<!-- wp:html --> <!DOCTYPE html> <html lang="hi"> <head> <meta charset="UTF-8" /> <meta name="viewport" content="width=device-width, initial-scale=1.0"/> <title>MCQ Quiz</title> <style> /* Basic CSS resets */ * { margin: 0; padding: 0; box-sizing: border-box; } body { font-family: Arial, sans-serif; background-color: #f1f8e9; color: #33691e; } .content-container { background-color: #dcedc8; padding: 5px; border-radius: 5px; max-width: auto; margin: 20px auto; box-shadow: 0 6px 12px rgba(0, 0, 0, 0.1); position: relative; } .header { background-color: #7cb342; color: #ffffff; text-align: center; padding: 20px; border-radius: 10px; margin-bottom: 20px; box-shadow: 0 4px 8px rgba(0, 0, 0, 0.15); position: relative; } .header h1 { margin: 0; font-size: 28px; } /* Hamburger Menu Icon */ .hamburger { position: absolute; top: 8px; left: 8px; z-index: 1000; width: 20px; height: 15px; display: flex; flex-direction: column; justify-content: space-between; cursor: pointer; } .hamburger-line { 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फरवरी को), नए वित्तीय वर्ष से पहले", "अक्टूबर के मध्य में" ], "correct": 2, "explanation": "भारतीय केंद्र सरकार का वार्षिक बजट सदन में वित्तीय वर्ष (1 अप्रैल से शुरू) से पहले पेश किया जाता है; हालिया प्रथा के अनुसार 1 फरवरी को बजट प्रस्तुत किया जाता है।" }, { "question": "बजट के प्रकारों में ‘शून्य आधारित बजट (Zero-Based Budget)’ का क्या मतलब है?", "options": [ "हर वर्ष पिछले वर्ष के खर्च को बिना प्रश्न स्वीकार कर लेना", "समस्त खर्चों को शून्य से शुरू करके नए सिरे से औचित्य सिद्ध करना", "केवल पूँजीगत खर्च देखने वाला बजट", "एक ही मंत्रालय का बजट" ], "correct": 1, "explanation": "शून्य आधारित बजट में प्रत्येक मद का खर्च शून्य से शुरू होता है—अर्थात हर वर्ष सभी खर्चों का पुनर्मूल्यांकन कराना पड़ता है, ताकि अनावश्यक खर्च हटाया जा सके।" }, { "question": "‘एकीकृत बजट (Unified Budget)’ भारत में किन्हें मिलाकर बनता है?", "options": [ "रेल बजट और आम बजट के विलय से, 2017 से पहले रेल बजट पृथक रूप से पेश होता था", "राज्यों और केंद्र के बजट विलय से", "केवल रक्षा बजट को मिलाकर", "महिला एवं बाल विकास का बजट" ], "correct": 0, "explanation": "2017 से रेल बजट और आम बजट एक साथ (एकीकृत) पेश किए जाने लगे; इससे पहले रेल बजट पृथक रूप में प्रस्तुत होता था।" }, { "question": "भारत में बजट का इतिहास कहाँ से शुरू होता है?", "options": [ "1947 में स्वतंत्रता के बाद", "1860 में ब्रिटिश भारत के काल में जेम्स विल्सन द्वारा पहला बजट पेश किया गया", "1956 से पंचवर्षीय योजना के तहत", "1978 में" ], "correct": 1, "explanation": "ब्रिटिश शासन के दौरान 1860 में जेम्स विल्सन ने पहला बजट पेश किया था, हालांकि तब यह केवल ब्रिटिश भारत के प्रशासनिक खर्चों को दिखाता था।" }, { "question": "‘कार्यक्रम बजट (Performance Budget)’ का उद्देश्य क्या है?", "options": [ "केवल संख्या-आधारित व्यय विवरण", "पिछले वर्ष की उपलब्धियों से तुलना न करना", "व्यय को परिणामों/प्रदर्शन से जोड़ना, यानी प्रत्येक योजना के लक्ष्य और वास्तविक निष्पादन को मापना", "सिर्फ पूँजीगत मद दिखाना" ], "correct": 2, "explanation": "कार्यक्रम/प्रदर्शन बजट में धनराशि किस योजना पर और क्यों खर्च की गई, लक्ष्य क्या थे, वास्तविक परिणाम क्या रहे—इन सभी को प्रदर्शन संकेतकों के साथ जोड़ा जाता है।" }, { "question": "सरकारी घाटे (Government Deficits) में ‘राजकोषीय घाटा (Fiscal Deficit)’ का क्या आशय है?", "options": [ "सरकार के कुल व्यय से उसकी कुल रसीद (उधार को छोड़कर) को घटाने पर जो अंतर बचता है", "सरकार के पूँजीगत व्यय से राजस्व को घटाना", "केवल प्राथमिक घाटा", "राजस्व आधिक्य" ], "correct": 0, "explanation": "राजकोषीय घाटा = (कुल सरकारी व्यय) – (राजस्व प्राप्ति + गैर-ऋण पूँजी प्राप्ति). इसे साधने के लिए सरकार उधार लेती है।" }, { "question": "यदि किसी सरकार का ‘राजस्व घाटा (Revenue Deficit)’ बढ़ता जा रहा है, तो इसका क्या संकेत है?", "options": [ "पूँजीगत व्यय बढ़ रहा है", "सरकार की साधारण चल खर्च (Revenue Expenditure) उसके साधारण राजस्व (Revenue Receipts) से अधिक है", "सरकार टैक्नोलॉजी विकास में निवेश कर रही है", "केवल ऋण अदायगी कम करना" ], "correct": 1, "explanation": "राजस्व घाटा बताता है कि सरकार अपनी दैनिक/सामान्य आय (कर, गैर-कर) से चालू खर्चों (वेतन, पेंशन, सब्सिडी) को पूरा नहीं कर पा रही, यानी चालू व्यय > चालू आय है।" }, { "question": "सरकारी घाटे का एक संभावित दुष्प्रभाव क्या हो सकता है?", "options": [ "ब्याज दरों में कमी स्वचालित", "सरकार को अधिक उधार लेना पड़ता है, जिससे ब्याज भुगतान बढ़ता, निजी निवेश को ‘भीड़-बहिरang (crowding out)’ हो सकता है", "पूर्ण बेरोज़गारी", "करों में शून्य कमी" ], "correct": 1, "explanation": "अधिक घाटा होने पर सरकार उधारी पर निर्भर होती है, इससे बाजार में ब्याज दरों पर दबाव बन सकता है और निजी क्षेत्र के लिए धन महँगा हो सकता है, जिसे ‘crowding out’ प्रभाव कहा जाता है।" }, { "question": "‘प्राथमिक घाटा (Primary Deficit)’ क्या होता है?", "options": [ "राजकोषीय घाटा से ऋण पर ब्याज भुगतान को घटाने के बाद बची रकम", "राजस्व घाटा के समान ही", "वैसा घाटा जो सरकारी कंपनियों से आता है", "सभी घाटों का योग" ], "correct": 0, "explanation": "प्राथमिक घाटा = राजकोषीय घाटा – ब्याज भुगतान. यह दर्शाता है कि सरकार अपने मूल खर्चों को कितना उधार लेकर चला रही है, ब्याज को अलग रखकर।" }, { "question": "आर्थिक सर्वेक्षण (Economic Survey) किस मंत्रालय/विभाग द्वारा प्रकाशित किया जाता है?", "options": [ "वित्त मंत्रालय का आर्थिक मामलों का विभाग", "रक्षा मंत्रालय", "NITI Aayog", "सांख्यिकी एवं कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय" ], "correct": 0, "explanation": "आर्थिक सर्वेक्षण भारत के वित्त मंत्रालय (मुख्य आर्थिक सलाहकार की टीम) द्वारा प्रस्तुत किया जाता है, आम बजट से एक दिन पूर्व संसद में पेश किया जाता है।" }, { "question": "आर्थिक सर्वेक्षण का मुख्य उद्देश्य क्या है?", "options": [ "सरकारी फाइलों का लेखा", "पिछले वर्ष की अर्थव्यवस्था की स्थिति का विश्लेषण, और आने वाले वर्ष की आर्थिक चुनौतियों और संभावनाओं पर सुझाव/अनुमान", "केवल सरकारी स्कीमों का ब्योरा", "कॉरपोरेट क्षेत्र की वार्षिक रिपोर्ट" ], "correct": 1, "explanation": "आर्थिक सर्वेक्षण में अर्थव्यवस्था के विभिन्न क्षेत्रों (वृद्धि, राजस्व, व्यय, मुद्रास्फीति, रोजगार) का विश्लेषण होता है और सरकार को आर्थिक सुधारों पर सलाह भी मिलती है।" }, { "question": "आर्थिक सर्वेक्षण में ‘थीम’ का प्रयोग क्यों किया जाता है?", "options": [ "कोई प्रयोजन नहीं", "हर वर्ष एक केंद्र बिंदु रखकर नीतिगत पहलू को गहराई से विश्लेषित करना", "केवल मीडिया आकर्षण", "गणितीय सूत्र" ], "correct": 1, "explanation": "आर्थिक सर्वेक्षण में कई बार किसी खास मुद्दे (जैसे डिजिटल इकोनॉमी, नवाचार, कृषि) पर विशेष ध्यान दिया जाता है, जिससे नीतिगत अनुशंसाओं को फोकस किया जा सके।" }, { "question": "वित्त आयोग (Finance Commission) की स्थापना किस अनुच्छेद के तहत होती है?", "options": [ "अनुच्छेद 280, भारतीय संविधान", "अनुच्छेद 360", "अनुच्छेद 105", "अनुच्छेद 370" ], "correct": 0, "explanation": "भारतीय संविधान का अनुच्छेद 280 वित्त आयोग के गठन का प्रावधान करता है, जो केंद्र व राज्यों के बीच राजस्व विभाजन के फ़ॉर्मूले पर सिफारिशें देता है।" }, { "question": "वित्त आयोग का मुख्य कार्य क्या है?", "options": [ "केवल केंद्र को टैक्स छूट देना", "केंद्र-राज्य के मध्य करों के बंटवारे, राजस्व घाटे अनुदान, अन्य वित्तीय पहलुओं पर सिफारिशें करना", "सभी राज्य बजट बनाने", "पंचवर्षीय योजना" ], "correct": 1, "explanation": "वित्त आयोग केंद्र और राज्यों के बीच विभाज्य करों के वितरण का प्रतिशत तय करता है, राज्यों को अनुदान की सिफारिश करता है, स्थानीय निकायों के लिए अनुदान आदि तय करता है।" }, { "question": "वित्त आयोग की सिफारिशें क्या बाध्यकारी होती हैं?", "options": [ "पूरी तरह अनिवार्य पालन", "संपूर्णतः गैर-महत्वपूर्ण", "भारत सरकार पर सलाहात्मक प्रभाव, लेकिन आमतौर पर इनका पालन किया जाता है", "केवल राज्यों को बाध्यकारी" ], "correct": 2, "explanation": "वित्त आयोग की सिफारिशें संवैधानिक महत्व रखती हैं, पर औपचारिक रूप से सलाहात्मक हैं; व्यवहार में सरकार आमतौर पर इनका पालन करती है।" }, { "question": "वित्त आयोग का गठन कितने अंतराल पर होता है?", "options": [ "प्रत्येक 5 वर्ष में, या जब केंद्र सरकार आवश्यक समझे", "हर वर्ष", "10 वर्ष में", "जब संसद चाहे" ], "correct": 0, "explanation": "संविधान में प्रावधान है कि प्रत्येक पाँच साल बाद राष्ट्रपति वित्त आयोग का गठन करेगा, या इससे पहले भी आवश्यक होने पर किया जा सकता है।" }, { "question": "वित्त आयोग की अनुशंसाओं पर आधारित करों का बंटवारा किसे कहते हैं?", "options": [ "विभाज्य पूँजीगत मद", "संपूर्ण अनुदान", "विभाज्य कर पूल (Divisible Pool)", "शर्तीय अनुदान" ], "correct": 2, "explanation": "विभाज्य कर पूल में केंद्रीय करों का वह भाग आता है, जिसे राज्यों को वितरित करना संवैधानिक प्रावधानों के अंतर्गत होता है (फाइनेंस कमीशन फॉर्मूला)।" }, { "question": "भारत का बजट कौन पेश करता है?", "options": [ "प्रधानमंत्री", "वित्त मंत्री, लोकसभा में", "राष्ट्रपति", "वित्त आयोग" ], "correct": 1, "explanation": "साधारणतः केंद्रीय वित्त मंत्री संसद (प्रथम लोकसभा में) में वार्षिक वित्तीय विवरण पेश करते हैं, जिसे आम बजट कहा जाता है।" }, { "question": "‘आम बजट (Annual Financial Statement)’ किन मदों से मिलकर बनता है?", "options": [ "केवल राजस्व पक्ष", "राजस्व बजट (आय-व्यय) और पूँजीगत बजट (पूँजीगत प्राप्तियाँ और पूँजीगत व्यय)", "केवल योजना व्यय", "हर प्रकार का आयात-निर्यात" ], "correct": 1, "explanation": "भारतीय बजट दो प्रमुख घटकों से बना है—राजस्व (सरकार के रेकरिंग आय-व्यय) और पूँजीगत (ऋण, परिसंपत्ति निर्माण, पूँजीगत प्राप्ति-व्यय)।" }, { "question": "भारत में ‘संविधान के अनुसार’ बजट को क्या कहा जाता है?", "options": [ "वार्षिक वित्तीय विवरण (Article 112)", "माँग पत्र", "राजकोषीय योजना", "केवल संशोधन बिल" ], "correct": 0, "explanation": "भारतीय संविधान के अनुच्छेद 112 में वार्षिक वित्तीय विवरण के रूप में बजट पेश करने का प्रावधान है; साधारण भाषा में इसे बजट कहते हैं।" }, { "question": "यदि सरकार के बजट में कुल पूँजीगत व्यय, पूँजीगत प्राप्तियों से अधिक हो, तो इसे क्या कहा जा सकता है?", "options": [ "पूँजी अधिशेष", "पूँजीगत घाटा", "राजस्व अधिशेष", "निर्यात प्रोत्साहन" ], "correct": 1, "explanation": "पूँजीगत बजट में यदि पूँजीगत व्यय > पूँजीगत रसीद, तो पूँजीगत घाटा उत्पन्न होता है।" }, { "question": "भारतीय बजट में ‘वोट ऑन एकाउंट (Vote on Account)’ स्थिति कब आती है?", "options": [ "जब पूर्ण बजट पारित नहीं हो पाता, अंतरिम रूप से सरकार को आवश्यक खर्च की स्वीकृति लेनी पड़ती है", "राष्ट्रपति शासन", "केवल नीतिगत बदलाव", "दो तिहाई बहुमत न होना" ], "correct": 0, "explanation": "वोट ऑन एकाउंट अस्थायी प्रबंध है, जहाँ आम तौर पर चुनाव वर्ष में सरकार कुछ महीनों के खर्च के लिए संसद की स्वीकृति लेती है, फिर अगली सरकार पूर्ण बजट पेश करती है।" }, { "question": "बजट पारित होने के लिए संसद में कौन-सी प्रक्रिया अपनाई जाती है?", "options": [ "साधारण वाचन, कोई चर्चा नहीं", "दोस्ताना चर्चा", "सहमति से बिना मत विभाजन", "विभिन्न चरणों में चर्चा, माँगों का मतदान (Demand for Grants), विनियोग विधेयक, वित्त विधेयक का पारित होना" ], "correct": 3, "explanation": "बजट पारित होने की प्रक्रिया में लोकसभा द्वारा विस्तृत चर्चा, अनुदान माँगों पर मतदान, फिर विनियोग विधेयक एवं वित्त विधेयक पारित होकर कानून बनते हैं।" }, { "question": "‘लोक लेखा समिति (PAC)’ का बजट के संदर्भ में क्या कार्य है?", "options": [ "बजट तैयार करना", "अंकेक्षण के बाद सरकारी खर्चों की समीक्षा करना, CAG की रिपोर्ट पर विचार करना", "संसद में बजट का बचाव करना", "राजस्व संग्रह" ], "correct": 1, "explanation": "PAC (Public Accounts Committee) भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (CAG) द्वारा प्रस्तुत रिपोर्टों की जाँच करती है, सरकारी खर्च में अनियमितताएँ देखती है।" }, { "question": "सरकार ‘डिफ़िसिट फाइनेंसिंग (Deficit Financing)’ कैसे करती है?", "options": [ "रिज़र्व बैंक से उधार, बांड जारी करना, कभी-कभी मुद्रा सृजन (छपाई) के ज़रिए", "केवल विदेशी अनुदान", "कर बढ़ाना", "पूरी तरह असंभव" ], "correct": 0, "explanation": "घाटे की पूर्ति हेतु सरकार बॉन्ड बेचकर, मार्केट से उधार लेकर या केंद्रीय बैंक से मुद्रा सृजन के रूप में धन प्राप्त कर सकती है, जिसे आमतौर पर डिफिसिट फाइनेंसिंग कहा जाता है।" }, { "question": "भारत में ‘राजकोषीय उत्तरदायित्व एवं बजट प्रबंधन अधिनियम (FRBM Act), 2003’ का उद्देश्य क्या है?", "options": [ "कर संग्रह कम करना", "सरकारी घाटे को नियंत्रण में रखना, पारदर्शिता लाना, मध्यम अवधि में राजकोषीय स्थिरता सुनिश्चित करना", "केवल कृषि ऋण माफी", "सार्वजनिक क्षेत्र को मजबूत" ], "correct": 1, "explanation": "FRBM अधिनियम सरकार पर राजकोषीय घाटा, राजस्व घाटा इत्यादि कम करने का दायित्व डालता है, ताकि वित्तीय अनुशासन बनाए रखा जा सके।" }, { "question": "FRBM के तहत ‘मध्यम अवधि व्यय ढाँचा (Medium Term Expenditure Framework)’ से क्या संकेत मिलता है?", "options": [ "सिर्फ एक साल का बजट", "आगामी 3 वर्षों तक के खर्च अनुमानों को स्पष्ट करना", "10 साल की प्लान", "शून्य बजट" ], "correct": 1, "explanation": "मध्यम अवधि व्यय ढाँचा एक रोलिंग योजना की तरह है, जिसमें सरकार आगामी तीन-वर्षीय समयावधि के खर्च व घाटे के अनुमानों को रेखांकित करती है।" }, { "question": "यदि सरकार की ‘राजस्व रसीद’ उसके ‘राजस्व व्यय’ से अधिक हो, तो उसे क्या कहा जाएगा?", "options": [ "राजस्व घाटा", "राजस्व अधिशेष", "राजकोषीय अधिशेष", "प्राथमिक अधिशेष" ], "correct": 1, "explanation": "राजस्व अधिशेष का अर्थ है कि सरकार की चल लागत व नियमित खर्च (वेतन, पेंशन, ब्याज, सब्सिडी) उसकी राजस्व आय (कर, गैर-कर) से कम हैं, जिससे बचत होती है।" }, { "question": "यदि बजट में ‘फीस, जुर्माना, लाभांश, ब्याज आदि से आय’ दिखाई जाए, तो उसे किस श्रेणी में रखा जाता है?", "options": [ "कर राजस्व (Tax Revenue)", "गैर-कर राजस्व (Non-Tax Revenue)", "कुल प्राप्ति (Aggregate Receipts)", "पूँजीगत रसीद" ], "correct": 1, "explanation": "गैर-कर राजस्व में सरकार को मिलने वाली फीस, जुर्माना, लाभांश (PSU का), ब्याज, लाइसेंस शुल्क आदि शामिल होते हैं।" }, { "question": "‘विनियोग विधेयक (Appropriation Bill)’ क्या करता है?", "options": [ "नए करों को लागू करता है", "सरकारी खर्चों को सक्षम बनाता है; यदि यह पास न हो तो सरकार संबंधित मदों पर खर्च नहीं कर सकती", "मुद्रास्फीति रोकता है", "घरेलू व्यापार पर ध्यान" ], "correct": 1, "explanation": "विनियोग विधेयक संसद से पारित होने पर सरकार को विभिन्न मदों (अनुदान माँगों) पर खर्च करने का विधिक अधिकार मिलता है।" }, { "question": "आर्थिक सर्वेक्षण किन बातों पर मुख्यतः प्रकाश डालता है?", "options": [ "केवल रक्षा खर्च", "वर्ष के प्रमुख आर्थिक रुझान, GDP वृद्धि, राजकोषीय स्थिति, मुद्रास्फीति, नीतिगत चुनौतियाँ, सेक्टरवार विश्लेषण", "जल संसाधन प्रबंधन", "राजनीतिक घोषणाएँ" ], "correct": 1, "explanation": "आर्थिक सर्वेक्षण में अर्थव्यवस्था के अलग-अलग क्षेत्रों का विश्लेषण, सरकारी नीतियों का असर, चुनौतियों का जिक्र और भविष्य हेतु सुझाव दिए जाते हैं।" }, { "question": "वित्त आयोग सामान्यतः किन प्रमुख मापदंडों के आधार पर राज्यों में कर-बँटवारा प्रतिशत तय कर सकता है?", "options": [ "जनसंख्या, प्रति व्यक्ति आय, भौगोलिक क्षेत्र, वनों की संभाल, आय की अक्षमता, आबादी वृद्धि आदि", "मनमाने ढंग से", "केवल ऐतिहासिक रुझान", "संविधान में निर्धारित कोई एक मानक" ], "correct": 0, "explanation": "फाइनेंस कमीशन अनेक मानदंड ले सकता है, जैसे जनसंख्या, क्षेत्रफल, वन-आवरण, आय का स्तर, आदि, ताकि न्यायसंगत राजस्व बँटवारा हो सके।" }, { "question": "‘अंतरिम बजट (Interim Budget)’ कब पेश किया जाता है?", "options": [ "जब वित्त मंत्री अस्वस्थ हों", "आम चुनाव से पहले, नई सरकार बनने तक संचालन हेतु सीमित अवधि का बजट", "साल के अंत में", "केवल आपातकाल में" ], "correct": 1, "explanation": "चुनावी साल में नई सरकार बनेगी, तब तक के खर्चों के लिए अंतरिम बजट पेश किया जाता है, बाद में नई सरकार पूर्ण बजट ला सकती है।" }, { "question": "‘वित्त विधेयक (Finance Bill)’ का संसद में पास होना क्यों आवश्यक है?", "options": [ "कराधान और वित्तीय प्रस्तावों को कानूनी अमलीजामा पहनाने के लिए", "विनियोग विधेयक का ही हिस्सा", "सरकार की इच्छा", "इसका बजट से कोई लेना-देना नहीं" ], "correct": 0, "explanation": "फाइनेंस बिल में नए करों की दरों, कर कानूनों में संशोधनों आदि का प्रावधान होता है; बिना इसके पारित हुए सरकार नए टैक्स या रेट बदलाव लागू नहीं कर सकती।" }, { "question": "बजट दस्तावेज में ‘माध्यमिक आय व व्यय (Secondary Receipts & Expenditure)’ जैसी कोई श्रेणी क्यों नहीं होती?", "options": [ "क्योंकि बजट राजस्व व पूँजी आधारित दो प्रमुख भागों में विभाजित होता है; माध्यमिक जैसी कोई वर्गीकरण नहीं", "यह एक नई प्रथा", "संविधान की बाध्यता", "सरकार चाहती है" ], "correct": 0, "explanation": "भारतीय बजट को राजस्व (Revenue) और पूँजी (Capital) दो प्रमुख श्रेणियों में बाँटा जाता है; माध्यमिक या तृतीयक जैसा कोई आधिकारिक श्रेणीकरण नहीं।" }, { "question": "सरकारी घाटा कम करने का एक तरीका क्या हो सकता है?", "options": [ "सरकार खर्च बढ़ा दे", "करों में भारी छूट देना", "गतिशील राजस्व संग्रह (कर आधार बढ़ाना), गैर-आवश्यक व्यय में कटौती, सार्वजनिक कंपनियों का विनिवेश आदि", "मुद्रा छापना हमेशा" ], "correct": 2, "explanation": "सरकार अपने घाटे को कम करने के लिए राजस्व बढ़ा सकती है (GST कुशलता, कर ढाँचा सुधार, विनिवेश) और गैर-जरूरी खर्च नियंत्रित कर सकती है।" }, { "question": "वित्त आयोग के अलावा, केंद्र-राज्य वित्त संबंधों पर कौन सी संस्था भी सुझाव देती है?", "options": [ "राज्यसभा की कार्य मंत्रणा समिति", "पंचायती राज मंत्रालय", "निति आयोग (पूर्व योजना आयोग)", "RBI एक्ट" ], "correct": 2, "explanation": "NITI Aayog भी नीति-समन्वय व राज्यों के साथ सहयोग करती है, हालाँकि संवैधानिक रूप से वित्त आयोग ही प्राधिकार है, पर निति आयोग की नीति सलाह भी महत्त्वपूर्ण रहती है।" }, { "question": "बजट प्रस्तुति में ‘अनुदान माँग (Demand for Grants)’ किस पर लागू होती है?", "options": [ "सरकारी उपक्रमों में निवेश", "हर मंत्रालय/विभाग द्वारा संसद से स्वीकृति मांगना कि वे निर्धारित खर्च कर सकें", "जनता से शुल्क लेना", "राज्य बजट" ], "correct": 1, "explanation": "प्रत्येक मंत्रालय/विभाग अपनी अपेक्षित व्यय की सूची माँग पत्र के रूप में पेश करता है, जिसे लोकसभा पारित करती है, तभी वो धन व्यय कर सकते हैं।" }, { "question": "‘बजट परिचर्चा’ के दौरान ‘कटौती प्रस्ताव (Cut Motion)’ क्या होता है?", "options": [ "विपक्ष या सांसद किसी खास अनुदान माँग को कम करने या निरस्त करने का प्रस्ताव रखते हैं", "व्यय को बढ़ाना", "बजट पारित करना", "राष्ट्रपति का हस्ताक्षर" ], "correct": 0, "explanation": "कट मोशन से लोकसभा में कोई सदस्य यह प्रस्ताव रख सकता है कि किसी विशेष मद में खर्च की राशि कम की जाए या प्रतीकात्मक रूप से कट कर दी जाए, यह सरकार पर नियंत्रण का साधन है।" }, { "question": "यदि लोकसभा में ‘विनियोग विधेयक’ पारित नहीं होता है, तो क्या परिणाम होगा?", "options": [ "सरकार को संपूर्ण खर्च की अनुमति नहीं, व्यावहारिक रूप से सरकार गिर सकती है", "कोई असर नहीं", "राज्यसभा पारित कर देगी", "राष्ट्रपति इसे बना देंगे" ], "correct": 0, "explanation": "विनियोग विधेयक को मंजूरी न मिलना, ‘No Confidence’ समान माना जा सकता है क्योंकि सरकार के पास खर्च का अधिकार नहीं रहेगा, यह सरकार के अस्तित्व पर प्रश्नचिह्न लगाता है।" }, { "question": "सरकारी वित्तीय प्रबंधन में ‘नियंत्रक महालेखा परीक्षक (CAG)’ का क्या रोल है?", "options": [ "केवल बजट बनाना", "सरकारी खातों की लेखापरीक्षा, व्यय की वैधता व दक्षता की जाँच", "कर संग्रह", "राजनीतिक घोषणाएँ" ], "correct": 1, "explanation": "CAG संविधान के अनुसार सरकारी आय-व्यय की लेखापरीक्षा करता है, सार्वजनिक धन के सदुपयोग और पारदर्शिता सुनिश्चित करने में सहायता प्रदान करता है।" }, { "question": "‘लोककल्याणकारी योजनाओं’ पर सरकार का बढ़ता खर्च किन्हें प्रभावित कर सकता है?", "options": [ "केवल निजी क्षेत्र को लाभ", "अल्पकाल में सरकार का घाटा बढ़ सकता है, लेकिन सामाजिक संकेतकों पर सकारात्मक असर", "मुद्रास्फीति शून्य हो जाना", "रुपया का स्थायी मूल्यांकन" ], "correct": 1, "explanation": "कल्याणकारी योजनाओं (स्वास्थ्य, शिक्षा, सब्सिडी) पर अधिक खर्च से मानव विकास में लाभ हो सकता है, किन्तु इससे राजकोषीय घाटा भी बढ़ने की संभावना रहती है।" }, { "question": "‘RB I से Ways and Means Advances (WMA)’ का बजट से क्या संबंध है?", "options": [ "लघु अवधि क्रेडिट व्यवस्था जिससे सरकार को तात्कालिक नकदी की जरूरत पूरी करने के लिए उधारी मिलती है", "केवल पूँजीगत प्राप्ति", "निर्यात सब्सिडी", "घरेलू अनुदान" ], "correct": 0, "explanation": "WMA RBI द्वारा सरकार को कम अवधि के लिए उपलब्ध कराए जाने वाले ओवरड्राफ्ट/ऋण हैं, जिससे अस्थायी नकदी संकट दूर किया जा सके।" }, { "question": "आर्थिक सर्वेक्षण प्रायः कौन पेश करता है?", "options": [ "वित्त मंत्री लोकसभा में", "प्रधानमंत्री राज्यसभा में", "मुख्य आर्थिक सलाहकार (CEA) वित्त मंत्रालय के अंतर्गत तैयार करके वित्त मंत्री द्वारा संसद में पेश", "राष्ट्रपति अपने संदेश में" ], "correct": 2, "explanation": "आर्थिक सर्वेक्षण मुख्य आर्थिक सलाहकार के नेतृत्व में तैयार होता है और वित्त मंत्री इसे बजट सत्र से पहले संसद के समक्ष प्रस्तुत करते हैं।" }, { "question": "वित्त आयोग के गठन पर राष्ट्रपति किसे नियुक्त करता है?", "options": [ "पांच सदस्यों का आयोग (एक अध्यक्ष और चार सदस्य)", "राज्यपालों को", "संसद की स्थायी समिति", "बहुराष्ट्रीय प्रतिनिधि" ], "correct": 0, "explanation": "फाइनेंस कमीशन में एक चेयरपर्सन सहित चार अन्य सदस्य होते हैं, जिन्हें राष्ट्रपति नियुक्त करता है, और वे केंद्र-राज्य वित्त संबंधों पर सिफारिश देते हैं।" }, { "question": "वित्त आयोग एवं राज्यों में संसाधन-वितरण फ़ॉर्मूला में सबसे ज्यादा वज़न किस कारक को दिया जाता रहा है?", "options": [ "जनसंख्या (संशोधित रूप से 1971 या कभी 2011 जनगणना)", "भूमि उत्पादकता", "सिर्फ शहरीकरण", "भ्रष्टाचार सूचक" ], "correct": 0, "explanation": "पिछले कुछ वित्त आयोगों ने जनसंख्या (1971 या 2011), क्षेत्रफल, प्रति व्यक्ति आय, वन क्षेत्र, आदि मानदंडों पर अलग-अलग वज़न दिए हैं; लेकिन जनसंख्या का मानदंड प्रमुख है।" }, { "question": "बजट में ‘टैक्स रेबेट’ और ‘टैक्स रिलीफ’ का फर्क क्या है?", "options": [ "दोनों समान", "Rebate सम्पूर्ण टैक्स छूट, Relief आंशिक छूट", "Rebate कभी प्रच्छन्न है, Relief स्पष्ट", "उचित परिभाषा नीति पर निर्भर करती है, पर सामान्यतः Rebate से टैक्स देयता घट जाती है, Relief भी टैक्स बोझ कम करता है, लेकिन भिन्न नियमों से" ], "correct": 3, "explanation": "टैक्स रेबेट व रिलीफ दोनों ही कर देनदारी कम करने के तरीके हैं; Rebate आम तौर पर सीधे देय कर से घटाया जाता है (जैसे सेक्शन 87A) जबकि ‘रिलीफ’ अलग धारा या माध्यम से कर बोझ हल्का करती है।" }, { "question": "यदि सरकार पूँजीगत व्यय बढ़ाती है, तो क्या प्रभाव हो सकता है?", "options": [ "भविष्य में विकास की संभावनाएँ बढ़ेंगी, इंफ्रास्ट्रक्चर सुधरेगा, पर अल्पकाल में घाटा बढ़ सकता है", "तुरंत मुद्रास्फीति शून्य", "सरकारी राजस्व सीधे बढ़ जाता है", "कोई भी प्रभाव नहीं" ], "correct": 0, "explanation": "पूँजीगत व्यय (सड़कों, बाँधों, संयंत्रों पर खर्च) दीर्घकाल में उत्पादन क्षमता व विकास को बढ़ाता है, मगर तुरंत लागत बढ़ने से राजकोषीय घाटे पर असर पड़ सकता है।" }, { "question": "सरकार का ‘Off-Budget Borrowings (बजट-बाह्य उधारी)’ किसे कहा जाता है?", "options": [ "केवल केंद्र सरकार का छिपा हुआ कर्ज", "सरकार कुछ उधारी सरकारी संस्थाओं को करने देती है, जिन्हें बजट में सीधे नहीं दर्शाया जाता, पर अंततः सरकारी जिम्मेदारी होती है", "राजस्व exced", "शून्य घाटा" ], "correct": 1, "explanation": "बजट-बाह्य उधारी वह राशि है जो सरकार के बदले सरकारी उपक्रमों या एजेंसियों द्वारा ली जाती है, पर अंतिम दायित्व सरकार का होता है। इससे वास्तविक घाटा कम दिख सकता है।" }, { "question": "‘आर्थिक सर्वेक्षण’ में प्रायः अनुमानित GDP वृद्धि दर क्यों प्रकट होती है?", "options": [ "यह RBI का काम", "मुख्य आर्थिक सलाहकार भविष्य के आर्थिक परिदृश्य का आकलन प्रस्तुत करता है, जिससे नीति निर्माण में मदद मिले", "सरकार कोई आकड़ा नहीं देती", "सिर्फ अंतरिम बजट" ], "correct": 1, "explanation": "आर्थिक सर्वेक्षण में संभावित विकास दर का अनुमान, जोखिम व चुनौतियों का विश्लेषण होता है, ताकि नीतिगत कदमों का मार्गदर्शन हो सके।" }, { "question": "अगर सरकार ‘प्रत्यक्ष करों’ से अपेक्षा से कम राजस्व जुटा पाती है, तो वह किस विकल्प का सहारा ले सकती है?", "options": [ "अतिरिक्त बजट की घोषणा", "घाटे में कटौती या बॉन्ड जारी कर पूँजी उधार, या व्यय पुनर्गठन", "किसानों से उधार", "राज्य बजट को इस्तेमाल" ], "correct": 1, "explanation": "यदि टैक्स रसीद कम आए, तो सरकार घाटे को नियंत्रित करने हेतु खर्च में कटौती, अतिरिक्त बॉन्ड जारी करके बाजार से उधार, या अन्य राजस्व बढ़ाने के उपाय कर सकती है।" }, { "question": "‘वित्त आयोग (Finance Commission)’ की सिफारिश पर ‘Post-Devolution Revenue Deficit Grant’ क्यों दिया जाता है?", "options": [ "किसानों को अनुदान", "कुछ राज्यों की आय, कर बँटवारे के बाद भी पर्याप्त नहीं होती, अतः उन्हें अतिरिक्त राजस्व घाटा अनुदान दिया जाता है", "केवल पूँजीगत व्यय", "PSU में निवेश" ], "correct": 1, "explanation": "बँटे हुए करों के बावजूद जो राज्य राजस्व घाटे में रहते हैं, उन्हें वित्त आयोग की अनुशंसा पर केंद्र से ‘राजस्व घाटा अनुदान’ मिलता है, ताकि वित्तीय स्थिरता बनी रहे।" }, { "question": "‘बजट का उद्देश्य केवल लेखा-व्यवहार दिखाना’ यह कथन कितना सही है?", "options": [ "पूर्णतः सही, बजट सिर्फ बही-खाता है", "बिल्कुल गलत, बजट नीतिगत दस्तावेज भी है, जिससे सरकार की प्राथमिकताएँ, योजनाएँ, राजस्व नीतियाँ स्पष्ट होती हैं", "सिर्फ कॉर्पोरेट का लेखा", "केवल विगत वर्ष की रिपोर्ट" ], "correct": 1, "explanation": "बजट न केवल आय-व्यय का लेखा-जोखा देता है, बल्कि आर्थिक नीतियों, विकास प्राथमिकताओं, कर-सुधारों, सब्सिडी आदि में सरकार की सोच को परिलक्षित करता है।" }, { "question": "FRBM के उल्लंघन पर क्या कोई दंडात्मक प्रावधान है?", "options": [ "संविधान में जेल की सजा", "केंद्रीय बैंक द्वारा सरकार को हटाना", "विशिष्ट दंड नहीं, पर यह राजकोषीय अनुशासन व साख को प्रभावित कर सकता है", "सुप्रीम कोर्ट स्वतः संज्ञान" ], "correct": 2, "explanation": "FRBM अधिनियम में प्रत्यक्ष कड़े दंड नहीं हैं, पर असफलता से सरकार की विश्वसनीयता घटती है, रेटिंग एजेंसियों व बाजार में असर पड़ता है।" }, { "question": "‘आधारभूत संरचना में निवेश बढ़ने’ से बजट पर कौन-सा प्रभाव आशा किया जाता है?", "options": [ "छोटे उद्योग बंद", "लंबी अवधि में वृद्धि, राजस्व बढ़ेगा, पर अल्पकाल में व्यय बढ़ने से घाटा थोड़ा बढ़ सकता है", "तुरंत राजस्व आधिक्य", "इससे सरकारी खर्च शून्य" ], "correct": 1, "explanation": "इन्फ्रास्ट्रक्चर पर पूँजीगत खर्च अर्थव्यवस्था को दीर्घकाल में उत्पादकता व राजस्व सुधार देता है, पर तत्कालीन बजट घाटे को बढ़ा सकता है।" }, { "question": "‘वित्त आयोग’ का गठन कौन करता है?", "options": [ "प्रधानमंत्री", "संसद का विशेष सत्र", "राष्ट्रपति, हर पांच साल या आवश्यकता अनुसार", "भारत के मुख्य न्यायाधीश" ], "correct": 2, "explanation": "संविधान के अनुच्छेद 280 के तहत राष्ट्रपति हर पाँच वर्षों में (या आवश्यकता पड़ने पर पहले भी) वित्त आयोग का गठन कर सकता है।" }, { "question": "सरकारी घाटे के प्रकार में ‘Off-budget Liabilities’ सरकार को क्यों संघर्ष में डाल सकती है?", "options": [ "क्योंकि ये hidden debt हैं, समय आने पर सरकार को चुकाना पड़ता है, पर बजट में प्रत्यक्ष रूप से नहीं दिखता", "सरकार को अतिरिक्त कर मिलता", "बहुत लाभदायक", "कीमत गिर जाती है" ], "correct": 0, "explanation": "बजट-बाह्य देनदारियों को यदि सरकारी उधारी की तरह साफ न दिखाया जाए, तो भविष्य में बड़ा वित्तीय बोझ अप्रत्याशित रूप से सामने आ सकता है।" }, { "question": "‘बजट भाषण’ कितने भागों में विभाजित होता है?", "options": [ "दो भागों में: पहले भाग में सामान्य बजट दृष्टिकोण, दूसरे भाग में कर प्रस्ताव", "सिर्फ एक भाग", "चार भाग", "किसी निश्चित नियम नहीं" ], "correct": 0, "explanation": "वित्त मंत्री के बजट भाषण में परंपरागत रूप से दो भाग होते हैं—पहले में नीति, योजनाओं, अर्थव्यवस्था का विश्लेषण, दूसरे में कर प्रस्तावों की घोषणा की जाती है।" }, { "question": "सरकार ‘Market Borrowings’ के माध्यम से क्या करती है?", "options": [ "सार्वजनिक निवेश फंड", "डिफ़ॉल्ट", "सरकारी प्रतिभूतियाँ (G-Secs, T-Bills) जारी कर जनता/बैंकों से धन लेती है, जिससे बजट घाटा पूरा करे", "अंतरराष्ट्रीय दान" ], "correct": 2, "explanation": "मार्केट बॉरोइंग यानी सरकार बॉन्ड या ट्रेजरी बिल जारी कर सार्वजनिक/संस्थागत निवेशकों से उधार लेती है, जिससे वित्तीय आवश्यकताओं को पूरा किया जा सके।" }, { "question": "आर्थिक सर्वेक्षण में प्रस्तुत ‘अनुमान’ पर कौन-सा कथन सही है?", "options": [ "सर्वेक्षण के अनुमान हमेशा सटीक होते हैं", "ये तकनीकी विश्लेषण पर आधारित अनुमान हैं, जो कभी-कभी वास्तविक आंकड़ों से अलग भी हो सकते हैं", "ये सुप्रीम कोर्ट द्वारा सत्यापित", "इन अनुमानों का कोई मतलब नहीं" ], "correct": 1, "explanation": "आर्थिक सर्वेक्षण में मॉडलिंग व विश्लेषण के आधार पर अनुमान दिए जाते हैं, जो वास्तविकता से भिन्न हो सकते हैं; यह संभावित परिदृश्य को समझने के लिए है।" }, { "question": "‘बजट पारदर्शिता’ क्यों आवश्यक है?", "options": [ "सार्वजनिक धन का जवाबदेही, भ्रष्टाचार में कमी, आर्थिक निर्णयों में जनता का भरोसा", "कर नहीं लगाना", "श्रमिकों को बस सुविधा", "पूरी तरह गुप्त" ], "correct": 0, "explanation": "सरकारी बजट में स्पष्टता होने से करदाता जान सकते हैं कि कर कहाँ खर्च हो रहा, योजनाओं की प्रगति व सरकार की प्राथमिकताएँ क्या हैं, इससे पारदर्शिता व जवाबदेही आती है।" }, { "question": "‘उदाहरण के तौर पर प्राथमिक घाटा शून्य हो, पर राजकोषीय घाटा उच्च हो’ – कैसे संभव?", "options": [ "ब्याज भुगतान बहुत ज्यादा होने से", "पूँजीगत व्यय शून्य", "करों में भारी कमी", "असंभव स्थिति" ], "correct": 0, "explanation": "प्राथमिक घाटा (राजकोषीय घाटा - ब्याज भुगतान) यदि शून्य भी हो सकता है, लेकिन यदि ब्याज भुगतान उच्च है, तो राजकोषीय घाटा फिर भी बड़ा हो सकता है।" }, { "question": "‘संकलित कोष (Consolidated Fund of India)’ का मतलब क्या है?", "options": [ "केंद्र सरकार की मुख्य कोष, जिसमें सभी रसीद (कर, गैर-कर, ऋण) जमा होती हैं और संसद की स्वीकृति से ही व्यय होता है", "प्रधानमंत्री के निजी फंड", "केवल राज्यों के अनुदान", "संविधान में उल्लेख नहीं" ], "correct": 0, "explanation": "संकलित कोष भारत सरकार का सबसे बड़ा कोष है, जिसमें सभी आय जमा होती है और व्यय के लिए संसद की अनुमति आवश्यक होती है (अनुच्छेद 266)।" }, { "question": "‘निरपेक्ष घाटा (Absolute Deficit)’ क्यों कम उपयोग होता है?", "options": [ "कोई अर्थ नहीं", "यह सिर्फ राजस्व-व्यय का फर्क बताता है, पर वित्त पोषण पहलू (ब्याज, पूँजीगत) को नहीं दर्शाता", "बहुत विस्तृत", "अंग्रेज़ों का सिद्धांत" ], "correct": 1, "explanation": "Absolute Deficit में वित्तपोषण के साधनों का ध्यान नहीं रखा जाता, इसलिए राजकोषीय घाटा, प्राइमरी घाटा जैसे संकेतकों का उपयोग ज्यादा होता है।" }, { "question": "‘सीमांत पर इकाई बढ़ाने का अर्थ’ बजट संदर्भ में क्या हो सकता है?", "options": [ "पेट्रोल का मूल्य बढ़ना", "सरकार के एक अतिरिक्त रुपया व्यय या कर से क्या प्रभाव होगा", "केवल घाटा कम होना", "बहुत सारी योजनाएँ" ], "correct": 1, "explanation": "सीमांत विश्लेषण में यह देखा जाता है कि एक रुपये अधिक व्यय करने या कर लगाने से लाभ/आय में कितना परिवर्तन होगा—यह नीतिगत प्रभाव का सूचक है।" }, { "question": "आर्थिक सर्वेक्षण में ‘Reverse Migration’ का जिक्र कोविड काल में क्यों हुआ?", "options": [ "कोई जिक्र नहीं", "लॉकडाउन के दौरान शहरों से मज़दूरों का गाँवों की ओर वापस आना, ग्रामीण अर्थव्यवस्था पर दबाव", "परिवहन शुल्क", "कर बढ़ाने से" ], "correct": 1, "explanation": "महामारी व लॉकडाउन के दौरान बड़े पैमाने पर श्रमिक अपने गाँवों को लौटे, जिससे शहरी निर्माण/उद्योगों में श्रम की कमी, ग्रामीण क्षेत्र पर अचानक दबाव देखा गया; सर्वेक्षण में इसका विश्लेषण किया गया।" }, { "question": "वित्त आयोग में किस मौलिक सिद्धांत का उपयोग सबसे पहले किया गया?", "options": [ "‘जनसंख्या’ और ‘क्षेत्रफल’ को राजस्व बँटवारे का आधार", "मुद्रास्फीति को शामिल", "जेंडर गैप मापना", "जलवायु परिवर्तन" ], "correct": 0, "explanation": "पहले वित्त आयोग से ही जनसंख्या व क्षेत्रफल प्रमुख मानदंड रहे हैं। बाद में धीरे-धीरे प्रति व्यक्ति आय, वन क्षेत्र, प्रदर्शन इत्यादि को भी शामिल किया गया।" }, { "question": "यदि कोई सरकार बजट-बाह्य संसाधनों से बहुत अधिक उधार ले, तो क्या ख़तरा है?", "options": [ "न्यूनतम ब्याज दर", "सार्वजनिक ऋण कम दिखेगा, लेकिन वास्तविक देनदारी ज्यादा होगी, पारदर्शिता पर प्रश्न, भविष्य में कर्ज़ संकट", "सरकार को फायदा ही फायदा", "कोई समस्या नहीं" ], "correct": 1, "explanation": "बजट से इतर सरकारी एजेंसियों/PSU से भारी उधारी हो तो आधिकारिक घाटा कम लगता है, लेकिन वास्तविक कर्ज बढ़ता जाता है, भविष्य में चुकौती बोझ से वित्तीय संकट हो सकता है।" }, { "question": "वित्त आयोग किस प्रकार की सिफारिशें नहीं देता?", "options": [ "केंद्र-राज्य टैक्स शेयर", "राज्यवार शुद्ध निर्यात आंकड़े", "राजस्व घाटा अनुदान", "स्थानीय निकायों के लिए अनुदान" ], "correct": 1, "explanation": "वित्त आयोग राजस्व के बंटवारे व अनुदानों पर सिफारिश करता है, लेकिन निर्यात आंकड़ों से उसका सीधा सरोकार नहीं होता; यह वाणिज्य व उद्योग मंत्रालय व अन्य से संबंधित विषय है।" }, { "question": "यदि बजट में पूँजीगत व्यय बहुत कम हो, तो दीर्घकालिक प्रभाव क्या हो सकता है?", "options": [ "भविष्य में विकास की गति धीमी, इन्फ्रास्ट्रक्चर कमज़ोर", "भारी निजी निवेश", "विदेशी मुद्रा भंडार बढ़ना", "सरकारी राजस्व स्वतः बढ़ना" ], "correct": 0, "explanation": "पूँजीगत व्यय कम होने से लंबे समय में बुनियादी ढाँचा, उत्पादकता व रोजगार वृद्धि पर प्रतिकूल असर पड़ सकता है।" } // More questions as needed... ]; let currentQuestionIndex = 0; // Track current question let userAnswers = Array(quizData.length).fill(null); // Track user's answers // Timer variables let totalQuizTime = quizData.length * 30; // total seconds = 30 seconds * no. of questions let timeLeft = totalQuizTime; let timerInterval; // On page load, initialize quiz window.onload = function() { generateQuestionNav(); // Generate the question navigation circles loadQuestion(); startTimer(); // Start the countdown }; // Start the countdown timer function startTimer() { updateTimerDisplay(timeLeft); timerInterval = setInterval(() => { timeLeft--; updateTimerDisplay(timeLeft); if (timeLeft <= 0) { clearInterval(timerInterval); showResults(); // Force show results if time is up } }, 1000); } // Update timer on the screen in mm:ss format function updateTimerDisplay(seconds) { const timerEl = document.getElementById("timer"); const mins = Math.floor(seconds / 60).toString().padStart(2, '0'); const secs = (seconds % 60).toString().padStart(2, '0'); timerEl.innerText = `Time: ${mins}:${secs}`; } // Toggle the question nav when hamburger is pressed const hamburgerBtn = document.getElementById('hamburgerBtn'); hamburgerBtn.addEventListener('click', () => { document.getElementById('questionNavOverlay').classList.toggle('show'); }); // Close hamburger menu if user clicks outside the nav and menu document.addEventListener('click', (e) => { const navOverlay = document.getElementById('questionNavOverlay'); const hamburger = document.getElementById('hamburgerBtn'); // If the menu is open, and the click is outside both the overlay and the hamburger, close it if ( navOverlay.classList.contains('show') && !navOverlay.contains(e.target) && !hamburger.contains(e.target) ) { navOverlay.classList.remove('show'); } }); // Create small clickable circles for each question function generateQuestionNav() { const navContainer = document.getElementById("questionNav"); navContainer.innerHTML = ""; // clear old items if any quizData.forEach((_, index) => { const circle = document.createElement("div"); circle.classList.add("circle-number"); circle.innerText = index + 1; // Show question number (1-based) circle.onclick = () => jumpToQuestion(index); navContainer.appendChild(circle); }); } // Jump to a specific question function jumpToQuestion(qIndex) { currentQuestionIndex = qIndex; // Hide the nav on mobile after selection document.getElementById('questionNavOverlay').classList.remove('show'); // Reset submission/next button state document.getElementById("submitAnswerButton").classList.remove("hidden"); document.getElementById("nextButton").classList.add("hidden"); loadQuestion(); } // Load current question function loadQuestion() { highlightCurrentCircle(); // Hide explanation area and Next button initially document.getElementById("explanation").classList.add("hidden"); document.getElementById("nextButton").classList.add("hidden"); const questionData = quizData[currentQuestionIndex]; document.getElementById("question").innerText = questionData.question; document.getElementById("questionCounter").innerText = `${currentQuestionIndex + 1}/${quizData.length}`; // Clear old choices const choicesContainer = document.getElementById("choices"); choicesContainer.innerHTML = ""; // Populate choices questionData.options.forEach((option, index) => { const choiceElement = document.createElement("div"); choiceElement.className = "choice"; choiceElement.innerText = option; // If previously selected, mark it if (userAnswers[currentQuestionIndex] === index) { choiceElement.classList.add("selected"); } // On clicking a choice choiceElement.onclick = () => { // Clear all selections first document.querySelectorAll(".choice").forEach(c => c.classList.remove("selected")); // Mark this one as selected choiceElement.classList.add("selected"); userAnswers[currentQuestionIndex] = index; }; choicesContainer.appendChild(choiceElement); }); // Handle Previous button visibility document.getElementById("prevButton").style.display = currentQuestionIndex === 0 ? "none" : "inline-block"; } // Highlight the current question circle function highlightCurrentCircle() { const circles = document.querySelectorAll(".circle-number"); circles.forEach((circle, idx) => { circle.classList.remove("active"); if (idx === currentQuestionIndex) { circle.classList.add("active"); } }); } // Submit the current question's answer function submitAnswer() { const questionData = quizData[currentQuestionIndex]; const userAnswer = userAnswers[currentQuestionIndex]; // Show the explanation div const explanationDiv = document.getElementById("explanation"); explanationDiv.classList.remove("hidden"); // Clear previous correctness classes and disable further selection document.querySelectorAll(".choice").forEach((c) => { c.classList.add("disabled"); c.onclick = null; }); // Determine correctness or skipping if (userAnswer === null) { explanationDiv.innerHTML = "You Skipped the question.<br/><br/>व्याख्या: " + questionData.explanation; showPopupMessage("You Skipped the question", false); } else if (userAnswer === questionData.correct) { explanationDiv.innerHTML = "You got it right!<br/><br/>व्याख्या: " + questionData.explanation; showPopupMessage("You got it right", true); // Highlight correct choice document.querySelectorAll(".choice")[userAnswer].classList.add("correct"); } else { explanationDiv.innerHTML = "You got it wrong.<br/><br/>व्याख्या: " + questionData.explanation; showPopupMessage("You got it wrong", false); // Highlight correct choice document.querySelectorAll(".choice")[questionData.correct].classList.add("correct"); // Mark the chosen one as incorrect document.querySelectorAll(".choice")[userAnswer].classList.add("incorrect"); } // Hide the submit button, show the next button document.getElementById("submitAnswerButton").classList.add("hidden"); document.getElementById("nextButton").classList.remove("hidden"); } // Go to the next question or show final results function nextQuestion() { currentQuestionIndex++; if (currentQuestionIndex >= quizData.length) { // Show results if no more questions showResults(); } else { // Reset buttons document.getElementById("submitAnswerButton").classList.remove("hidden"); document.getElementById("nextButton").classList.add("hidden"); loadQuestion(); } } // Go to the previous question function previousQuestion() { if (currentQuestionIndex > 0) { currentQuestionIndex--; document.getElementById("submitAnswerButton").classList.remove("hidden"); document.getElementById("nextButton").classList.add("hidden"); loadQuestion(); } } // Show final quiz results function showResults() { // Stop the timer if it's still running clearInterval(timerInterval); // Calculate correct answers const correctAnswersCount = userAnswers.filter( (ans, i) => ans === quizData[i].correct ).length; // Hide quiz content document.getElementById("quizContent").classList.add("hidden"); // Show results document.getElementById("resultContent").classList.remove("hidden"); const percentage = (correctAnswersCount / quizData.length) * 100; let resultHTML = ""; if (percentage >= 60) { resultHTML = `<div class="congrats">🎉 बधाई हो! आपने ${percentage.toFixed( 2 )}% स्कोर किया है!</div>`; } else { resultHTML = `<div class="sad">😢 आपने ${percentage.toFixed( 2 )}% स्कोर किया है। अगली बार के लिए शुभकामनाएं!</div>`; } document.getElementById("resultMessage").innerHTML = resultHTML; document.getElementById("scoreMessage").innerText = `आपने कुल ${quizData.length} में से ${correctAnswersCount} प्रश्न सही उत्तर दिए हैं।`; } // Optional popup message function showPopupMessage(message, isCorrect) { const popup = document.getElementById('popupMessage'); popup.innerText = message; popup.className = ''; popup.classList.add('show'); popup.classList.add(isCorrect ? 'correct' : 'incorrect'); setTimeout(() => { popup.classList.remove('show'); popup.classList.add('hidden'); }, 2000); } // Button event listeners document.getElementById('prevButton').addEventListener('click', previousQuestion); document.getElementById('submitAnswerButton').addEventListener('click', submitAnswer); document.getElementById('nextButton').addEventListener('click', nextQuestion); // Predefined Darker Color Themes const themes = [ { header: '#a31645', headerText: '#ffffff', container: '#e8c4d6', containerText: '#6e0c36', headings: '#6e0c36' }, // Berry Delight { header: '#00574b', headerText: '#ffffff', container: '#b3dfd7', containerText: '#00382e', headings: '#00382e' }, // Ocean Breeze { header: '#c95a00', headerText: '#ffffff', container: '#dca865', containerText: '#7a3400', headings: '#7a3400' }, // Sunset Glow { header: '#4a0f6f', headerText: '#ffffff', container: '#cdb5e3', containerText: '#320b4a', headings: '#320b4a' }, // Calming Lavender { header: '#1e4d2b', headerText: '#ffffff', container: '#98c1a3', containerText: '#122417', headings: '#122417' }, // Forest Retreat { header: '#c99800', headerText: '#ffffff', container: '#e8d18a', containerText: '#6c4f00', headings: '#6c4f00' }, // Golden Elegance { header: '#01477e', headerText: '#ffffff', container: '#86b9e4', containerText: '#00223d', headings: '#00223d' }, // Sky Calm { header: '#5a3b2e', headerText: '#ffffff', container: '#b8a89c', containerText: '#32211a', headings: '#32211a' }, // Retro Rust { header: '#b34727', headerText: '#ffffff', container: '#f2c29d', containerText: '#6a2915', headings: '#6a2915' }, // Warm Peach { header: '#0f4c43', headerText: '#ffffff', container: '#92c3b8', containerText: '#072822', headings: '#072822' }, // Cool Mint ]; // Apply Random Darker Theme function applyRandomTheme() { const header = document.querySelector('.header'); const container = document.querySelector('.content-container'); const headings = document.querySelectorAll('.content-container h2'); // Select a random theme const randomTheme = themes[Math.floor(Math.random() * themes.length)]; // Apply Header Colors header.style.backgroundColor = randomTheme.header; header.style.color = randomTheme.headerText; // Apply Container Colors container.style.backgroundColor = randomTheme.container; container.style.color = randomTheme.containerText; // Apply Heading Colors headings.forEach((heading) => { heading.style.color = randomTheme.headings; heading.style.borderBottom = `2px solid ${randomTheme.headings}`; }); } // Apply the theme on page load window.onload = function () { applyRandomTheme(); // Set random theme generateQuestionNav(); // Generate question navigation loadQuestion(); // Load the first question startTimer(); // Start the countdown timer }; </script> </body> </html> <!-- /wp:html -->