भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के महत्त्वपूर्ण सत्र (Important Sessions of Indian National Congress)
परिचय
भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के सत्र भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के महत्वपूर्ण पड़ाव रहे हैं। इन सत्रों में लिए गए निर्णय और प्रस्ताव स्वतंत्रता आंदोलन को दिशा प्रदान करते थे। यहाँ 25 प्रमुख सत्र और उनकी जानकारी दी गई है।
महत्त्वपूर्ण सत्र
क्रमांक | स्थान | वर्ष | अध्यक्ष | महत्त्व |
---|---|---|---|---|
1 | मुंबई | 1885 | डब्ल्यू. सी. बनर्जी | भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस का पहला सत्र। |
2 | कोलकाता | 1886 | दादा भाई नौरोजी | कांग्रेस को देशव्यापी पहचान मिली। |
3 | मद्रास | 1887 | बदरुद्दीन तैयबजी | पहली बार मुस्लिम अध्यक्ष। |
4 | इलाहाबाद | 1888 | जॉर्ज यूल | पहले ब्रिटिश अध्यक्ष। |
5 | लखनऊ | 1899 | रमेश चंद्र दत्त | कृषि सुधारों पर चर्चा। |
6 | कोलकाता | 1906 | दादा भाई नौरोजी | स्वराज का प्रस्ताव पारित। |
7 | सूरत | 1907 | रशी बिहारी घोष | कांग्रेस नरमपंथियों और उग्रपंथियों में विभाजित। |
8 | लखनऊ | 1916 | अम्बिका चरण मजूमदार | मुस्लिम लीग और कांग्रेस के बीच समझौता। |
9 | कलकत्ता | 1920 | सी. आर. दास | गांधी जी का असहयोग आंदोलन शुरू। |
10 | काकीनाडा | 1923 | महात्मा गांधी | असहयोग आंदोलन की समीक्षा। |
11 | लाहौर | 1929 | जवाहरलाल नेहरू | पूर्ण स्वराज का प्रस्ताव। |
12 | कराची | 1931 | सदार पटेल | गांधी-इरविन समझौता। |
13 | फैजपुर | 1936 | जवाहरलाल नेहरू | किसानों के अधिकारों पर जोर। |
14 | हरिपुरा | 1938 | सुभाष चंद्र बोस | राष्ट्रीय योजना समिति की स्थापना। |
15 | त्रिपुरी | 1939 | सुभाष चंद्र बोस | महात्मा गांधी और सुभाष बोस के बीच मतभेद। |
16 | रामगढ़ | 1940 | अबुल कलाम आजाद | भारत छोड़ो आंदोलन की भूमिका। |
17 | बंबई | 1942 | महात्मा गांधी | भारत छोड़ो आंदोलन। |
18 | मेरठ | 1946 | जवाहरलाल नेहरू | स्वतंत्रता की ओर बढ़ते कदम। |