Gyan Pragya
No Result
View All Result
BPSC: 71st Combined Pre Exam - Last Date: 30-06-2025 | SSC: Combined Graduate Level (CGL) - 14582 Posts - Last Date: 04-07-2025
  • Current Affairs
  • Quiz
  • History
  • Geography
  • Polity
  • Hindi
  • Economics
  • General Science
  • Environment
  • Static Gk
  • Uttarakhand
Gyan Pragya
No Result
View All Result

पाल वंश (Palas)

प्रारंभिक मध्यकालीन काल: पाल वंश (UPSC/PCS केंद्रित नोट्स)

प्रारंभिक मध्यकालीन काल: पाल वंश (UPSC/PCS केंद्रित नोट्स)

हर्षवर्धन के साम्राज्य के विघटन के बाद, उत्तरी भारत में राजनीतिक अस्थिरता का दौर था। इसी समय, पूर्वी भारत में पाल वंश का उदय हुआ, जिसने लगभग 8वीं शताब्दी ईस्वी से 12वीं शताब्दी ईस्वी तक बंगाल और बिहार के क्षेत्रों पर शासन किया। पाल शासक बौद्ध धर्म के महान संरक्षक थे और उन्होंने कला, साहित्य और शिक्षा के क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान दिया।

1. उद्भव और प्रमुख शासक (Origin and Prominent Rulers)

  • क्षेत्र: मुख्य रूप से बंगाल और बिहार।
  • संस्थापक: गोपाल (लगभग 750-770 ईस्वी)।
    • बंगाल में फैली अराजकता को समाप्त करने के लिए लोगों द्वारा चुना गया।
    • उसने ओदंतपुरी में एक मठ का निर्माण करवाया।
  • प्रमुख शासक:
    • धर्मपाल (लगभग 770-810 ईस्वी):
      • पाल वंश का सबसे महान शासक।
      • उसने पाल साम्राज्य का विस्तार किया और इसे उत्तरी भारत के प्रमुख राज्यों की श्रेणी में स्थापित किया।
      • कन्नौज पर नियंत्रण के लिए त्रिपक्षीय संघर्ष (पाल, प्रतिहार, राष्ट्रकूट) में सक्रिय रूप से भाग लिया।
      • उसने विक्रमशिला विश्वविद्यालय और सोमपुरी महाविहार (पाहड़पुर, बांग्लादेश) की स्थापना की।
      • नालंदा विश्वविद्यालय को 200 गाँव दान में दिए।
    • देवपाल (लगभग 810-850 ईस्वी):
      • धर्मपाल का पुत्र।
      • अपने पिता की विजयों को जारी रखा और साम्राज्य का और विस्तार किया (असम और उड़ीसा के कुछ हिस्सों तक)।
      • उसने मुंगेर (बिहार) को अपनी राजधानी बनाया।
      • उसने जावा के शैलेंद्र राजा बालपुत्रदेव को नालंदा में एक मठ बनाने की अनुमति दी।
    • महिपाल प्रथम (लगभग 988-1038 ईस्वी):
      • पाल वंश का द्वितीय संस्थापक माना जाता है, जिसने पाल शक्ति को पुनर्जीवित किया।
      • उसने समस्त बंगाल और मगध पर शासन किया।
    • रामपाल (लगभग 1077-1130 ईस्वी):
      • पाल वंश का अंतिम महत्वपूर्ण शासक।
      • उसने कामरूप (असम) और उड़ीसा पर नियंत्रण स्थापित किया।

2. प्रशासन (Administration)

पाल प्रशासन राजतंत्रात्मक था, जिसमें राजा सर्वोच्च होता था, लेकिन सामंतों की भूमिका भी महत्वपूर्ण थी।

  • राजा: राजा ‘महाराजाधिराज’, ‘परमेश्वर’ और ‘परमभट्टारक’ जैसी उपाधियाँ धारण करते थे।
  • प्रांतीय प्रशासन: साम्राज्य को ‘भुक्ति’ (प्रांत), ‘विषय’ (जिले) और ‘मंडला’ (छोटे समूह) में विभाजित किया गया था।
  • ग्राम प्रशासन: ग्राम प्रशासन की सबसे छोटी इकाई थी।
  • राजस्व: भू-राजस्व राज्य की आय का मुख्य स्रोत था।
  • सैन्य: पाल शासकों के पास एक विशाल सेना थी, जिसमें हाथियों की एक बड़ी टुकड़ी शामिल थी, जो उनकी सैन्य शक्ति का एक महत्वपूर्ण हिस्सा थी।
  • सामंतवाद: सामंतों की महत्वपूर्ण भूमिका थी, जो केंद्रीय शासक को सैन्य सहायता प्रदान करते थे।

3. कला और स्थापत्य (Art and Architecture)

पाल काल को बौद्ध कला का स्वर्ण युग माना जाता है, विशेषकर मूर्तिकला और पांडुलिपि चित्रकला के क्षेत्र में।

  • पाल शैली:
    • यह कला शैली मुख्य रूप से बिहार और बंगाल में विकसित हुई।
    • विशेषता: चिकने काले रंग के कसौटी वाले पाषाण और धातुओं (विशेषकर कांस्य) का उपयोग करके मूर्तियों का निर्माण।
    • धीमान और वित्तपाल को इस शैली का प्रवर्तक माना जाता है।
  • मूर्तिकला:
    • बौद्ध देवी-देवताओं (बुद्ध, बोधिसत्व, तारा) की मूर्तियाँ प्रमुख थीं।
    • हिंदू देवी-देवताओं (विष्णु, सूर्य, गणेश, शिव-पार्वती) की मूर्तियाँ भी बनाई गईं, जो धार्मिक सहिष्णुता दर्शाती हैं।
    • मूर्तियों में गुप्तकालीन पूर्वी भारतीय कला शैली का प्रभाव स्पष्ट है।
  • पांडुलिपि चित्रकला (लघु चित्रकारी):
    • ताड़ के पत्तों पर बौद्ध ग्रंथों (जैसे प्रज्ञापारमिता) के चित्रण के लिए प्रसिद्ध।
    • ये चित्रकलाएँ नेपाल, तिब्बत और दक्षिण-पूर्व एशिया में बौद्ध कला को प्रभावित किया।
  • स्थापत्य:
    • पाल शासकों ने कई बौद्ध विहार, मठ और स्तूप बनवाए।
    • सोमपुरी महाविहार (पाहड़पुर, बांग्लादेश): धर्मपाल द्वारा निर्मित, यह एक विशाल बौद्ध मठ परिसर था और यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल है।
    • ओदंतपुरी और विक्रमशिला में भी महत्वपूर्ण बौद्ध संरचनाएँ थीं।
    • कुछ हिंदू मंदिरों का निर्माण भी हुआ (जैसे गया में विष्णुपद मंदिर)।

4. साहित्य और शिक्षा (Literature and Education)

पाल शासक शिक्षा और साहित्य के महान संरक्षक थे, विशेषकर बौद्ध शिक्षा के।

  • प्रमुख शिक्षा केंद्र (विश्वविद्यालय):
    • नालंदा विश्वविद्यालय: गुप्त काल में स्थापित, पाल शासकों (विशेषकर धर्मपाल) द्वारा इसे संरक्षण और दान मिला। यह बौद्ध शिक्षा का एक अंतरराष्ट्रीय केंद्र था।
    • विक्रमशिला विश्वविद्यालय: धर्मपाल द्वारा स्थापित (बिहार के भागलपुर जिले में), यह वज्रयान बौद्ध धर्म का एक महत्वपूर्ण केंद्र था।
    • ओदंतपुरी विश्वविद्यालय: गोपाल द्वारा स्थापित।
    • ये विश्वविद्यालय देश-विदेश से छात्रों और विद्वानों को आकर्षित करते थे।
  • साहित्य:
    • संस्कृत और प्राकृत भाषाओं के साहित्य को संरक्षण मिला।
    • बौद्ध विद्वानों ने कई ग्रंथों की रचना की।
    • अतीश दीपांकर: विक्रमशिला के एक प्रसिद्ध बौद्ध विद्वान, जिन्होंने तिब्बत में बौद्ध धर्म के प्रसार में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

5. धर्म (Religion)

पाल शासक मुख्य रूप से बौद्ध धर्म (महायान और वज्रयान शाखा) के अनुयायी थे, लेकिन धार्मिक रूप से सहिष्णु थे।

  • उन्होंने बौद्ध धर्म के प्रसार और विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
  • हिंदू धर्म (शैव और वैष्णव) को भी संरक्षण दिया गया, और हिंदू मंदिरों का निर्माण हुआ।
  • इस काल में बौद्ध धर्म का तिब्बत और दक्षिण-पूर्व एशिया में प्रसार हुआ।

6. पतन (Decline)

पाल वंश का पतन 12वीं शताब्दी ईस्वी के अंत तक शुरू हो गया था।

  • त्रिपक्षीय संघर्ष: गुर्जर-प्रतिहारों और राष्ट्रकूटों के साथ लगातार संघर्षों ने पाल शक्ति को कमजोर किया।
  • आंतरिक कमजोरियाँ: देवपाल के बाद के शासक कमजोर थे, जिससे साम्राज्य में विघटन शुरू हुआ।
  • क्षेत्रीय शक्तियों का उदय: साम्राज्य के भीतर से कई सामंतों और क्षेत्रीय शक्तियों ने अपनी स्वतंत्रता घोषित कर दी।
  • बाहरी आक्रमण:
    • 11वीं शताब्दी में चोल साम्राज्य के राजेंद्र प्रथम ने पाल साम्राज्य पर आक्रमण किया।
    • 12वीं शताब्दी में सेन वंश के उदय ने पाल वंश के प्रभुत्व को समाप्त कर दिया।
    • अंततः, तुर्क आक्रमणकारी बख्तियार खिलजी ने 12वीं शताब्दी के अंत में बिहार और बंगाल पर आक्रमण किया, जिससे पाल वंश का पूरी तरह से अंत हो गया और नालंदा व विक्रमशिला जैसे विश्वविद्यालयों को भारी नुकसान पहुंचा।

7. निष्कर्ष (Conclusion)

पाल वंश प्रारंभिक मध्यकालीन भारत में एक महत्वपूर्ण शक्ति था, जिसने पूर्वी भारत में राजनीतिक स्थिरता प्रदान की और बौद्ध धर्म को पुनर्जीवित किया। उनकी कलात्मक और स्थापत्य विरासत, विशेषकर बौद्ध मठों और मूर्तियों के रूप में, भारतीय इतिहास में एक अमिट छाप छोड़ गई है। हालांकि, लगातार संघर्षों और आंतरिक कमजोरियों के कारण अंततः उनका पतन हो गया, जिससे पूर्वी भारत में एक नए युग की शुरुआत हुई।

SendShare
Previous Post

राजपूत राज्य (Rajput Kingdoms)

Next Post

प्रतिहार ( Pratiharas)

Related Posts

History

मुगल साम्राज्य का पतन (Decline of Mughal Empire)

May 26, 2025

मुगल साम्राज्य का पतन (UPSC/PCS केंद्रित नोट्स) औरंगजेब की मृत्यु (1707 ईस्वी) के बाद मुगल साम्राज्य का तेजी से पतन...

History

भाषाई पुनर्गठन (Linguistic Reorganization)

May 26, 2025

भाषाई पुनर्गठन (UPSC/PCS केंद्रित नोट्स) भाषाई पुनर्गठन (UPSC/PCS केंद्रित नोट्स) भाषाई पुनर्गठन (Linguistic Reorganization) स्वतंत्र भारत के इतिहास की एक...

History

हैदराबाद, जूनागढ़ और कश्मीर मुद्दा (Hyderabad, Junagarh, Kashmir Issues)

May 26, 2025

हैदराबाद, जूनागढ़ और कश्मीर मुद्दा (UPSC/PCS केंद्रित नोट्स) हैदराबाद, जूनागढ़ और कश्मीर मुद्दा (UPSC/PCS केंद्रित नोट्स) हैदराबाद, जूनागढ़ और जम्मू-कश्मीर...

Next Post

प्रतिहार ( Pratiharas)

राष्ट्रकूट (Rashtrakutas)

अरब आक्रमण (Arab Invasion)

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Uttarakhnd

स्वतंत्रता संग्राम में उत्तराखंड की भूमिका (Role of Uttarakhand in the Freedom Struggle)

June 4, 2025
Polity

सर्वोच्च न्यायालय (Supreme Court)

May 27, 2025
Quiz

गुप्त काल: प्रशासन (Gupta Period: Administration)

May 25, 2025
uncategorized

Protected: test

May 25, 2025
Placeholder Square Image

Visit Google.com for more information.

स्वतंत्रता संग्राम में उत्तराखंड की भूमिका (Role of Uttarakhand in the Freedom Struggle)

June 4, 2025

सर्वोच्च न्यायालय (Supreme Court)

May 27, 2025

गुप्त काल: प्रशासन (Gupta Period: Administration)

May 25, 2025

Protected: test

May 25, 2025

हिंदी लोकोक्तियाँ और उनके प्रयोग

May 24, 2025

मुहावरे और उनके अर्थ

May 24, 2025
  • Contact us
  • Disclaimer
  • Register
  • Login
  • Privacy Policy
: whatsapp us on +918057391081 E-mail: setupragya@gmail.com
No Result
View All Result
  • Home
  • Hindi
  • History
  • Geography
  • General Science
  • Uttarakhand
  • Economics
  • Environment
  • Static Gk
  • Quiz
  • Polity
  • Computer
  • Login
  • Contact us
  • Privacy Policy

© 2024 GyanPragya - ArchnaChaudhary.