Gyan Pragya
No Result
View All Result
BPSC: 71st Combined Pre Exam - Last Date: 30-06-2025 | SSC: Combined Graduate Level (CGL) - 14582 Posts - Last Date: 04-07-2025
  • Current Affairs
  • Quiz
  • History
  • Geography
  • Polity
  • Hindi
  • Economics
  • General Science
  • Environment
  • Static Gk
  • Uttarakhand
Gyan Pragya
No Result
View All Result

स्वतंत्रता अधिनियम (Indian Independence Act)

भारतीय स्वतंत्रता अधिनियम (UPSC/PCS केंद्रित नोट्स)

भारतीय स्वतंत्रता अधिनियम, 1947 (UPSC/PCS केंद्रित नोट्स)

भारतीय स्वतंत्रता अधिनियम, 1947 (Indian Independence Act, 1947) ब्रिटिश संसद द्वारा पारित एक ऐतिहासिक कानून था, जिसने भारत के विभाजन और भारत तथा पाकिस्तान नामक दो स्वतंत्र डोमिनियन राज्यों के निर्माण को कानूनी रूप दिया। यह अधिनियम 18 जुलाई, 1947 को शाही स्वीकृति प्राप्त करने के बाद लागू हुआ और इसने 15 अगस्त, 1947 को ब्रिटिश शासन को समाप्त कर दिया।

1. पृष्ठभूमि और अधिनियम के कारण (Background and Reasons for the Act)

द्वितीय विश्व युद्ध के बाद की अंतर्राष्ट्रीय और राष्ट्रीय परिस्थितियों ने ब्रिटिश सरकार को भारत को स्वतंत्रता प्रदान करने के लिए मजबूर किया।

  • ब्रिटिश सरकार की घोषणा: ब्रिटिश प्रधान मंत्री क्लीमेंट एटली ने 20 फरवरी, 1947 को घोषणा की थी कि ब्रिटिश शासन जून 1948 तक भारत छोड़ देगा।
  • माउंटबेटन योजना (3 जून योजना): लॉर्ड माउंटबेटन ने भारत के विभाजन और सत्ता हस्तांतरण के लिए 3 जून, 1947 को अपनी योजना प्रस्तुत की, जिसे कांग्रेस और मुस्लिम लीग दोनों ने स्वीकार कर लिया था। यह अधिनियम इसी योजना पर आधारित था।
  • बढ़ती सांप्रदायिक हिंसा: भारत में, विशेषकर बंगाल और पंजाब में, व्यापक सांप्रदायिक दंगे और हिंसा फैल गई थी, जिससे ब्रिटिश सरकार को सत्ता हस्तांतरण की प्रक्रिया को तेज करना पड़ा।
  • अंतर्राष्ट्रीय दबाव: द्वितीय विश्व युद्ध के बाद ब्रिटेन पर भारत को स्वतंत्रता देने का अंतर्राष्ट्रीय दबाव बढ़ गया था।

2. भारतीय स्वतंत्रता अधिनियम, 1947 के प्रमुख प्रावधान (Key Provisions of the Indian Independence Act, 1947)

इस अधिनियम ने भारत के विभाजन और दो नए राष्ट्रों के निर्माण के लिए विस्तृत प्रावधान किए।

  • दो स्वतंत्र डोमिनियन राज्यों का निर्माण:
    • 15 अगस्त, 1947 से, भारत में ब्रिटिश शासन समाप्त हो जाएगा और भारत और पाकिस्तान नामक दो स्वतंत्र डोमिनियन राज्य अस्तित्व में आएंगे।
    • प्रत्येक डोमिनियन को ब्रिटिश राष्ट्रमंडल से अलग होने का अधिकार होगा।
  • वायसराय का पद समाप्त: भारत के वायसराय का पद समाप्त कर दिया गया और प्रत्येक डोमिनियन के लिए एक गवर्नर-जनरल का पद सृजित किया गया, जिसे ब्रिटिश सम्राट द्वारा नियुक्त किया जाएगा, लेकिन संबंधित डोमिनियन की सरकार की सलाह पर।
  • संविधान सभाओं की संप्रभुता:
    • प्रत्येक डोमिनियन की अपनी संविधान सभा होगी, जिसे अपने-अपने संविधान का निर्माण करने की पूर्ण शक्ति प्राप्त होगी।
    • ये संविधान सभाएँ अपने-अपने डोमिनियन के लिए विधायिका के रूप में भी कार्य करेंगी, जब तक कि नया संविधान लागू नहीं हो जाता।
  • ब्रिटिश संसद का अधिकार समाप्त: ब्रिटिश संसद का भारत या पाकिस्तान के संबंध में कोई कानून बनाने का अधिकार समाप्त कर दिया गया।
  • रियासतों पर संप्रभुता का अंत: रियासतों पर ब्रिटिश ताज की संप्रभुता (Paramountcy) समाप्त कर दी गई। उन्हें भारत या पाकिस्तान में शामिल होने या स्वतंत्र रहने का विकल्प दिया गया।
  • भारत के राज्य सचिव का पद समाप्त: भारत के राज्य सचिव का पद समाप्त कर दिया गया और उसके कार्य राष्ट्रमंडल मामलों के राज्य सचिव को हस्तांतरित कर दिए गए।
  • शाही उपाधि का अंत: ब्रिटिश सम्राट की ‘भारत के सम्राट’ की शाही उपाधि समाप्त कर दी गई।
  • सेना और संपत्ति का विभाजन: अधिनियम में सेना, संपत्ति, वित्तीय संपत्तियों और देनदारियों के विभाजन के लिए प्रावधान किए गए।
  • सीमा आयोग: पंजाब और बंगाल के विभाजन के लिए सीमा आयोगों की स्थापना का प्रावधान किया गया।

3. अधिनियम का क्रियान्वयन (Implementation of the Act)

अधिनियम के प्रावधानों को 15 अगस्त, 1947 को लागू किया गया।

  • स्वतंत्रता दिवस: 15 अगस्त, 1947 को, भारत और पाकिस्तान दो स्वतंत्र डोमिनियन राज्यों के रूप में अस्तित्व में आए।
  • भारत के पहले गवर्नर-जनरल: लॉर्ड माउंटबेटन को स्वतंत्र भारत का पहला गवर्नर-जनरल नियुक्त किया गया।
  • पाकिस्तान के पहले गवर्नर-जनरल: मुहम्मद अली जिन्ना को पाकिस्तान का पहला गवर्नर-जनरल नियुक्त किया गया।
  • अंतरिम सरकारें: दोनों डोमिनियन में अंतरिम सरकारें स्थापित की गईं, जो संविधान सभाओं के माध्यम से कार्य करेंगी।

4. अधिनियम का महत्व और परिणाम (Significance and Consequences of the Act)

भारतीय स्वतंत्रता अधिनियम ने भारत में ब्रिटिश शासन के अंत को चिह्नित किया और एक नए युग की शुरुआत की।

  • ब्रिटिश शासन का अंत: इसने भारत में ब्रिटिश औपनिवेशिक शासन को समाप्त कर दिया, जो लगभग 200 वर्षों से चला आ रहा था।
  • भारत और पाकिस्तान का जन्म: इसने भारत और पाकिस्तान नामक दो स्वतंत्र राष्ट्रों को जन्म दिया।
  • सत्ता का शांतिपूर्ण हस्तांतरण: यद्यपि विभाजन के साथ हिंसा हुई, अधिनियम ने ब्रिटिश सरकार से भारतीय हाथों में सत्ता का कानूनी और शांतिपूर्ण हस्तांतरण सुनिश्चित किया।
  • संविधान निर्माण का मार्ग प्रशस्त: इसने संविधान सभाओं को अपने-अपने देशों के लिए संप्रभु संविधान बनाने का पूर्ण अधिकार दिया।
  • रियासतों का एकीकरण: रियासतों पर ब्रिटिश संप्रभुता समाप्त होने से उन्हें भारत या पाकिस्तान में शामिल होने का विकल्प मिला, जिससे बाद में उनका एकीकरण हुआ।
  • विभाजन की त्रासदी: हालांकि, इस अधिनियम ने भारत के विभाजन को कानूनी रूप दिया, जिसके कारण बड़े पैमाने पर विस्थापन, सांप्रदायिक हिंसा और लाखों लोगों की मौत हुई।

5. निष्कर्ष (Conclusion)

भारतीय स्वतंत्रता अधिनियम, 1947 ब्रिटिश शासन के अंत और भारत की स्वतंत्रता का प्रतीक था। माउंटबेटन योजना पर आधारित इस अधिनियम ने भारत को भारत और पाकिस्तान नामक दो स्वतंत्र डोमिनियन राज्यों में विभाजित किया। यद्यपि इस अधिनियम ने स्वतंत्रता प्रदान की, इसने विभाजन की त्रासदी को भी जन्म दिया, जिसके कारण बड़े पैमाने पर विस्थापन और सांप्रदायिक हिंसा हुई। यह अधिनियम भारतीय इतिहास में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर बना रहेगा, जिसने एक नए युग की शुरुआत की और भारत को अपने भविष्य को स्वयं आकार देने का अवसर प्रदान किया।

SendShare
Previous Post

माउंटबेटन योजना (Mountbatten Plan)

Next Post

क्षेत्रीयता (Regionalism)

Related Posts

History

मुगल साम्राज्य का पतन (Decline of Mughal Empire)

May 26, 2025

मुगल साम्राज्य का पतन (UPSC/PCS केंद्रित नोट्स) औरंगजेब की मृत्यु (1707 ईस्वी) के बाद मुगल साम्राज्य का तेजी से पतन...

History

भाषाई पुनर्गठन (Linguistic Reorganization)

May 26, 2025

भाषाई पुनर्गठन (UPSC/PCS केंद्रित नोट्स) भाषाई पुनर्गठन (UPSC/PCS केंद्रित नोट्स) भाषाई पुनर्गठन (Linguistic Reorganization) स्वतंत्र भारत के इतिहास की एक...

History

हैदराबाद, जूनागढ़ और कश्मीर मुद्दा (Hyderabad, Junagarh, Kashmir Issues)

May 26, 2025

हैदराबाद, जूनागढ़ और कश्मीर मुद्दा (UPSC/PCS केंद्रित नोट्स) हैदराबाद, जूनागढ़ और कश्मीर मुद्दा (UPSC/PCS केंद्रित नोट्स) हैदराबाद, जूनागढ़ और जम्मू-कश्मीर...

Next Post

क्षेत्रीयता (Regionalism)

सांप्रदायिकता (Communalism)

रियासतों का एकीकरण (Integration of Princely States)

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Uttarakhnd

स्वतंत्रता संग्राम में उत्तराखंड की भूमिका (Role of Uttarakhand in the Freedom Struggle)

June 4, 2025
Polity

सर्वोच्च न्यायालय (Supreme Court)

May 27, 2025
Quiz

गुप्त काल: प्रशासन (Gupta Period: Administration)

May 25, 2025
uncategorized

Protected: test

May 25, 2025
Placeholder Square Image

Visit Google.com for more information.

स्वतंत्रता संग्राम में उत्तराखंड की भूमिका (Role of Uttarakhand in the Freedom Struggle)

June 4, 2025

सर्वोच्च न्यायालय (Supreme Court)

May 27, 2025

गुप्त काल: प्रशासन (Gupta Period: Administration)

May 25, 2025

Protected: test

May 25, 2025

हिंदी लोकोक्तियाँ और उनके प्रयोग

May 24, 2025

मुहावरे और उनके अर्थ

May 24, 2025
  • Contact us
  • Disclaimer
  • Register
  • Login
  • Privacy Policy
: whatsapp us on +918057391081 E-mail: setupragya@gmail.com
No Result
View All Result
  • Home
  • Hindi
  • History
  • Geography
  • General Science
  • Uttarakhand
  • Economics
  • Environment
  • Static Gk
  • Quiz
  • Polity
  • Computer
  • Login
  • Contact us
  • Privacy Policy

© 2024 GyanPragya - ArchnaChaudhary.