदू विश्वविद्यालय से जुड़े रहे।
मुख्य योगदान/विशेषताएँ:
  • सांस्कृतिक और ऐतिहासिक दृष्टिकोण: वे साहित्य को उसके सांस्कृतिक और ऐतिहासिक संदर्भों में विश्लेषित करते थे, परंपरा का महत्व समझते थे।
  • गहन शोध और विस्तृत अध्ययन: उनकी आलोचना में गहन शोध और व्यापक ज्ञान की झलक मिलती है।
  • मानवीय मूल्यों के समर्थक: वे साहित्य में मानवीय मूल्यों और लोक चेतना को महत्व देते थे।
  • भाषा में काव्यात्मकता, सौंदर्य और सहजता।
  • कबीर, जायसी, सूरदास जैसे निर्गुण और सगुण कवियों पर नवीन दृष्टि डाली।
प्रमुख रचनाएँ:
  • कबीर: कबीर के व्यक्तित्व, उनके दर्शन और काव्य का गहन विश्लेषण, उन्हें ‘वाणी का डिक्टेटर’ कहा।
  • अशोक के फूल: ललित निबंधों का संग्रह, जिसमें सांस्कृतिक और ऐतिहासिक संदर्भों का विश्लेषण है।
  • हिंदी साहित्य की भूमिका: हिंदी साहित्य के इतिहास पर एक महत्वपूर्ण ग्रंथ।
  • हिंदी साहित्य का आदिकाल: आदिकाल के साहित्य का गहन अध्ययन।

3. डॉ. नामवर सिंह (1926-2019)

परिचय:

  • आधुनिक हिंदी आलोचना के प्रमुख स्तंभ और प्रगतिशील आलोचक।
  • मार्क्सवादी आलोचना के सशक्त प्रवर्तक और प्रचारक।
  • साहित्यिक सिद्धांतों के गहन अध्येता और व्याख्याता।
मुख्य योगदान/विशेषताएँ:
  • समाजवादी (मार्क्सवादी) दृष्टिकोण: वे साहित्य को सामाजिक परिवर्तन और वर्ग चेतना के संदर्भ में देखते थे।
  • साहित्य में नवीनता और प्रयोगवाद का समर्थन: वे नई साहित्यिक प्रवृत्तियों का स्वागत करते थे और उन्हें सैद्धांतिक आधार प्रदान करते थे।
  • वाद-विवाद और संवाद: आलोचना को एक जीवंत संवाद के रूप में प्रस्तुत किया।
  • स्पष्ट, तर्कसंगत और प्रभावशाली भाषा शैली।
  • ‘दूसरी परंपरा’ की अवधारणा देकर साहित्य के अनदेखे पहलुओं को उजागर किया।
प्रमुख रचनाएँ:
  • कविता के नए प्रतिमान: आधुनिक कविता का विश्लेषण, जिसमें उन्होंने नई कविता की प्रवृत्तियों और विशेषताओं को उजागर किया।
  • दूसरी परंपरा की खोज: हिंदी साहित्य की परंपराओं का पुनर्मूल्यांकन, विशेषकर कबीर, जायसी और सूरदास पर नए दृष्टिकोण प्रस्तुत किए।
  • छायावाद: छायावादी कविता का गहन विश्लेषण और उसकी विशेषताओं का उद्घाटन।
  • बकलम खुद: उनके भाषणों और लेखों का संग्रह।

4. डॉ. रामविलास शर्मा (1912-2000)

परिचय:

  • हिंदी के अग्रणी मार्क्सवादी आलोचक और चिंतक।
  • प्रगतिशील लेखक संघ से जुड़े रहे।
  • भाषा विज्ञान, इतिहास और संस्कृति के भी गहन अध्येता।
मुख्य योगदान/विशेषताएँ:
  • मार्क्सवादी आलोचना का सैद्धांतिक आधार: उन्होंने हिंदी में मार्क्सवादी आलोचना को एक सुदृढ़ सैद्धांतिक आधार प्रदान किया।
  • साहित्य और समाज का संबंध: वे साहित्य को समाज के आर्थिक और सामाजिक संबंधों के प्रतिबिंब के रूप में देखते थे।
  • तुलनात्मक आलोचना: भारतीय और पश्चिमी साहित्य का तुलनात्मक अध्ययन किया।
  • भाषा विज्ञान का प्रयोग: आलोचना में भाषा वैज्ञानिक दृष्टिकोण का भी प्रयोग किया।
  • तेजस्वी और निर्भीक शैली।
प्रमुख रचनाएँ:
  • प्रेमचंद और उनका युग: प्रेमचंद के साहित्य का मार्क्सवादी विश्लेषण।
  • निराला की साहित्य साधना (तीन खंड): निराला के साहित्य का विस्तृत और गहन अध्ययन।
  • भारतेंदु हरिश्चंद्र और हिंदी नवजागरण: भारतेंदु युग और हिंदी नवजागरण का ऐतिहासिक-साहित्यिक विश्लेषण।
  • भाषा और समाज: भाषा विज्ञान पर महत्वपूर्ण कृति।

5. नंददुलारे वाजपेयी (1906-1967)

परिचय:

  • छायावाद के प्रमुख समीक्षक और सौंदर्यवादी आलोचक।
  • आचार्य शुक्ल की परंपरा के बाद छायावाद को सैद्धांतिक आधार प्रदान करने वाले आलोचक।
मुख्य योगदान/विशेषताएँ:
  • सौंदर्यवादी दृष्टिकोण: वे काव्य में सौंदर्य और कलात्मकता को विशेष महत्व देते थे।
  • छायावाद के समर्थक: छायावादी काव्य की विशेषताओं और महत्व को स्थापित किया।
  • रस और आनंद की अवधारणा: साहित्य से प्राप्त आनंद को महत्वपूर्ण माना।
  • संतुलित और सूक्ष्म विश्लेषण।
प्रमुख रचनाएँ:
  • हिंदी साहित्य: बीसवीं शताब्दी: बीसवीं शताब्दी के हिंदी साहित्य का आलोचनात्मक सर्वेक्षण।
  • जयशंकर प्रसाद: प्रसाद के काव्य और व्यक्तित्व का विश्लेषण।
  • आधुनिक साहित्य: आधुनिक हिंदी साहित्य की प्रवृत्तियों का अध्ययन।
  • नया साहित्य: नए प्रश्न: आधुनिक साहित्य की नई दिशाओं पर विचार।

6. डॉ. नगेंद्र (1915-1999)

परिचय:

  • हिंदी साहित्य के एक प्रमुख रसवादी और मनोवैज्ञानिक आलोचक।
  • काव्यशास्त्र और रस सिद्धांत पर विशेष अधिकार।
  • दिल्ली विश्वविद्यालय में हिंदी विभाग के अध्यक्ष रहे।
मुख्य योगदान/विशेषताएँ:
  • रस सिद्धांत का पुनर्व्याख्या: उन्होंने रस सिद्धांत को आधुनिक संदर्भों में पुनः स्थापित किया।
  • मनोवैज्ञानिक आलोचना: साहित्य में मनोविज्ञान के तत्वों का विश्लेषण किया।
  • तुलनात्मक अध्ययन: भारतीय और पश्चिमी काव्यशास्त्र का तुलनात्मक अध्ययन प्रस्तुत किया।
  • शोधपरक और व्यवस्थित आलोचना: उनकी आलोचना में गहन शोध और व्यवस्थित प्रस्तुति मिलती है।
प्रमुख रचनाएँ:
  • रस सिद्धांत: रस सिद्धांत पर एक प्रामाणिक ग्रंथ।
  • भारतीय काव्यशास्त्र की भूमिका: भारतीय काव्यशास्त्र का विस्तृत परिचय।
  • देव और बिहारी: देव और बिहारी के काव्य का तुलनात्मक अध्ययन।
  • आधुनिक हिंदी कविता की मुख्य प्रवृत्तियाँ: आधुनिक कविता का आलोचनात्मक मूल्यांकन।

निष्कर्ष

हिंदी साहित्य में आलोचना की परंपरा अत्यंत समृद्ध रही है। आचार्य रामचंद्र शुक्ल से लेकर डॉ. नामवर सिंह तक, इन प्रमुख आलोचकों ने अपने-अपने मौलिक सिद्धांतों और गहन विश्लेषण से साहित्य को एक नई दिशा दी है। उन्होंने न केवल साहित्यिक कृतियों का मूल्यांकन किया, बल्कि साहित्य और समाज के संबंधों, भाषा के महत्व, और मानवीय भावनाओं की जटिलताओं को भी उजागर किया। इन आलोचकों का अध्ययन हिंदी साहित्य की समझ को गहरा करने और आलोचनात्मक दृष्टि विकसित करने के लिए अत्यंत आवश्यक है।

प्रमुख आलोचक – क्विज़

प्रमुख आलोचक – क्विज़

अपनी तैयारी परखें

प्रमुख आलोचकों से संबंधित इन प्रश्नों के उत्तर देकर अपनी समझ को मजबूत करें। प्रत्येक प्रश्न के बाद सही उत्तर दिया गया है।

  1. 1. आधुनिक हिंदी आलोचना के प्रवर्तक के रूप में किसे जाना जाता है?

    1. A) आचार्य हजारी प्रसाद द्विवेदी
    2. B) डॉ. नामवर सिंह
    3. C) आचार्य रामचंद्र शुक्ल
    4. D) डॉ. रामविलास शर्मा

    उत्तर: C) आचार्य रामचंद्र शुक्ल

  2. 2. ‘हिंदी साहित्य का इतिहास’ (प्रथम व्यवस्थित और विस्तृत इतिहास) किसकी रचना है?

    1. A) आचार्य हजारी प्रसाद द्विवेदी
    2. B) डॉ. नामवर सिंह
    3. C) आचार्य रामचंद्र शुक्ल
    4. D) डॉ. नगेंद्र

    उत्तर: C) आचार्य रामचंद्र शुक्ल

  3. 3. आचार्य रामचंद्र शुक्ल की आलोचना की प्रमुख विशेषता क्या है?

    1. A) केवल सांस्कृतिक दृष्टिकोण
    2. B) वस्तुनिष्ठ और वैज्ञानिक दृष्टिकोण
    3. C) केवल भाषिक विश्लेषण
    4. D) केवल मनोवैज्ञानिक विश्लेषण

    उत्तर: B) वस्तुनिष्ठ और वैज्ञानिक दृष्टिकोण

  4. 4. ‘कबीर’ और ‘अशोक के फूल’ किसकी प्रमुख रचनाएँ हैं?

    1. A) आचार्य रामचंद्र शुक्ल
    2. B) डॉ. नामवर सिंह
    3. C) आचार्य हजारी प्रसाद द्विवेदी
    4. D) नंददुलारे वाजपेयी

    उत्तर: C) आचार्य हजारी प्रसाद द्विवेदी

  5. 5. आचार्य हजारी प्रसाद द्विवेदी की आलोचना की विशेषता क्या है?

    1. A) केवल मनोवैज्ञानिक विश्लेषण
    2. B) केवल वस्तुनिष्ठता
    3. C) सांस्कृतिक और ऐतिहासिक दृष्टिकोण
    4. D) केवल सामाजिक यथार्थ पर बल

    उत्तर: C) सांस्कृतिक और ऐतिहासिक दृष्टिकोण

  6. 6. ‘कविता के नए प्रतिमान’ और ‘दूसरी परंपरा की खोज’ किसकी रचनाएँ हैं?

    1. A) आचार्य रामचंद्र शुक्ल
    2. B) आचार्य हजारी प्रसाद द्विवेदी
    3. C) डॉ. नामवर सिंह
    4. D) डॉ. रामविलास शर्मा

    उत्तर: C) डॉ. नामवर सिंह

  7. 7. डॉ. नामवर सिंह किस आलोचनात्मक दृष्टिकोण के लिए जाने जाते हैं?

    1. A) अभिव्यंजनावाद
    2. B) वस्तुनिष्ठ आलोचना
    3. C) समाजवादी (मार्क्सवादी) आलोचना
    4. D) मनोविश्लेषणात्मक आलोचना

    उत्तर: C) समाजवादी (मार्क्सवादी) आलोचना

  8. 8. हिंदी के अग्रणी मार्क्सवादी आलोचक और चिंतक कौन थे?

    1. A) आचार्य रामचंद्र शुक्ल
    2. B) आचार्य हजारी प्रसाद द्विवेदी
    3. C) डॉ. नामवर सिंह
    4. D) डॉ. रामविलास शर्मा

    उत्तर: D) डॉ. रामविलास शर्मा

  9. 9. ‘निराला की साहित्य साधना’ (तीन खंड) किसकी रचना है?

    1. A) आचार्य रामचंद्र शुक्ल
    2. B) डॉ. रामविलास शर्मा
    3. C) डॉ. नगेंद्र
    4. D) नंददुलारे वाजपेयी

    उत्तर: B) डॉ. रामविलास शर्मा

  10. 10. नंददुलारे वाजपेयी किस वाद के प्रमुख समीक्षक और सौंदर्यवादी आलोचक थे?

    1. A) प्रगतिवाद
    2. B) प्रयोगवाद
    3. C) छायावाद
    4. D) नई कविता

    उत्तर: C) छायावाद

  11. 11. ‘हिंदी साहित्य: बीसवीं शताब्दी’ किसकी रचना है?

    1. A) आचार्य रामचंद्र शुक्ल
    2. B) आचार्य हजारी प्रसाद द्विवेदी
    3. C) नंददुलारे वाजपेयी
    4. D) डॉ. नगेंद्र

    उत्तर: C) नंददुलारे वाजपेयी

  12. 12. हिंदी साहित्य के एक प्रमुख रसवादी और मनोवैज्ञानिक आलोचक कौन थे?

    1. A) डॉ. रामविलास शर्मा
    2. B) डॉ. नगेंद्र
    3. C) डॉ. नामवर सिंह
    4. D) नंददुलारे वाजपेयी

    उत्तर: B) डॉ. नगेंद्र

  13. 13. ‘रस सिद्धांत’ पर एक प्रामाणिक ग्रंथ किसने लिखा है?

    1. A) आचार्य रामचंद्र शुक्ल
    2. B) डॉ. रामविलास शर्मा
    3. C) डॉ. नगेंद्र
    4. D) आचार्य हजारी प्रसाद द्विवेदी

    उत्तर: C) डॉ. नगेंद्र

  14. 14. आचार्य रामचंद्र शुक्ल की किस रचना में भाव और मनोविकारों पर आधारित निबंधों का संग्रह है?

    1. A) हिंदी साहित्य का इतिहास
    2. B) चिंतामणि
    3. C) सूरदास
    4. D) तुलसीदास

    उत्तर: B) चिंतामणि

  15. 15. आचार्य हजारी प्रसाद द्विवेदी ने कबीर को क्या कहा है?

    1. A) लोक कवि
    2. B) वाणी का डिक्टेटर
    3. C) समाज सुधारक
    4. D) रहस्यवादी कवि

    उत्तर: B) वाणी का डिक्टेटर

  16. 16. डॉ. नामवर सिंह की ‘छायावाद’ नामक कृति किस विषय पर केंद्रित है?

    1. A) प्रगतिवादी कविता
    2. B) नई कविता
    3. C) छायावादी कविता
    4. D) भक्ति काव्य

    उत्तर: C) छायावादी कविता

  17. 17. ‘प्रेमचंद और उनका युग’ किसकी रचना है?

    1. A) आचार्य रामचंद्र शुक्ल
    2. B) डॉ. रामविलास शर्मा
    3. C) डॉ. नामवर सिंह
    4. D) नंददुलारे वाजपेयी

    उत्तर: B) डॉ. रामविलास शर्मा

  18. 18. नंददुलारे वाजपेयी की आलोचना की प्रमुख विशेषता क्या थी?

    1. A) मार्क्सवादी दृष्टिकोण
    2. B) सौंदर्यवादी दृष्टिकोण
    3. C) ऐतिहासिक दृष्टिकोण
    4. D) मनोवैज्ञानिक विश्लेषण

    उत्तर: B) सौंदर्यवादी दृष्टिकोण

  19. 19. डॉ. नगेंद्र की ‘देव और बिहारी’ कृति किस प्रकार की आलोचना का उदाहरण है?

    1. A) सैद्धांतिक आलोचना
    2. B) तुलनात्मक आलोचना
    3. C) मनोवैज्ञानिक आलोचना
    4. D) मार्क्सवादी आलोचना

    उत्तर: B) तुलनात्मक आलोचना

  20. 20. ‘बकलम खुद’ किसकी रचना है, जिसमें उनके भाषणों और लेखों का संग्रह है?

    1. A) आचार्य रामचंद्र शुक्ल
    2. B) आचार्य हजारी प्रसाद द्विवेदी
    3. C) डॉ. नामवर सिंह
    4. D) डॉ. रामविलास शर्मा

    उत्तर: C) डॉ. नामवर सिंह

  21. 21. किस आलोचक ने ‘रस’ को काव्य की आत्मा माना है?

    1. A) डॉ. नगेंद्र
    2. B) आचार्य हजारी प्रसाद द्विवेदी
    3. C) आचार्य रामचंद्र शुक्ल
    4. D) नंददुलारे वाजपेयी

    उत्तर: C) आचार्य रामचंद्र शुक्ल

  22. 22. किस आलोचक ने साहित्य में ‘लोकमंगल की भावना’ को महत्वपूर्ण माना?

    1. A) डॉ. रामविलास शर्मा
    2. B) डॉ. नामवर सिंह
    3. C) आचार्य रामचंद्र शुक्ल
    4. D) डॉ. नगेंद्र

    उत्तर: C) आचार्य रामचंद्र शुक्ल

  23. 23. आचार्य हजारी प्रसाद द्विवेदी ने किस कवि को ‘वाणी का डिक्टेटर’ कहा?

    1. A) सूरदास
    2. B) तुलसीदास
    3. C) कबीर
    4. D) जायसी

    उत्तर: C) कबीर

  24. 24. डॉ. रामविलास शर्मा किस लेखक के साहित्य के मार्क्सवादी विश्लेषण के लिए प्रसिद्ध हैं?

    1. A) जयशंकर प्रसाद
    2. B) निराला
    3. C) प्रेमचंद
    4. D) महादेवी वर्मा

    उत्तर: C) प्रेमचंद

  25. 25. ‘नया साहित्य: नए प्रश्न’ किसकी रचना है?

    1. A) डॉ. नगेंद्र
    2. B) नंददुलारे वाजपेयी
    3. C) डॉ. नामवर सिंह
    4. D) आचार्य हजारी प्रसाद द्विवेदी

    उत्तर: B) नंददुलारे वाजपेयी

  26. 26. डॉ. नगेंद्र की आलोचना की प्रमुख विशेषता क्या है?

    1. A) मार्क्सवादी दृष्टिकोण
    2. B) सांस्कृतिक दृष्टिकोण
    3. C) रसवादी और मनोवैज्ञानिक आलोचना
    4. D) संरचनावादी दृष्टिकोण

    उत्तर: C) रसवादी और मनोवैज्ञानिक आलोचना

  27. 27. ‘दूसरी परंपरा की खोज’ में डॉ. नामवर सिंह ने किन कवियों पर नए दृष्टिकोण प्रस्तुत किए हैं?

    1. A) निराला, पंत, प्रसाद
    2. B) कबीर, जायसी, सूरदास
    3. C) बिहारी, घनानंद, देव
    4. D) भारतेंदु, महावीर प्रसाद द्विवेदी, मैथिलीशरण गुप्त

    उत्तर: B) कबीर, जायसी, सूरदास

  28. 28. किस आलोचक ने हिंदी में मार्क्सवादी आलोचना को एक सुदृढ़ सैद्धांतिक आधार प्रदान किया?

    1. A) डॉ. नामवर सिंह
    2. B) डॉ. रामविलास शर्मा
    3. C) मुक्तिबोध
    4. D) शिवदान सिंह चौहान

    उत्तर: B) डॉ. रामविलास शर्मा

  29. 29. ‘जयशंकर प्रसाद’ (आलोचनात्मक कृति) के लेखक कौन हैं?

    1. A) आचार्य रामचंद्र शुक्ल
    2. B) नंददुलारे वाजपेयी
    3. C) डॉ. नगेंद्र
    4. D) डॉ. नामवर सिंह

    उत्तर: B) नंददुलारे वाजपेयी

  30. 30. डॉ. नगेंद्र ने किस काव्यशास्त्रीय सिद्धांत का आधुनिक संदर्भों में पुनर्व्याख्या की?

    1. A) अलंकार सिद्धांत
    2. B) रीति सिद्धांत
    3. C) ध्वनि सिद्धांत
    4. D) रस सिद्धांत

    उत्तर: D) रस सिद्धांत

  31. 31. आचार्य रामचंद्र शुक्ल की ‘सूरदास’ कृति में किसका गहन विश्लेषण है?

    1. A) सूरदास की जीवनी
    2. B) सूरदास की काव्य प्रतिभा और उनके भ्रमरगीत सार का
    3. C) सूरदास के दर्शन का
    4. D) सूरदास के समय के समाज का

    उत्तर: B) सूरदास की काव्य प्रतिभा और उनके भ्रमरगीत सार का

  32. 32. आचार्य हजारी प्रसाद द्विवेदी की ‘हिंदी साहित्य की भूमिका’ किस प्रकार का ग्रंथ है?

    1. A) उपन्यास
    2. B) निबंध संग्रह
    3. C) हिंदी साहित्य के इतिहास पर एक महत्वपूर्ण ग्रंथ
    4. D) काव्य संग्रह

    उत्तर: C) हिंदी साहित्य के इतिहास पर एक महत्वपूर्ण ग्रंथ

  33. 33. डॉ. नामवर सिंह की आलोचना में ‘वाद-विवाद और संवाद’ की विशेषता का क्या अर्थ है?

    1. A) वे केवल विवाद करते थे।
    2. B) उन्होंने आलोचना को एक जीवंत संवाद के रूप में प्रस्तुत किया।
    3. C) वे केवल दूसरों के विचारों का खंडन करते थे।
    4. D) वे केवल अपने विचारों को थोपते थे।

    उत्तर: B) उन्होंने आलोचना को एक जीवंत संवाद के रूप में प्रस्तुत किया।

  34. 34. डॉ. रामविलास शर्मा की ‘भारतेंदु हरिश्चंद्र और हिंदी नवजागरण’ किस प्रकार की कृति है?

    1. A) केवल जीवनी
    2. B) ऐतिहासिक-साहित्यिक विश्लेषण
    3. C) काव्य संग्रह
    4. D) नाटक

    उत्तर: B) ऐतिहासिक-साहित्यिक विश्लेषण

  35. 35. नंददुलारे वाजपेयी ने किस काव्य की विशेषताओं और महत्व को स्थापित किया?

    1. A) प्रगतिवादी काव्य
    2. B) प्रयोगवादी काव्य
    3. C) छायावादी काव्य
    4. D) रीतिकाल काव्य

    उत्तर: C) छायावादी काव्य

  36. 36. डॉ. नगेंद्र ने भारतीय और पश्चिमी काव्यशास्त्र का कौन सा अध्ययन प्रस्तुत किया?

    1. A) केवल भारतीय काव्यशास्त्र
    2. B) केवल पश्चिमी काव्यशास्त्र
    3. C) तुलनात्मक अध्ययन
    4. D) इनमें से कोई नहीं

    उत्तर: C) तुलनात्मक अध्ययन

  37. 37. आचार्य रामचंद्र शुक्ल के अनुसार साहित्य का उद्देश्य क्या था?

    1. A) केवल मनोरंजन
    2. B) लोकमंगल
    3. C) धन कमाना
    4. D) प्रसिद्धि पाना

    उत्तर: B) लोकमंगल

  38. 38. आचार्य हजारी प्रसाद द्विवेदी की आलोचना में किस बात की झलक मिलती है?

    1. A) केवल राजनीतिक विचारधारा
    2. B) केवल आर्थिक विश्लेषण
    3. C) गहन शोध और व्यापक ज्ञान
    4. D) केवल व्यक्तिगत भावनाएँ

    उत्तर: C) गहन शोध और व्यापक ज्ञान

  39. 39. डॉ. नामवर सिंह ने ‘दूसरी परंपरा’ की अवधारणा देकर साहित्य के किन पहलुओं को उजागर किया?

    1. A) केवल मुख्यधारा के साहित्य को
    2. B) अनदेखे और उपेक्षित पहलुओं को
    3. C) केवल पश्चिमी साहित्य को
    4. D) केवल प्राचीन साहित्य को

    उत्तर: B) अनदेखे और उपेक्षित पहलुओं को

  40. 40. डॉ. रामविलास शर्मा की आलोचना शैली कैसी थी?

    1. A) शांत और विनम्र
    2. B) तेजस्वी और निर्भीक
    3. C) काव्यात्मक और सौंदर्यपूर्ण
    4. D) रहस्यवादी

    उत्तर: B) तेजस्वी और निर्भीक

  41. 41. नंददुलारे वाजपेयी ने साहित्य से प्राप्त किस अवधारणा को महत्वपूर्ण माना?

    1. A) ज्ञान
    2. B) नैतिकता
    3. C) रस और आनंद
    4. D) सामाजिक परिवर्तन

    उत्तर: C) रस और आनंद

  42. 42. डॉ. नगेंद्र किस विश्वविद्यालय में हिंदी विभाग के अध्यक्ष रहे?

    1. A) काशी हिंदू विश्वविद्यालय
    2. B) इलाहाबाद विश्वविद्यालय
    3. C) दिल्ली विश्वविद्यालय
    4. D) लखनऊ विश्वविद्यालय

    उत्तर: C) दिल्ली विश्वविद्यालय

  43. 43. आचार्य रामचंद्र शुक्ल के ‘चिंतामणि’ में किस प्रकार के निबंध प्रमुख हैं?

    1. A) ऐतिहासिक
    2. B) सामाजिक
    3. C) भाव और मनोविकारों पर आधारित
    4. D) राजनीतिक

    उत्तर: C) भाव और मनोविकारों पर आधारित

  44. 44. आचार्य हजारी प्रसाद द्विवेदी की ‘हिंदी साहित्य का आदिकाल’ किस पर केंद्रित है?

    1. A) भक्तिकाल का अध्ययन
    2. B) आदिकाल के साहित्य का गहन अध्ययन
    3. C) रीतिकाल की प्रवृत्तियाँ
    4. D) आधुनिक काल का सर्वेक्षण

    उत्तर: B) आदिकाल के साहित्य का गहन अध्ययन

  45. 45. डॉ. नामवर सिंह की आलोचना में ‘नवीनता और प्रयोगवाद का समर्थन’ का क्या अर्थ है?

    1. A) वे केवल पुराने साहित्य का समर्थन करते थे।
    2. B) वे नई साहित्यिक प्रवृत्तियों का स्वागत करते थे और उन्हें सैद्धांतिक आधार प्रदान करते थे।
    3. C) वे केवल अपने विचारों को ही नवीन मानते थे।
    4. D) वे किसी भी प्रकार के प्रयोग के विरोधी थे।

    उत्तर: B) वे नई साहित्यिक प्रवृत्तियों का स्वागत करते थे और उन्हें सैद्धांतिक आधार प्रदान करते थे।

  46. 46. डॉ. रामविलास शर्मा ने आलोचना में किस वैज्ञानिक दृष्टिकोण का प्रयोग किया?

    1. A) भौतिक विज्ञान
    2. B) रसायन विज्ञान
    3. C) भाषा विज्ञान
    4. D) जीव विज्ञान

    उत्तर: C) भाषा विज्ञान

  47. 47. नंददुलारे वाजपेयी किस परंपरा के बाद छायावाद को सैद्धांतिक आधार प्रदान करने वाले आलोचक थे?

    1. A) भारतेंदु युग
    2. B) द्विवेदी युग
    3. C) आचार्य शुक्ल की परंपरा
    4. D) प्रगतिवादी परंपरा

    उत्तर: C) आचार्य शुक्ल की परंपरा

  48. 48. डॉ. नगेंद्र की ‘भारतीय काव्यशास्त्र की भूमिका’ किस विषय पर केंद्रित है?

    1. A) पश्चिमी काव्यशास्त्र
    2. B) भारतीय काव्यशास्त्र का विस्तृत परिचय
    3. C) केवल रस सिद्धांत
    4. D) केवल अलंकार सिद्धांत

    उत्तर: B) भारतीय काव्यशास्त्र का विस्तृत परिचय

  49. 49. आचार्य रामचंद्र शुक्ल ने ‘तुलसीदास’ कृति में किसका विवेचन किया है?

    1. A) तुलसीदास की जीवनी
    2. B) तुलसीदास के काव्य और लोक मंगल की भावना का
    3. C) तुलसीदास के दर्शन का
    4. D) तुलसीदास के समय के समाज का

    उत्तर: B) तुलसीदास के काव्य और लोक मंगल की भावना का

  50. 50. डॉ. रामविलास शर्मा किस लेखक संघ से जुड़े रहे?

    1. A) जनवादी लेखक संघ
    2. B) प्रगतिशील लेखक संघ
    3. C) नई कहानी आंदोलन
    4. D) प्रयोगवादी लेखक संघ

    उत्तर: B) प्रगतिशील लेखक संघ

SendShare
Previous Post

विज्ञापन, सूचना,संवाद लेखन

Next Post

प्रमुख उपन्यास, कहानियाँ, और नाटक

Related Posts

Hindi

हिंदी लोकोक्तियाँ और उनके प्रयोग

May 24, 2025

हिंदी लोकोक्तियाँ और उनके प्रयोग - लोकोक्तियाँ (या कहावतें) ऐसे पूर्ण वाक्य होते हैं जो किसी समाज के अनुभव, ज्ञान...

Hindi

मुहावरे और उनके अर्थ

May 24, 2025

मुहावरे और उनके अर्थ मुहावरे ऐसे वाक्यांश होते हैं जो अपने शाब्दिक अर्थ से हटकर कोई विशेष या लाक्षणिक अर्थ...

Hindi

Hindi to English and English to Hindi translation

May 24, 2025

हिंदी से अंग्रेजी और अंग्रेजी से हिंदी अनुवाद के सिद्धांत - परिष्कृत नोट्स हिंदी से अंग्रेजी और अंग्रेजी से हिंदी...

Next Post

प्रमुख उपन्यास, कहानियाँ, और नाटक

Hindi to English and English to Hindi translation

उत्तराखंड पृथक राज्य आंदोलन

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Uttarakhnd

स्वतंत्रता संग्राम में उत्तराखंड की भूमिका (Role of Uttarakhand in the Freedom Struggle)

June 4, 2025
Polity

सर्वोच्च न्यायालय (Supreme Court)

May 27, 2025
Quiz

गुप्त काल: प्रशासन (Gupta Period: Administration)

May 25, 2025
uncategorized

Protected: test

May 25, 2025
Placeholder Square Image

Visit Google.com for more information.

स्वतंत्रता संग्राम में उत्तराखंड की भूमिका (Role of Uttarakhand in the Freedom Struggle)

June 4, 2025

सर्वोच्च न्यायालय (Supreme Court)

May 27, 2025

गुप्त काल: प्रशासन (Gupta Period: Administration)

May 25, 2025

Protected: test

May 25, 2025

हिंदी लोकोक्तियाँ और उनके प्रयोग

May 24, 2025

मुहावरे और उनके अर्थ

May 24, 2025
  • Contact us
  • Disclaimer
  • Register
  • Login
  • Privacy Policy
: whatsapp us on +918057391081 E-mail: setupragya@gmail.com
No Result
View All Result
  • Home
  • Hindi
  • History
  • Geography
  • General Science
  • Uttarakhand
  • Economics
  • Environment
  • Static Gk
  • Quiz
  • Polity
  • Computer
  • Login
  • Contact us
  • Privacy Policy

© 2024 GyanPragya - ArchnaChaudhary.