Gyan Pragya
No Result
View All Result
BPSC: 71st Combined Pre Exam - Last Date: 30-06-2025 | SSC: Combined Graduate Level (CGL) - 14582 Posts - Last Date: 04-07-2025
  • Current Affairs
  • Quiz
  • History
  • Geography
  • Polity
  • Hindi
  • Economics
  • General Science
  • Environment
  • Static Gk
  • Uttarakhand
Gyan Pragya
No Result
View All Result

भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की स्थापना (Formation of Indian National Congress)

भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की स्थापना (UPSC/PCS केंद्रित नोट्स)

भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की स्थापना (UPSC/PCS केंद्रित नोट्स)

भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस (INC) की स्थापना 28 दिसंबर, 1885 को बंबई में ए.ओ. ह्यूम (Allan Octavian Hume) द्वारा की गई थी। यह भारत के स्वतंत्रता आंदोलन में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित हुई और इसने देश के विभिन्न हिस्सों से शिक्षित भारतीयों को एक मंच पर लाने का कार्य किया। इसका प्रारंभिक उद्देश्य भारतीयों की राजनीतिक, सामाजिक और आर्थिक आकांक्षाओं को ब्रिटिश सरकार के समक्ष प्रस्तुत करना था।

1. पृष्ठभूमि और स्थापना के कारण (Background and Causes for Establishment)

19वीं सदी के उत्तरार्ध में भारत में राजनीतिक चेतना का उदय हो रहा था, जिससे एक अखिल भारतीय संगठन की आवश्यकता महसूस हुई।

  • राजनीतिक चेतना का उदय: 19वीं सदी के मध्य तक, भारत में राष्ट्रवाद और राजनीतिक चेतना का उदय हो रहा था। विभिन्न क्षेत्रीय संगठन जैसे पूना सार्वजनिक सभा, इंडियन एसोसिएशन आदि सक्रिय थे।
  • ब्रिटिश नीतियों के प्रति असंतोष: ब्रिटिश सरकार की भेदभावपूर्ण नीतियाँ, आर्थिक शोषण और भारतीयों के प्रति उपेक्षापूर्ण रवैया व्यापक असंतोष का कारण बन रहा था।
  • शिक्षित भारतीयों की आकांक्षाएँ: पश्चिमी शिक्षा प्राप्त भारतीय, ब्रिटिश प्रशासन में अधिक प्रतिनिधित्व और भारतीयों के अधिकारों की सुरक्षा चाहते थे।
  • ‘सेफ्टी वाल्व’ सिद्धांत: कुछ इतिहासकारों का मानना है कि ए.ओ. ह्यूम ने कांग्रेस की स्थापना एक ‘सेफ्टी वाल्व’ के रूप में की थी, ताकि भारतीयों के बढ़ते असंतोष को एक सुरक्षित और नियंत्रित तरीके से बाहर निकाला जा सके और एक बड़े विद्रोह को रोका जा सके।
  • ए.ओ. ह्यूम की भूमिका: एक सेवानिवृत्त ब्रिटिश सिविल सेवक, ए.ओ. ह्यूम ने भारतीयों को एक मंच पर लाने और उनके विचारों को सरकार तक पहुँचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

2. स्थापना और प्रारंभिक सत्र (Establishment and Early Sessions)

कांग्रेस का पहला सत्र बंबई में आयोजित किया गया था, जिसने भारत के राजनीतिक इतिहास में एक नए युग की शुरुआत की।

  • स्थापना की तिथि और स्थान: भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की स्थापना 28 दिसंबर, 1885 को बंबई के गोकुलदास तेजपाल संस्कृत कॉलेज में हुई थी।
  • प्रथम अध्यक्ष: इसके प्रथम अध्यक्ष व्योमेश चंद्र बनर्जी (W.C. Bonnerjee) थे।
  • प्रतिनिधि: पहले सत्र में भारत के विभिन्न हिस्सों से 72 प्रतिनिधियों ने भाग लिया।
  • प्रारंभिक उद्देश्य: शुरुआती वर्षों में, कांग्रेस का उद्देश्य ब्रिटिश सरकार के समक्ष भारतीयों की मांगों को शांतिपूर्ण और संवैधानिक तरीकों से प्रस्तुत करना था। इसमें प्रशासन में भारतीयों की भागीदारी बढ़ाना, सिविल सेवाओं का भारतीयकरण, और विधान परिषदों का विस्तार शामिल था।
  • वार्षिक सत्र: कांग्रेस हर साल देश के विभिन्न शहरों में अपने वार्षिक सत्र आयोजित करती थी।

3. प्रारंभिक चरण (1885-1905): उदारवादी युग (Early Phase: 1885-1905 – Moderate Era)

कांग्रेस के प्रारंभिक नेता ‘उदारवादी’ कहलाए, जिन्होंने संवैधानिक तरीकों में विश्वास किया।

  • प्रमुख उदारवादी नेता: दादाभाई नौरोजी, फिरोजशाह मेहता, सुरेंद्रनाथ बनर्जी, गोपाल कृष्ण गोखले, और व्योमेश चंद्र बनर्जी प्रमुख उदारवादी नेता थे।
  • कार्यप्रणाली: उदारवादी नेता याचिकाओं, प्रस्तावों, बैठकों और प्रतिनिधिमंडलों के माध्यम से अपनी माँगें रखते थे। वे ब्रिटिश न्याय और ईमानदारी में विश्वास रखते थे।
  • प्रमुख माँगें:
    • विधान परिषदों का विस्तार और उनमें भारतीयों की भागीदारी बढ़ाना।
    • सिविल सेवाओं का भारतीयकरण।
    • सैन्य व्यय में कमी।
    • किसानों और श्रमिकों के हितों की रक्षा।
    • प्रेस की स्वतंत्रता।
  • ‘ड्रेन ऑफ वेल्थ’ सिद्धांत: दादाभाई नौरोजी ने अपने ‘ड्रेन ऑफ वेल्थ’ (धन का निष्कासन) सिद्धांत के माध्यम से ब्रिटिश आर्थिक शोषण को उजागर किया।
  • सीमित सफलताएँ: उदारवादियों को कुछ सीमित सफलताएँ मिलीं, जैसे भारतीय परिषद अधिनियम 1892, जिसने विधान परिषदों में भारतीयों की संख्या बढ़ाई, हालांकि अधिकार सीमित थे।

4. कांग्रेस की स्थापना का महत्व (Significance of Congress’s Establishment)

भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की स्थापना ने भारत के स्वतंत्रता संग्राम की नींव रखी।

  • अखिल भारतीय मंच: इसने भारत के विभिन्न क्षेत्रों और समुदायों के शिक्षित भारतीयों को एक साझा मंच प्रदान किया।
  • राजनीतिक शिक्षा: कांग्रेस ने भारतीयों को राजनीतिक शिक्षा दी और उन्हें अपने अधिकारों और कर्तव्यों के प्रति जागरूक किया।
  • राष्ट्रवाद का विकास: इसने भारतीयों में राष्ट्रवाद की भावना को बढ़ावा दिया और उन्हें एक साझा पहचान दी।
  • आधुनिक राष्ट्रीय आंदोलन का आधार: कांग्रेस ने भारत के आधुनिक राष्ट्रीय आंदोलन की नींव रखी और भविष्य के बड़े आंदोलनों के लिए मार्ग प्रशस्त किया।
  • ब्रिटिश सरकार पर दबाव: यद्यपि प्रारंभिक सफलताएँ सीमित थीं, कांग्रेस ने ब्रिटिश सरकार पर भारतीयों की मांगों पर ध्यान देने के लिए दबाव बनाना शुरू किया।
  • नेतृत्व का विकास: इसने कई महान नेताओं को जन्म दिया जिन्होंने बाद में स्वतंत्रता संग्राम में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

5. निष्कर्ष (Conclusion)

भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की स्थापना भारत के इतिहास में एक निर्णायक क्षण था। ए.ओ. ह्यूम द्वारा बंबई में स्थापित इस संगठन ने भारतीयों को एक एकजुट राजनीतिक मंच प्रदान किया, जिससे वे अपनी आकांक्षाओं को ब्रिटिश सरकार के समक्ष रख सकें। अपने प्रारंभिक उदारवादी चरण में, कांग्रेस ने संवैधानिक तरीकों से सुधारों की वकालत की और ‘धन के निष्कासन’ जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों को उजागर किया। यद्यपि इसकी तात्कालिक सफलताएँ सीमित थीं, कांग्रेस ने भारत में राजनीतिक चेतना, राष्ट्रवाद और एक संगठित राष्ट्रीय आंदोलन की नींव रखी। इसने भविष्य के स्वतंत्रता संग्राम के लिए नेतृत्व और दिशा प्रदान की, जिससे अंततः भारत को ब्रिटिश शासन से मुक्ति मिली।

SendShare
Previous Post

राजा राममोहन राय (Raja Rammohan Roy)

Next Post

भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के महत्त्वपूर्ण सत्र (Important Sessions of Indian National Congress)

Related Posts

History

मुगल साम्राज्य का पतन (Decline of Mughal Empire)

May 26, 2025

मुगल साम्राज्य का पतन (UPSC/PCS केंद्रित नोट्स) औरंगजेब की मृत्यु (1707 ईस्वी) के बाद मुगल साम्राज्य का तेजी से पतन...

History

भाषाई पुनर्गठन (Linguistic Reorganization)

May 26, 2025

भाषाई पुनर्गठन (UPSC/PCS केंद्रित नोट्स) भाषाई पुनर्गठन (UPSC/PCS केंद्रित नोट्स) भाषाई पुनर्गठन (Linguistic Reorganization) स्वतंत्र भारत के इतिहास की एक...

History

हैदराबाद, जूनागढ़ और कश्मीर मुद्दा (Hyderabad, Junagarh, Kashmir Issues)

May 26, 2025

हैदराबाद, जूनागढ़ और कश्मीर मुद्दा (UPSC/PCS केंद्रित नोट्स) हैदराबाद, जूनागढ़ और कश्मीर मुद्दा (UPSC/PCS केंद्रित नोट्स) हैदराबाद, जूनागढ़ और जम्मू-कश्मीर...

Next Post

भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के महत्त्वपूर्ण सत्र (Important Sessions of Indian National Congress)

बंगाल का विभाजन (Partition of Bengal)

स्वदेशी आंदोलन (Swadeshi Movement)

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Uttarakhnd

स्वतंत्रता संग्राम में उत्तराखंड की भूमिका (Role of Uttarakhand in the Freedom Struggle)

June 4, 2025
Polity

सर्वोच्च न्यायालय (Supreme Court)

May 27, 2025
Quiz

गुप्त काल: प्रशासन (Gupta Period: Administration)

May 25, 2025
uncategorized

Protected: test

May 25, 2025
Placeholder Square Image

Visit Google.com for more information.

स्वतंत्रता संग्राम में उत्तराखंड की भूमिका (Role of Uttarakhand in the Freedom Struggle)

June 4, 2025

सर्वोच्च न्यायालय (Supreme Court)

May 27, 2025

गुप्त काल: प्रशासन (Gupta Period: Administration)

May 25, 2025

Protected: test

May 25, 2025

हिंदी लोकोक्तियाँ और उनके प्रयोग

May 24, 2025

मुहावरे और उनके अर्थ

May 24, 2025
  • Contact us
  • Disclaimer
  • Register
  • Login
  • Privacy Policy
: whatsapp us on +918057391081 E-mail: setupragya@gmail.com
No Result
View All Result
  • Home
  • Hindi
  • History
  • Geography
  • General Science
  • Uttarakhand
  • Economics
  • Environment
  • Static Gk
  • Quiz
  • Polity
  • Computer
  • Login
  • Contact us
  • Privacy Policy

© 2024 GyanPragya - ArchnaChaudhary.