Gyan Pragya
No Result
View All Result
BPSC: 71st Combined Pre Exam - Last Date: 30-06-2025 | SSC: Combined Graduate Level (CGL) - 14582 Posts - Last Date: 04-07-2025
  • Current Affairs
  • Quiz
  • History
  • Geography
  • Polity
  • Hindi
  • Economics
  • General Science
  • Environment
  • Static Gk
  • Uttarakhand
Gyan Pragya
No Result
View All Result

अवध के नवाबों का उदय (Rise of the Nawabs of Awadh)

अवध के नवाबों का उदय (UPSC/PCS केंद्रित नोट्स)

18वीं शताब्दी की शुरुआत में, मुगल साम्राज्य के पतन के साथ, कई क्षेत्रीय शक्तियों का उदय हुआ, जिन्होंने अपनी स्वतंत्रता की घोषणा की। इनमें से एक महत्वपूर्ण क्षेत्र अवध था, जो अपनी आर्थिक समृद्धि और रणनीतिक स्थिति के कारण उत्तर भारत की राजनीति में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता था। अवध में स्वतंत्र नवाबों का उदय हुआ, जिन्होंने लगभग 1722 ईस्वी से 1856 ईस्वी तक शासन किया।

1. अवध में स्वायत्तता का उदय (Rise of Autonomy in Awadh)

अवध में स्वायत्तता का उदय मुगल साम्राज्य की कमजोरियों और कुछ सक्षम प्रशासकों के प्रयासों का परिणाम था।

  • मुगल साम्राज्य का पतन: औरंगजेब की मृत्यु (1707 ईस्वी) के बाद कमजोर मुगल शासकों और केंद्रीय सत्ता के कमजोर पड़ने से अवध जैसे दूरस्थ प्रांतों को अपनी स्वतंत्रता घोषित करने का अवसर मिला।
  • अवध की समृद्धि: अवध एक उपजाऊ कृषि क्षेत्र था और गंगा-यमुना दोआब के करीब स्थित होने के कारण व्यापार और वाणिज्य के लिए महत्वपूर्ण था।
  • योग्य प्रशासक: सआदत खान जैसे योग्य प्रशासकों ने अवध को एक स्थिर और समृद्ध राज्य में बदल दिया।

2. प्रमुख नवाब (Prominent Nawabs)

अवध के नवाबों ने एक सदी से अधिक समय तक शासन किया, जिसमें उन्होंने आर्थिक और प्रशासनिक सुधार किए।

  • सआदत खान (बुरहान-उल-मुल्क) (1722-1739 ईस्वी):
    • अवध का पहला स्वतंत्र नवाब।
    • उसे 1722 ईस्वी में मुगल सम्राट मुहम्मद शाह द्वारा अवध का सूबेदार नियुक्त किया गया था।
    • उसने स्थानीय जागीरदारों और जमींदारों को नियंत्रित किया और राजस्व प्रशासन में सुधार किया।
    • उसने मुगल सम्राट को नियमित रूप से राजस्व भेजा, लेकिन व्यवहार में वह स्वतंत्र शासक था।
    • उसने नादिर शाह के आक्रमण (1739) के दौरान महत्वपूर्ण भूमिका निभाई, लेकिन बाद में आत्महत्या कर ली।
  • सफदरजंग (1739-1754 ईस्वी):
    • सआदत खान का भतीजा और दामाद।
    • वह मुगल सम्राट का वजीर (प्रधानमंत्री) भी बना, जिससे अवध का प्रभाव दिल्ली दरबार में बढ़ा।
    • उसने अवध को एक समृद्ध और स्थिर राज्य बनाए रखा।
    • उसने रोहिलखंड में अफगानों के खिलाफ संघर्ष किया।
  • शुजा-उद-दौला (1754-1775 ईस्वी):
    • सफदरजंग का पुत्र।
    • उसने बक्सर के युद्ध (1764) में मुगल सम्राट शाह आलम द्वितीय और बंगाल के अपदस्थ नवाब मीर कासिम के साथ मिलकर ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी के खिलाफ लड़ाई लड़ी, लेकिन हार गया।
    • इलाहाबाद की संधि (1765): इस संधि के तहत उसे अंग्रेजों को युद्ध क्षतिपूर्ति देनी पड़ी और उसके राज्य में ब्रिटिश सेना को रखना स्वीकार करना पड़ा, जिससे अवध पर ब्रिटिश प्रभाव बढ़ गया।
    • उसने फैजाबाद में अपनी राजधानी बनाई।
  • आसफ-उद-दौला (1775-1797 ईस्वी):
    • शुजा-उद-दौला का पुत्र।
    • उसने राजधानी को फैजाबाद से लखनऊ स्थानांतरित किया।
    • उसके शासनकाल में ब्रिटिश प्रभाव और बढ़ा।
    • उसने बड़ा इमामबाड़ा (लखनऊ) का निर्माण करवाया।
  • वाजिद अली शाह (1847-1856 ईस्वी):
    • अवध का अंतिम नवाब।
    • वह कला और संस्कृति का संरक्षक था, लेकिन प्रशासनिक रूप से कमजोर था।
    • 1856 ईस्वी में लॉर्ड डलहौजी ने ‘कुशासन के आरोप’ लगाकर अवध को ब्रिटिश साम्राज्य में मिला लिया।
    • यह विलय 1857 के विद्रोह के प्रमुख कारणों में से एक बना।

3. प्रशासन और अर्थव्यवस्था (Administration and Economy)

अवध के नवाबों ने एक स्थिर प्रशासन स्थापित किया और प्रांत की आर्थिक समृद्धि को बनाए रखा, हालांकि बाद में ब्रिटिश हस्तक्षेप के कारण यह कमजोर पड़ने लगा।

  • राजस्व प्रशासन:
    • नवाबों ने राजस्व संग्रह को सुव्यवस्थित किया।
    • भू-राजस्व राज्य की आय का मुख्य स्रोत था।
  • न्याय व्यवस्था: नवाबों ने एक सुव्यवस्थित न्याय प्रणाली स्थापित की।
  • सैन्य: नवाबों के पास अपनी सेना थी, लेकिन ब्रिटिश सहायक संधि के बाद वे ब्रिटिश सेना पर निर्भर हो गए।
  • व्यापार और वाणिज्य:
    • अवध एक समृद्ध कृषि क्षेत्र था और गंगा-यमुना दोआब में स्थित होने के कारण व्यापारिक गतिविधियों का केंद्र था।
    • यहां से अनाज, नील, अफीम और सूती वस्त्र का व्यापार होता था।
  • सांस्कृतिक केंद्र: लखनऊ नवाबों के अधीन कला, संगीत, नृत्य और साहित्य का एक प्रमुख केंद्र बन गया।

4. ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी के साथ संबंध (Relations with British East India Company)

अवध के नवाबों और ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी के बीच संबंध बढ़ते हस्तक्षेप और अधीनता की ओर अग्रसर हुए।

  • बक्सर का युद्ध (1764): इस युद्ध में शुजा-उद-दौला की हार ने अवध को ब्रिटिश प्रभाव में ला दिया।
  • इलाहाबाद की संधि (1765): इस संधि के तहत अवध को ब्रिटिश सेना का खर्च वहन करना पड़ा, जिससे नवाबों की वित्तीय स्थिति पर बोझ पड़ा।
  • सहायक संधि: अवध उन पहले राज्यों में से एक था जिसने लॉर्ड वेलेजली की सहायक संधि को स्वीकार किया, जिससे अवध की संप्रभुता समाप्त हो गई और वह ब्रिटिश पर पूरी तरह निर्भर हो गया।
  • क्षेत्रीय रियासतों का विलय: ब्रिटिश ने विभिन्न संधियों और दबाव के माध्यम से अवध के क्षेत्रों पर नियंत्रण स्थापित किया।
  • अवध का विलय (1856): लॉर्ड डलहौजी ने ‘कुशासन के आरोप’ लगाकर अवध का विलय कर लिया, जो ब्रिटिश साम्राज्यवादी नीति का एक स्पष्ट उदाहरण था।

5. निष्कर्ष (Conclusion)

अवध के नवाबों का उदय मुगल साम्राज्य के पतन के बाद की राजनीतिक अस्थिरता का एक महत्वपूर्ण परिणाम था। सआदत खान और सफदरजंग जैसे नवाबों ने अवध को एक समृद्ध और स्थिर राज्य में बदल दिया। हालांकि, बक्सर के युद्ध में हार और ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी की बढ़ती महत्वाकांक्षाओं ने अवध को धीरे-धीरे ब्रिटिश नियंत्रण में ला दिया। 1856 में अवध का विलय ब्रिटिश साम्राज्यवादी नीति का एक प्रमुख उदाहरण था, जिसने भारतीय जनता में गहरा असंतोष पैदा किया और 1857 के विद्रोह के लिए एक महत्वपूर्ण कारक बना।

SendShare
Previous Post

बंगाल के नवाबों का उदय (Rise of the Nawabs of Bengal)

Next Post

हैदराबाद के निज़ामों का उदय (Rise of the Nizams of Hyderabad)

Related Posts

History

मुगल साम्राज्य का पतन (Decline of Mughal Empire)

May 26, 2025

मुगल साम्राज्य का पतन (UPSC/PCS केंद्रित नोट्स) औरंगजेब की मृत्यु (1707 ईस्वी) के बाद मुगल साम्राज्य का तेजी से पतन...

History

भाषाई पुनर्गठन (Linguistic Reorganization)

May 26, 2025

भाषाई पुनर्गठन (UPSC/PCS केंद्रित नोट्स) भाषाई पुनर्गठन (UPSC/PCS केंद्रित नोट्स) भाषाई पुनर्गठन (Linguistic Reorganization) स्वतंत्र भारत के इतिहास की एक...

History

हैदराबाद, जूनागढ़ और कश्मीर मुद्दा (Hyderabad, Junagarh, Kashmir Issues)

May 26, 2025

हैदराबाद, जूनागढ़ और कश्मीर मुद्दा (UPSC/PCS केंद्रित नोट्स) हैदराबाद, जूनागढ़ और कश्मीर मुद्दा (UPSC/PCS केंद्रित नोट्स) हैदराबाद, जूनागढ़ और जम्मू-कश्मीर...

Next Post

हैदराबाद के निज़ामों का उदय (Rise of the Nizams of Hyderabad)

प्लासी का युद्ध (Battle of Plassey)

बक्सर का युद्ध (Battle of Buxar)

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Uttarakhnd

स्वतंत्रता संग्राम में उत्तराखंड की भूमिका (Role of Uttarakhand in the Freedom Struggle)

June 4, 2025
Polity

सर्वोच्च न्यायालय (Supreme Court)

May 27, 2025
Quiz

गुप्त काल: प्रशासन (Gupta Period: Administration)

May 25, 2025
uncategorized

Protected: test

May 25, 2025
Placeholder Square Image

Visit Google.com for more information.

स्वतंत्रता संग्राम में उत्तराखंड की भूमिका (Role of Uttarakhand in the Freedom Struggle)

June 4, 2025

सर्वोच्च न्यायालय (Supreme Court)

May 27, 2025

गुप्त काल: प्रशासन (Gupta Period: Administration)

May 25, 2025

Protected: test

May 25, 2025

हिंदी लोकोक्तियाँ और उनके प्रयोग

May 24, 2025

मुहावरे और उनके अर्थ

May 24, 2025
  • Contact us
  • Disclaimer
  • Register
  • Login
  • Privacy Policy
: whatsapp us on +918057391081 E-mail: setupragya@gmail.com
No Result
View All Result
  • Home
  • Hindi
  • History
  • Geography
  • General Science
  • Uttarakhand
  • Economics
  • Environment
  • Static Gk
  • Quiz
  • Polity
  • Computer
  • Login
  • Contact us
  • Privacy Policy

© 2024 GyanPragya - ArchnaChaudhary.