<!-- wp:html --> <!DOCTYPE html> <html lang="hi"> <head> <meta charset="UTF-8" /> <meta name="viewport" content="width=device-width, initial-scale=1.0"/> <title>MCQ Quiz</title> <style> /* Basic CSS resets */ * { margin: 0; padding: 0; box-sizing: border-box; } body { font-family: Arial, sans-serif; background-color: #f1f8e9; color: #33691e; } .content-container { background-color: #dcedc8; padding: 5px; border-radius: 5px; max-width: auto; margin: 20px auto; box-shadow: 0 6px 12px rgba(0, 0, 0, 0.1); position: relative; } .header { background-color: #7cb342; color: #ffffff; text-align: center; padding: 20px; border-radius: 10px; margin-bottom: 20px; box-shadow: 0 4px 8px rgba(0, 0, 0, 0.15); position: relative; } .header h1 { margin: 0; font-size: 28px; } /* Hamburger Menu Icon */ .hamburger { position: absolute; top: 8px; left: 8px; z-index: 1000; width: 20px; height: 15px; display: flex; flex-direction: column; justify-content: space-between; cursor: pointer; } .hamburger-line { 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का लेन-देन होता है, जैसे शेयर, बॉन्ड, मुद्रा बाज़ार इत्यादि", "केवल कृषि उत्पाद बाज़ार" ], "correct": 2, "explanation": "वित्तीय बाजार वह स्थान या माध्यम है, जहाँ पूँजी अथवा अल्पकालीन व दीर्घकालीन वित्तीय साधनों (शेयर, बॉन्ड, आदि) का कारोबार किया जाता है।" }, { "question": "मुद्रा बाजार (Money Market) की एक प्रमुख विशेषता क्या है?", "options": [ "बहुत लंबी अवधि (10+ वर्ष) की प्रतिभूतियाँ", "केवल रियल एस्टेट निवेश", "अल्पकालिक (1 वर्ष या कम) ऋणपत्रों का लेन-देन, जैसे ट्रेजरी बिल, कॉमर्शियल पेपर", "मदद सिर्फ कृषि क्षेत्र को" ], "correct": 2, "explanation": "मनी मार्केट अल्पकालीन वित्तीय साधनों के लेन-देन का मंच है, जिनकी परिपक्वता प्रायः एक वर्ष या उससे कम की होती है (उदा. ट्रेजरी बिल, कॉल मनी इत्यादि)।" }, { "question": "पूँजी बाजार (Capital Market) किसका संकेतक है?", "options": [ "वह जगह जहाँ कृषि उपज बिकती है", "केवल बचत खाते की दर", "लंबी अवधि (1 वर्ष से अधिक) के निवेश, जैसे शेयर व बॉन्ड में लेन-देन, पूँजी जुटाने का मुख्य साधन", "केवल विदेशी मुद्रा" ], "correct": 2, "explanation": "पूँजी बाजार में लंबी अवधि के निवेश साधनों (शेयर, बॉन्ड, डिबेंचर) का लेन-देन होता है, जिससे कंपनियाँ व सरकार दीर्घकालिक पूँजी जुटाती हैं।" }, { "question": "मुद्रा बाजार (Money Market) में ‘ट्रेजरी बिल (Treasury Bill)’ कितना समयावधि वाला होता है?", "options": [ "5 से 10 साल", "7 से 12 साल", "91 दिन, 182 दिन, 364 दिन जैसे अल्पकालिक बिल", "25 साल से अधिक" ], "correct": 2, "explanation": "ट्रेजरी बिल भारत सरकार द्वारा जारी अल्पकालिक ऋणपत्र हैं, जिनकी परिपक्वता 91, 182, या 364 दिनों की होती है।" }, { "question": "डिबेंचर (Debenture) किसे कहते हैं?", "options": [ "किसी कंपनी का इक्विटी शेयर", "केवल सरकारी बॉन्ड", "किसी कंपनी का ऋणपत्र, जिसे खरीदकर निवेशक कंपनी को ऋण देते हैं और कंपनी ब्याज चुकाती है", "केवल कॉमर्शियल पेपर" ], "correct": 2, "explanation": "डिबेंचर कंपनी द्वारा जारी एक ऋणपत्र है; धारक को ब्याज मिलता है, पर कंपनी में स्वामित्व का अधिकार नहीं मिलता।" }, { "question": "शेयर (Share) खरीदने पर निवेशक को क्या अधिकार मिलते हैं?", "options": [ "कोई ब्याज भुगतान", "कंपनी में ऋणदाता का स्थान", "कंपनी के स्वामित्व में हिस्सा, मुनाफे पर लाभांश, वोटिंग अधिकार (साधारण शेयर पर)", "केवल बांडधारक की तरह रिटर्न" ], "correct": 2, "explanation": "शेयरधारक कंपनी का आंशिक मालिक होता है, उसे लाभांश (यदि घोषित हो) एवं वोटिंग अधिकार (साधारण शेयरों पर) प्राप्त होते हैं।" }, { "question": "मुद्रा बाजार (Money Market) और पूँजी बाजार (Capital Market) में मुख्य अंतर क्या है?", "options": [ "दोनों समान ही हैं", "मुद्रा बाजार में छोटे अमाउंट के लेन-देन, पूँजी बाजार में बड़े", "मुद्रा बाजार एक वर्ष तक की अल्पकालीन प्रतिभूतियाँ, पूँजी बाजार एक वर्ष से अधिक अवधि के निवेश साधन", "मुद्रा बाजार सिर्फ नकद जमा पर आधारित" ], "correct": 2, "explanation": "मुद्रा बाजार में अल्पकालीन साधनों (एक वर्ष तक) का कारोबार होता है, जबकि पूँजी बाजार लंबी अवधि के निवेश (शेयर, बॉन्ड) के लिए होता है।" }, { "question": "Call Money Market क्या दर्शाता है?", "options": [ "बैंकों के बीच अत्यंत अल्पकालीन (1 दिन) उधार-पत्र लेन-देन", "केवल लंबे बॉन्ड का बाज़ार", "विदेशी मुद्रा का लेन-देन", "किसानों को ऋण" ], "correct": 0, "explanation": "कॉल मनी मार्केट में बैंक व वित्तीय संस्थान एक-दूसरे को 1 दिन के लिए (ओवरनाइट) उधार लेते-देते हैं, जिससे उनकी तत्काल नकदी जरूरत पूरी होती है।" }, { "question": "शेयर बाजार (Stock Market) को किस श्रेणी में रखा जा सकता है?", "options": [ "मनी मार्केट", "पूँजी बाजार का द्वितीयक खंड, जहाँ पहले से जारी शेयरों का लेन-देन होता है", "केवल विदेशी मुद्रा का व्यापार", "सरकारी बॉन्ड ट्रेड" ], "correct": 1, "explanation": "स्टॉक मार्केट पूँजी बाजार का अंग है, जहाँ कंपनियों के शेयरों की खरीद-फरोख्त होती है। यदि नए शेयर जारी हों तो यह प्राथमिक बाजार कहलाता है, और पुराने शेयरों का व्यापार द्वितीयक बाजार में होता है।" }, { "question": "पूँजी बाजार में ‘प्राथमिक बाजार (Primary Market)’ एवं ‘द्वितीयक बाजार (Secondary Market)’ में क्या अंतर है?", "options": [ "दोनों पूरी तरह समान", "प्राथमिक बाजार में कंपनियाँ नए प्रतिभूतियाँ (IPO, बॉन्ड) जारी करती हैं; द्वितीयक बाजार में निवेशक पहले से जारी प्रतिभूतियों का आपस में लेन-देन करते हैं", "द्वितीयक बाजार सिर्फ सरकारी प्रतिभूतियों को बेचता है", "कोई अंतर नहीं" ], "correct": 1, "explanation": "प्राथमिक बाजार में निवेशक, कंपनी या जारीकर्ता से सीधे नई प्रतिभूतियाँ खरीदते हैं, जबकि द्वितीयक बाजार में इन प्रतिभूतियों का निवेशकों के बीच पुनः व्यापार होता है।" }, { "question": "‘मुचल फंड (Mutual Fund)’ पूँजी बाजार में किस तरह कार्य करता है?", "options": [ "केवल कर संग्रह", "एक फंड जो कई निवेशकों से पैसा एकत्र कर शेयर, बॉन्ड आदि में निवेश करता है, पेशेवर प्रबंधन द्वारा", "केवल मनी मार्केट", "उधारी इकट्ठी" ], "correct": 1, "explanation": "म्यूचुअल फंड एक सामूहिक निवेश योजना है, जिसमें कई निवेशकों का धन इकट्ठा कर विशेषज्ञ प्रबंधन के तहत विविध प्रतिभूतियों (शेयर, बॉन्ड) में निवेश किया जाता है।" }, { "question": "डिबेंचर (Debenture) धारक को कम्पनी के मुनाफे में क्या मिलता है?", "options": [ "लाभांश", "मुनाफे का अंश", "ब्याज (कूपन) निर्धारित दर पर, भले कंपनी मुनाफे में हो या नहीं", "कोई भुगतान नहीं" ], "correct": 2, "explanation": "डिबेंचर एक ऋण सुरक्षा है, कंपनी निर्धारित ब्याज का भुगतान करती है, यह लाभांश जैसे मुनाफा-आधारित नहीं होता।" }, { "question": "कौन-सा स्तंभ ‘Equity Share’ का लक्षण नहीं है?", "options": [ "मालिकाना हक", "डिविडेंड परंपरागत रूप से निश्चित", "वोटिंग अधिकार", "प्रत्यक्ष लाभ-हानि की हिस्सेदारी" ], "correct": 1, "explanation": "इक्विटी शेयर में लाभांश निश्चित नहीं होता; यह कंपनी के मुनाफे व निदेशक मंडल के निर्णय पर निर्भर करता है, वोटिंग अधिकार व मालिकाना हक प्रदान होता है।" }, { "question": "मुद्रा बाजार (Money Market) में ‘Commercial Paper’ किसे जारी कर सकते हैं?", "options": [ "सरकारें", "केवल बैंक", "कंपनियाँ (कॉरपोरेट) अल्पकालीन वित्त जुटाने के लिए, आम तौर पर उच्च क्रेडिट रेटिंग वाले", "शेयर बाजार" ], "correct": 2, "explanation": "कमर्शियल पेपर बड़ी क्रेडिट रेटिंग वाली कंपनियाँ अल्पावधि (सामान्यतः 7 दिन से 1 वर्ष तक) के लिए जारी करती हैं, ताकि कार्यशील पूँजी जुटा सकें।" }, { "question": "डेब्ट मार्केट में ‘बांड (Bond)’ व ‘डिबेंचर (Debenture)’ में प्रायः क्या अंतर होता है?", "options": [ "दोनों में कोई अंतर नहीं", "बांड सरकारी या प्रतिष्ठित संस्था द्वारा, डिबेंचर सामान्य कंपनियों द्वारा; हालाँकि व्यावहारिक रूप से दोनों ही ऋण प्रतिभूति हैं", "बांड हमेशा शेयर बाजार में बिकते हैं, डिबेंचर कभी नहीं", "बांड में कोई ब्याज नहीं" ], "correct": 1, "explanation": "सामान्यतः Bonds को सरकारी या बड़ी संस्थाएँ जारी करती हैं; Debentures प्राइवेट कंपनियाँ. दोनों ही उधार लेने का साधन हैं, पर उनके कानूनी स्वरूप में कुछ अंतर हो सकता है।" }, { "question": "‘ब्याज दरों में कमी’ पूँजी बाजार को कैसे प्रभावित कर सकती है?", "options": [ "शेयर में निवेश घटता है", "डिबेंचर की कीमतें गिर जाती हैं", "शेयर बाजार में निवेश आकर्षक हो जाता है, बॉन्ड की कीमतें भी बढ़ सकती हैं", "डिफॉल्ट बढ़ता है" ], "correct": 2, "explanation": "ब्याज दर कम होने से फिक्स्ड इनकम इंस्ट्रूमेंट्स का यील्ड घटता है, बॉन्ड की मौजूदा कीमत बढ़ सकती है, शेयरों में निवेश आकर्षक हो जाता है क्योंकि लोन सस्ता होता है, कंपनियों की संभावनाएँ सुधरती हैं।" }, { "question": "IPO (Initial Public Offering) का मतलब क्या है?", "options": [ "किसी कंपनी का पहली बार आम जनता को शेयर जारी करना", "कंपनी में डिबेंचर बेचना", "केवल सरकार को शेयर देना", "दूसरे बाजार में शिफ्ट" ], "correct": 0, "explanation": "IPO वह प्रक्रिया है जिसमें कंपनी पहली बार सार्वजनिक रूप से अपने शेयर स्टॉक एक्सचेंज में सूचीबद्ध कराती है और जनता को बेचती है।" }, { "question": "‘FPO (Follow-on Public Offering)’ कब किया जाता है?", "options": [ "कंपनी के पहले शेयर बिक्री (IPO) के तुरंत बाद, अतिरिक्त शेयर जारी करना", "हमेशा सरकारी कंपनियों के लिए", "केवल बोनस शेयर", "कंपनी बंद होने पर" ], "correct": 0, "explanation": "FPO में पहले से सूचीबद्ध कंपनी अतिरिक्त शेयर जारी कर पूँजी जुटाती है, जबकि IPO पहली बार जनता को शेयर देने की प्रक्रिया है।" }, { "question": "‘रेपो रेट’ और ‘रिवर्स रेपो रेट’ पूँजी बाजार पर कैसा प्रभाव डालते हैं?", "options": [ "केवल मुद्रा बाजार को प्रभावित करते हैं", "बॉन्ड यील्ड, शेयर की जोखिम-भावना, कुल लिक्विडिटी को प्रभावित कर पूँजी बाजार की चाल भी प्रभावित कर सकते हैं", "कोई असर नहीं", "केवल डिबेंचर कीमत घटती है" ], "correct": 1, "explanation": "रेपो दर कम होने से लिक्विडिटी बढ़ती है, ब्याज दरें घटने से पूँजी बाजार को प्रोत्साहन मिल सकता है; रिवर्स रेपो ऊँचा होने पर बैंकों को सुरक्षित RBI जमा रिटर्न बेहतर मिलता है, जिससे मार्केट लिक्विडिटी घटती है।" }, { "question": "मनी मार्केट के एक उपकरण ‘Certificate of Deposit (CD)’ कौन जारी करता है?", "options": [ "व्यापारिक बैंक और वित्तीय संस्थान", "केवल RBI", "सहकारी समितियाँ", "स्टॉक एक्सचेंज" ], "correct": 0, "explanation": "CD वाणिज्यिक बैंकों अथवा वित्तीय संस्थानों द्वारा अल्पकालीन जमा रसीद के रूप में जारी किया जाता है, जिस पर एक निर्धारित अवधि के बाद भुगतान किया जाता है।" }, { "question": "शेयर बाजार में ‘Market Capitalization’ क्या संकेत देता है?", "options": [ "कंपनी का कर-देय", "कंपनी के शेयरों की कुल संख्या × प्रति शेयर बाज़ार भाव", "कंपनी का लोन", "बैंक की जमा" ], "correct": 1, "explanation": "मार्केट कैप = कंपनी के जारी कुल शेयरों की संख्या × प्रतिशेयर मार्केट प्राइस; यह कंपनी के बाज़ार मूल्य का परिचायक होता है।" }, { "question": "‘Blue Chip’ शेयर किसे कहते हैं?", "options": [ "छोटे नवगठित कंपनी शेयर", "बहुत अस्थिर शेयर", "विशेष रूप से जुए में प्रयुक्त टोकन", "किसी बड़ी, स्थापित एवं वित्तीय रूप से सुदृढ़ कंपनी के शेयर" ], "correct": 3, "explanation": "ब्लू चिप कंपनियाँ लंबी अवधि से लाभदायक, स्थिर एवं मजबूत बैलेंस शीट वाली होती हैं, इसलिए इनके शेयर अपेक्षाकृत कम जोखिम वाले माने जाते हैं।" }, { "question": "‘Bond Yield’ और बॉन्ड कीमतों में क्या रिश्ता है?", "options": [ "दोनों समानांतर बढ़ते हैं", "बॉन्ड यील्ड बढ़ने पर बॉन्ड मूल्य भी बढ़ता है", "बॉन्ड यील्ड और कीमत में विपरीत संबंध (Yield ↑ ⇒ Price ↓)", "कोई संबंध नहीं" ], "correct": 2, "explanation": "बॉन्ड यील्ड बढ़ने पर वर्तमान बॉन्ड धारक को बेचने पर कम मूल्य मिलता है; यह एक इन्वर्स रिलेशन है। यदि मार्केट ब्याज दर बढ़े तो बॉन्ड की मार्केट कीमत गिर जाती है।" }, { "question": "मुद्रा बाजार में ‘कॉल मनी’ और ‘नोटिस मनी’ में अंतर क्या है?", "options": [ "कोई अंतर नहीं", "कॉल मनी 1 दिन के लिए, नोटिस मनी 2-14 दिनों के बीच अल्पकालीन उधार", "नोटिस मनी केवल RBI लेता है", "कॉल मनी ज्यादा ब्याज पर" ], "correct": 1, "explanation": "कॉल मनी ओवरनाइट (1 दिन), नोटिस मनी 2-14 दिन की अवधि का उधार लेन-देन है; दोनों अल्पकालीन नकदी व्यवस्थाएँ हैं।" }, { "question": "शेयर होल्डर किस स्थिति में ‘Bonus Shares’ प्राप्त करते हैं?", "options": [ "जब कंपनी नुकसान में हो", "जब कंपनी अपने रिटेन्ड अर्निंग/रिज़र्व से अतिरिक्त शेयर नि:शुल्क जारी करती है", "टैक्स नहीं चुकाने पर", "बैंक ऋण न चुकाने पर" ], "correct": 1, "explanation": "बोनस शेयर कंपनी द्वारा शेयरधारकों को बिना किसी अतिरिक्त कीमत के दिए जाते हैं, प्रायः कंपनी के संचित रिज़र्व में पर्याप्त राशि होने पर ऐसा किया जाता है।" }, { "question": "‘Rights Issue’ में मौजूदा शेयरधारक को क्या विशेषाधिकार मिलता है?", "options": [ "कंपनी बंद कराने का", "सस्ते दाम पर बांड", "प्रतिबंध लगा देते हैं", "नई जारी शेयर खरीदने का प्राथमिक अधिकार, ताकि उनका हिस्सा (Shareholding) कम न हो" ], "correct": 3, "explanation": "राइट्स इश्यू के तहत मौजूदा शेयरधारकों को रियायती/निर्धारित कीमत पर अतिरिक्त शेयर खरीदने का प्राथमिक अधिकार मिलता है, जिससे उनके स्वामित्व प्रतिशत की रक्षा हो सके।" }, { "question": "मुद्रा बाज़ार में ‘Repos’ और ‘Reverse Repos’ किससे संबंधित हैं?", "options": [ "लंबी अवधि के ऋण", "एक तरह का स्टॉक ट्रेड", "छोटे अवधि (अक्सर ओवरनाइट) लेन-देन, जहाँ प्रतिभूति बेचने वाला तय समय बाद वापस खरीदता है (रेपो), या जमा लेता है (रिवर्स रेपो)", "विदेशी मुद्रा डीलिंग" ], "correct": 2, "explanation": "रेपो सौदे में प्रतिभूति बेचकर अल्पकाल के लिए धन उठाया जाता है और तय समय व दर पर प्रतिभूति वापस खरीद ली जाती है, रिवर्स रेपो इसका उल्टा लेन-देन है।" }, { "question": "अगर कोई ‘Convertible Debenture’ है, तो निवेशक को कौन-सा लाभ मिल सकता है?", "options": [ "उसे ब्याज के बदले अधिकार नहीं मिलता", "आगे चलकर डिबेंचर को इक्विटी शेयर में परिवर्तित करने का विकल्प", "कंपनी का पूरा नियंत्रण", "कोई शर्त नहीं" ], "correct": 1, "explanation": "कन्वर्टिबल डिबेंचर में कंपनी द्वारा निर्धारित अवधि/शर्तों पर डिबेंचर को शेयर में बदलने की सुविधा हो सकती है, जिससे ऋणदाता आंशिक मालिक बन जाता है।" }, { "question": "पूँजी बाजार में ‘Underwriting’ का क्या अर्थ है?", "options": [ "बीमा पॉलिसी बेचना", "ब्रोकर्स की सैलरी", "IPO/FPO में अगर शेयर पूरी तरह न बिके, तो अंडरराइटर (बैंक/वित्तीय संस्थान) उन्हें खरीदने की गारंटी देता है", "सब्सिडी देना" ], "correct": 2, "explanation": "अंडरराइटर इश्यू को सफल बनाने की जिम्मेदारी लेता है; यदि पर्याप्त निवेशक न मिलें, तो वह शेष शेयरों को खरीदने की गारंटी देता है।" }, { "question": "शेयर मार्केट में ‘Primary Listing’ और ‘Secondary Listing’ में अंतर क्या है?", "options": [ "दोनों एक ही", "Primary Listing में कंपनी किसी एक्सचेंज पर पहली बार लिस्ट होती है, Secondary Listing में कंपनी अतिरिक्त एक्सचेंजों पर भी लिस्ट हो जाती है", "Secondary Listing में कम मूल्य तय होता", "केवल विदेशी एक्सचेंज में लिस्ट" ], "correct": 1, "explanation": "कंपनी पहले किसी प्रमुख स्टॉक एक्सचेंज पर लिस्टिंग कराती है (Primary). बाद में वह दूसरे एक्सचेंज पर भी लिस्ट हो सकती है (Secondary), ताकि अधिक निवेशकों तक पहुँचा जा सके।" }, { "question": "मुद्रा बाजार के उपकरण ‘Treasury Bills’ और ‘Commercial Paper’ में मुख्य अंतर क्या है?", "options": [ "दोनों सरकारी प्रतिभूतियाँ", "T-Bill सरकार जारी करती है, Commercial Paper कंपनियाँ जारी करती हैं", "T-Bill कभी डिस्काउंट पर जारी नहीं", "CP बहुत लंबी अवधि का" ], "correct": 1, "explanation": "ट्रेजरी बिल भारत सरकार द्वारा जारी किए जाते हैं, जबकि कमर्शियल पेपर बड़ी कॉरपोरेट/वित्तीय संस्थाओं द्वारा नकदी जरूरत के लिए जारी किए जाते हैं।" }, { "question": "डेट इंस्ट्रूमेंट में ‘Secured Debenture’ का मतलब क्या है?", "options": [ "कोई संपार्श्विक (Collateral) या कंपनी की संपत्ति गिरवी नहीं", "किसी सरकारी गारंटी", "कंपनी के किसी संपत्ति/आय प्रवाह द्वारा समर्थित, डिफ़ॉल्ट होने पर प्राथमिक दावा", "केवल शेयरधारकों की पसंद" ], "correct": 2, "explanation": "Secured Debenture को कंपनी की किसी परिसंपत्ति के विरुद्ध सुरक्षा प्राप्त होती है, जिससे डिफ़ॉल्ट की स्थिति में निवेशकों का प्राथमिक दावा हो सके।" }, { "question": "यदि किसी इन्वेस्टर को अपनी डिबेंचर/बॉन्ड पर ‘कूपन दर’ 8% प्रतिवर्ष मिलती है, तो इसका मतलब क्या है?", "options": [ "परिपक्वता पर कोई ब्याज नहीं", "प्रति वर्ष बॉन्ड के अंकित मूल्य का 8% ब्याज पेमेंट मिलेगा", "शेयर विभाजन", "बॉन्ड पर मालिकाना हक" ], "correct": 1, "explanation": "कूपन दर बॉन्ड या डिबेंचर के अंकित मूल्य पर वार्षिक ब्याज दर को दर्शाती है, निवेशक को उस दर से ब्याज प्राप्त होता है।" }, { "question": "मुद्रा बाजार में ‘SLR (Statutory Liquidity Ratio)’ और ‘CRR (Cash Reserve Ratio)’ किसे प्रभावित करते हैं?", "options": [ "शेयर मूल्य", "बैंकों की नकदी व उधार देने की क्षमता, अल्पकालीन ब्याज दरें", "पूँजी बाजार का पूल", "केवल विदेश व्यापार" ], "correct": 1, "explanation": "CRR, SLR जैसे नियामक प्रावधान बैंकों की नकदी उपलब्धता को प्रभावित करते हैं, जिससे मुद्रा बाजार की तरलता व अल्पकालिक ब्याज दरों पर असर पड़ता है।" }, { "question": "डिबेंचरधारक की अपेक्षा शेयरधारक को अधिक जोखिम क्यों होता है?", "options": [ "शेयरधारक गारंटी से ब्याज पाता है", "डिबेंचरधारक को कंपनी के दिवालिया होने पर पहले भुगतान मिलता है, शेयरधारकों का दावा अंतिम होता है", "डिबेंचरधारक मालिक हैं", "दोनों का जोखिम समान" ], "correct": 1, "explanation": "दिवालिएपन की स्थिति में डिबेंचरधारक (कंपनी के ऋणदाता) का दावा शेयरधारकों से पहले चुकाया जाता है, इसलिए शेयरधारक अधिक जोखिम में रहते हैं।" }, { "question": "‘Secondary Market (द्वितीयक बाजार)’ क्यों महत्त्वपूर्ण है?", "options": [ "कंपनी को नया फंड नहीं मिलता", "किसान उत्पाद बिक्री", "निवेशकों को नकदीकरण (Liquidity) और अपने निवेश बेचने की सुविधा मिलती है, जिससे प्राथमिक बाजार में भागीदारी को प्रोत्साहन", "कोई उपयोग नहीं" ], "correct": 2, "explanation": "द्वितीयक बाजार में निवेशक पहले से जारी प्रतिभूतियों का लेन-देन कर सकते हैं, इससे तरलता मिलती है और कंपनियों के लिए भविष्य में नई पूँजी जुटाना भी आसान होता है (आकर्षक मार्केट वैल्यू)।" }, { "question": "‘Listing’ के बाद यदि शेयर की कीमत गिरने लगे, तो कंपनी पर क्या सीधा प्रभाव होगा?", "options": [ "कंपनी को ब्याज देना होगा", "कंपनी की परिचालन आय घट जाएगी", "कंपनी के शेयरधारकों का मार्केट कैप कम होगा, पर प्रत्यक्ष उधार लागत पर असर नहीं", "कंपनी को प्रॉफिट बढ़ता है" ], "correct": 2, "explanation": "शेयर बाजार की कीमतें कंपनी के मार्केट कैप को प्रभावित करती हैं, पर कंपनी की वास्तविक परिचालन आय व उधार लागत पर तब तक प्रत्यक्ष प्रभाव नहीं पड़ता जब तक वह पुनः पूँजी जुटाने न जाए।" }, { "question": "पूँजी बाजार में लंबी अवधि के लिए निवेश एक लाभ है, क्यों?", "options": [ "लंबी अवधि में शेयर की कीमत हमेशा गिरती है", "लंबी अवधि में कंपनियों का मुनाफा व डिविडेंड बढ़ सकता है, कंपाउंडिंग लाभ मिलता है, अस्थिरता कम हो सकती है", "कोई जोखिम नहीं रहता", "केवल कर छूट" ], "correct": 1, "explanation": "लंबी अवधि में मार्केट उतार-चढ़ाव का असर औसत हो जाता है, कंपनियों के विस्तार से शेयरधारकों को अधिक रिटर्न की संभावना रहती है।" }, { "question": "मुद्रा बाजार में ‘Repo Rate’ गिरने से कॉल मनी रेट पर क्या प्रभाव पड़ सकता है?", "options": [ "कॉल मनी रेट बढ़ जाएगी", "कोई प्रभाव नहीं", "अधिक तरलता से कॉल मनी रेट में कमी संभव", "मुद्रा बाजार बंद" ], "correct": 2, "explanation": "रेपो रेट कम होने पर बैंक सस्ते उधार ले सकते हैं, तरलता बढ़ती है, अल्पकालीन दरों (कॉल मनी रेट) पर नीचे जाने का दबाव बनता है।" }, { "question": "‘Face Value’ (मूल्यांक) और ‘Market Value’ (बाज़ार मूल्य) में अंतर क्या है?", "options": [ "दोनों समान होते हैं", "Face Value नकद से तय, Market Value सिर्फ शेयरधारक तय करते हैं", "Face Value शेयर का अंकित मूल्य, Market Value ट्रेडिंग/बाजार में माँग-आपूर्ति से निर्धारित मूल्य", "Face Value हमेशा अधिक होती है" ], "correct": 2, "explanation": "Face Value लेखा प्रयोजन का अंकित मूल्य है, जबकि Market Value बाजार में निवेशकों के बीच माँग-आपूर्ति के आधार पर बदलती रहती है।" }, { "question": "‘अंडर सब्स्क्राइब्ड (Under-Subscribed) IPO’ का मतलब है?", "options": [ "IPO में माँग जारी शेयरों से कम हुई, सभी शेयर नहीं बिके", "बहुत ज्यादा माँग है", "कंपनी को शेयर डालने की मनाही", "बाजार बंद हो गया" ], "correct": 0, "explanation": "Under-Subscribed IPO में निवेशकों की माँग जारी शेयरों की संख्या से कम पड़ जाती है, यानी कुछ शेयर बिना खरीदार रह जाते हैं।" }, { "question": "‘Oversubscription’ की स्थिति में कंपनी क्या कर सकती है?", "options": [ "सारे पैसे लौटा देगी", "किसी को शेयर नहीं देगी", "संभव हो तो Greenshoe Option या अतिरिक्त शेयर जारी कर सकती है, अन्यथा निवेशकों के पैसे लौटाती है", "Shares को कैंसल" ], "correct": 2, "explanation": "अधिक माँग (oversubscription) होने पर कंपनी Greenshoe Option (एक्स्ट्रा अलॉटमेंट) का उपयोग कर सकती है यदि प्रॉस्पेक्टस में अनुमति हो; या शेयर आबंटित कर शेष राशि वापस करती है।" }, { "question": "मुद्रा बाजार में ‘Banker’s Acceptance’ किसका उदाहरण है?", "options": [ "लंबी अवधि का चेक", "बैंक द्वारा स्वीकृत एक ड्राफ्ट, जिसका भुगतान बैंक गारंटी करता है, अल्पकालीन क्रेडिट के रूप में प्रयोग", "केवल ग्राहक जमा", "आईटी कंपनियों के शेयर" ], "correct": 1, "explanation": "बैंकर ऐक्सेप्टेंस एक अल्पकालीन क्रेडिट साधन है, जहाँ कोई ड्राफ्ट बैंक से गारंटीशुदा हो, तो वह बाजार में डिस्काउंट पर बेचा जा सकता है।" }, { "question": "‘ऋण-पत्र’ बाज़ार में ‘yield to maturity (YTM)’ का क्या महत्व है?", "options": [ "फ्लोटिंग ब्याज दर", "क्रेडिट रेटिंग", "बॉन्ड को परिपक्वता तक रखने पर औसत वार्षिक प्रतिलाभ का मापक, जिसमें कूपन और पूँजीगत लाभ/हानि भी शामिल", "केवल अंकित मूल्य" ], "correct": 2, "explanation": "YTM उस दर का संकेत है जो निवेशक को बॉन्ड को परिपक्वता तक रखने पर वास्तविक रिटर्न मिलेगा, कूपन व बॉन्ड खरीद मूल्य के अंतर समेत।" }, { "question": "शेयर बाजार में ‘Intraday Trading’ क्या है?", "options": [ "एक ही दिन में शेयर खरीदना और बेचना, अंत में कोई पोजीशन न रखना", "लंबे निवेश", "कंपनी में बोर्ड सीट", "डिबेंचर का व्यापार" ], "correct": 0, "explanation": "इंट्राडे ट्रेडिंग में व्यापारी उसी दिन सौदा पूरा करता है, यानी शेयर खरीदकर उसी दिन बेच देता है, जिससे अंत में कोई ओपन पोज़िशन नहीं रहती।" }, { "question": "पूँजी बाजार पर नज़र रखने के लिए भारत में कौन-सा नियामक (Regulator) है?", "options": [ "RBI", "SEBI (Securities and Exchange Board of India)", "IRDAI", "भारतीय रिज़र्व बैंक का बैंकिंग विभाग" ], "correct": 1, "explanation": "SEBI शेयर मार्केट व पूँजी बाजार का नियामक है; RBI मनी मार्केट व बैंकिंग प्रणाली पर निगरानी रखता है।" }, { "question": "अगर कोई निवेशक ‘प्रीफरेंस शेयर (Preference Share)’ खरीदता है, तो उसे क्या प्राथमिकता मिलती है?", "options": [ "कंपनी निदेशक बन जाता है", "डिबेंचर धारकों से पहले भुगतान", "लाभांश वितरण में इक्विटी शेयरधारकों के मुकाबले प्राथमिकता, पर वोटिंग अधिकार सीमित", "IPO की कीमत तय करना" ], "correct": 2, "explanation": "प्रिफरेंस शेयरधारकों को लाभांश के वितरण में प्राथमिकता मिलती है, पर आम तौर पर वोटिंग अधिकार इक्विटी की तरह नहीं होते। दिवालिएपन में भी इक्विटी से पहले भुगतान होता है, किंतु डिबेंचर धारकों से बाद में।" }, { "question": "म्यूचुअल फंड में ‘NAV (Net Asset Value)’ का अर्थ क्या है?", "options": [ "कोई बैंकिंग शुल्क", "संस्था की देनदारी", "फंड की प्रति यूनिट शुद्ध संपत्ति मूल्य: (कुल पोर्टफोलियो मूल्य - देनदारी) / यूनिटों की संख्या", "निवेशकों का मुनाफा" ], "correct": 2, "explanation": "NAV म्यूचुअल फंड की प्रति यूनिट का मूल्य है, जिसे फंड के कुल एसेट वैल्यू से देनदारियाँ घटाकर, उसे जारी यूनिटों की संख्या से भाग देकर निकाला जाता है।" }, { "question": "मुद्रा बाजार का एक उपकरण ‘Reverse Repo’ में क्या होता है?", "options": [ "RBI बैंक से प्रतिभूति खरीदता है", "बैंक RBI को अल्पकालीन फंड देकर प्रतिभूतियाँ बेचता है", "RBI बैंक को ऋण देता है", "बैंक अपने ग्राहकों को लोन" ], "correct": 3, "explanation": "रिवर्स रेपो में बैंक अपने अधिशेष धन को RBI के पास जमा करते हैं और बदले में ब्याज पाते हैं; यह रेपो का उल्टा लेन-देन है (बैंक → RBI)।" }, { "question": "‘प्लेज्ड शेयर (Pledged Shares)’ से क्या आशय है?", "options": [ "शेयर किसी सामाजिक कार्य हेतु दान", "शेयरधारक ने अपने शेयर किसी को गिफ्ट कर दिए", "शेयरधारक ने उन शेयरों को ऋण के एवज में गिरवी रख दिया, जिससे उधार मिलेगा", "बोनस शेयर" ], "correct": 2, "explanation": "जब प्रमोटर या शेयरधारक कर्ज लेने के लिए शेयरों को गारंटी रखता है, तो उन्हें ‘प्लेज्ड शेयर’ कहा जाता है; डिफॉल्ट की स्थिति में गिरवी रखने वाले को बेचने का अधिकार रहता है।" }, { "question": "अगर किसी ‘सावधि जमा प्रमाणपत्र (Fixed Deposit Receipt)’ की अवधि 1 वर्ष से कम है, तो वह किस बाजार का हिस्सा माना जाता है?", "options": [ "स्टॉक मार्केट", "मनी मार्केट (अल्पकाल)", "पूँजी बाजार", "विदेशी मुद्रा बाज़ार" ], "correct": 1, "explanation": "1 वर्ष से कम अवधि वाली जमा/ऋण प्रतिभूतियाँ आम तौर पर मनी मार्केट के दायरे में आती हैं।" }, { "question": "‘SIP (Systematic Investment Plan)’ म्यूचुअल फंड में क्या दर्शाता है?", "options": [ "सिर्फ एकमुश्त निवेश", "बेचने की विधि", "निश्चित अंतराल पर नियमित रूप से छोटे-छोटे निवेश, जिससे औसत लागत का लाभ", "केवल Debt फंड" ], "correct": 2, "explanation": "SIP में निवेशक हर महीने/तिमाही एक निर्धारित राशि म्यूचुअल फंड में लगाता रहता है, जिससे मार्केट के उतार-चढ़ाव का औसतन फायदा मिलता है।" }, { "question": "बॉन्ड या डिबेंचर में ‘Credit Rating’ का क्या महत्व है?", "options": [ "ब्याज दर तय करने", "उत्पाद वितरण", "निवेशकों को उस बॉन्ड की डिफ़ॉल्ट जोखिम का संकेत, अच्छी रेटिंग का मतलब सुरक्षित निवेश (कम जोखिम)", "शेयर मूल्य अनुमान" ], "correct": 2, "explanation": "क्रेडिट रेटिंग एजेंसियाँ बॉन्ड या डिबेंचर जारीकर्ता की साख आकलित करती हैं, रेटिंग जितनी बेहतर होगी, डिफ़ॉल्ट की संभावना उतनी ही कम मानी जाती है।" }, { "question": "यदि कोई कंपनी ‘Rights Issue’ ले आई लेकिन अधिकांश शेयरधारकों ने हिस्सा नहीं लिया, तो कौन-सा परिदृश्य बन सकता है?", "options": [ "अंडर सब्सक्रिप्शन, कुछ हिस्से को अंडरराइटर ले सकता है या शेयरों को रद्द किया जा सकता है", "कंपनी बंद", "हर शेयरधारक को मजबूरन खरीदना पड़ेगा", "बीमा क्लेम" ], "correct": 0, "explanation": "राइट्स इश्यू में शेयरधारकों के पास विकल्प होता है; भाग न लेने पर इश्यू अंडरसब्सक्राइब हो सकता है। यदि अंडरराइटिंग हो तो अंडरराइटर बाकी शेयर ले सकता है।" }, { "question": "पूँजी बाजार की ‘Secondary Market’ में मूल्य क्यों बदलता रहता है?", "options": [ "सरकारी आदेश", "निर्यात नीति", "निवेशकों की माँग-आपूर्ति, कंपनी के प्रदर्शन, आर्थिक स्थिति, मनोभाव आदि से शेयर/बॉन्ड मूल्य निरंतर बदलते हैं", "बिल्कुल स्थिर होता है" ], "correct": 2, "explanation": "मार्केट में प्रतिभूतियों के दाम माँग-आपूर्ति, आर्थिक संकेतकों, कंपनी समाचार, निवेशकों की धारणा जैसी अनेक बातों से प्रभावित होकर निरंतर बदलते रहते हैं।" }, { "question": "डिबेंचर के ‘स्वरूप’ में अंतर कैसे होता है?", "options": [ "Only Zero Coupon", "Regi stered Debenture, Bearer Debenture, Convertible/Non-Convertible, Secured/Unsecured इत्यादि", "सभी डिबेंचर एक जैसे होते हैं", "सिर्फ ऑनलाइन" ], "correct": 1, "explanation": "डिबेंचर कई प्रकार के हो सकते हैं—आकार-प्रकार (पंजीकृत / बेयरर), सुरक्षा के आधार पर (Secured / Unsecured), कूपन दर, परिवर्तनीयता (Convertible / Non-Convertible) आदि।" }, { "question": "म्यूचुअल फंड में ‘Open-Ended’ और ‘Close-Ended’ फंड में क्या अंतर है?", "options": [ "दोनों ही हमेशा उपलब्ध", "ओपन-एंडेड में निवेशक कभी भी यूनिट खरीद/बेच सकते हैं, क्लोज-एंडेड में एक निश्चित अवधि व लॉक-इन, ट्रेडिंग स्टॉक एक्सचेंज पर हो सकती है", "Close-Ended में ज्यादा लिक्विडिटी", "Open-Ended में यूनिट लिमिट" ], "correct": 1, "explanation": "ओपन-एंडेड फंड में AMC लगातार यूनिट जारी/रिडीम करती है; क्लोज-एंडेड फंड एक निश्चित अवधि के लिए जारी होकर लिस्ट होता है, मध्यम अवधि पूरा होने पर रिडेम्पशन होता है।" }, { "question": "अगर किसी कंपनी ने ‘क्यूआईपी (Qualified Institutional Placement)’ जारी किया है, तो इसका आशय क्या है?", "options": [ "कंपनी सिर्फ IPO ला रही है", "केवल डीमैट शेयर", "कंपनी ने कुछ चयनित संस्थागत निवेशकों (FIs, Mutual Funds) को शेयर/प्रतिभूतियाँ जारी की हैं, तेजी से फंड जुटाने के लिए", "गिरवी शेयर" ], "correct": 2, "explanation": "QIP में कंपनी सेबी द्वारा मान्य संस्थागत निवेशकों को डायरेक्ट शेयर जारी करती है, जिससे तेजी से पूँजी जुटाई जा सके, पब्लिक इश्यू की लंबी प्रक्रिया से बचा जा सके।" }, { "question": "‘Stock Split’ का क्या प्रभाव पड़ता है?", "options": [ "कंपनी का कुल मार्केट कैप बढ़ जाता है", "शेयर की संख्या बढ़ती है और प्रति शेयर अंकित मूल्य कम होता है, पर कुल मार्केट वैल्यू में मूलतः कोई परिवर्तन नहीं", "शेयरहोल्डर को नुकसान", "केवल डिविडेंड तय" ], "correct": 1, "explanation": "Stock Split में एक शेयर को छोटी इकाइयों में बाँट दिया जाता है, निवेशकों के पास शेयर की संख्या ज्यादा हो जाती है, लेकिन कुल निवेश मूल्य समान रहता है।" }, { "question": "‘Unsecured Debenture’ में निवेशक को क्या खतरा रहता है?", "options": [ "वे कंपनी के स्वामी बन जाते हैं", "दिवालिएपन में संपत्ति सुरक्षा न होने से डिफ़ॉल्ट जोखिम अधिक, अन्य सुरक्षित लेनदारों के बाद दावा", "फौरन सरकारी गारंटी", "ब्याज दोगुना" ], "correct": 1, "explanation": "Unsecured Debenture में कोई संपार्श्विक सुरक्षा नहीं होती, कंपनी डिफ़ॉल्ट करे तो निवेशकों को भुगतान की प्राथमिकता कम रहती है।" }, { "question": "मुद्रा बाजार में ‘कॉल मनी रेट’ और ‘REPO रेट’ आपस में कैसे जुड़े हो सकते हैं?", "options": [ "दोनों समान रेट", "रेपो रेट RBI और बैंकों का ट्रांज़ैक्शन है, जबकि कॉल मनी बैंकों के बीच, लेकिन यदि RBI रेपो रेट घटाए, तो कॉल मनी रेट भी नीचे जा सकता है", "कोई संबंध ही नहीं", "कॉल मनी रेट हमेशा तय" ], "correct": 1, "explanation": "रेपो रेट से सिस्टम में नकदी की लागत प्रभावित होती है, बैंकों के पास सस्ता फंड आ सकता है, इससे इंटरबैंक मार्केट (कॉल मनी) पर भी दबाव पड़ता है और दरें घट सकती हैं।" }, { "question": "यदि शेयर ‘Over the Counter (OTC)’ बेचे जाते हैं, तो क्या मतलब है?", "options": [ "बिना किसी एक्सचेंज के, सीधी बातचीत से सौदा", "स्टॉक एक्सचेंज पर लिस्टिंग", "सरकार द्वारा निर्धारित कीमत", "केवल छोटे शेयर" ], "correct": 0, "explanation": "OTC मार्केट में प्रतिभूतियों का लेन-देन सीधे दो पक्षों के बीच होता है, कोई केंद्रीकृत एक्सचेंज नहीं होता, अक्सर असूचीबद्ध या डेरिवेटिव्स का कारोबार ऐसी व्यवस्था में हो सकता है।" }, { "question": "‘Red Herring Prospectus’ IPO में क्या होता है?", "options": [ "कंपनी का वार्षिक वित्तीय विवरण", "एक प्रारंभिक प्रॉस्पेक्टस जिसमें इश्यू संबंधी महत्त्वपूर्ण जानकारी होती है, पर कीमत व कुछ विवरण अंतिम नहीं होते", "कंपनी का कूपन रेट", "डिबेंचर स्कीम" ], "correct": 1, "explanation": "रेड हेरिंग प्रॉस्पेक्टस IPO से पहले कंपनियाँ जारी करती हैं, जिसमें वित्तीय जानकारी, उद्देश्य, जोखिम आदि शामिल रहते हैं, पर अंतिम मूल्य बैंड या शेयर संख्या को बाद में अंतिम रूप दिया जाता है।" }, { "question": "‘BSE (Bombay Stock Exchange)’ और ‘NSE (National Stock Exchange)’ भारत में किससे संबंधित हैं?", "options": [ "मनी मार्केट ऑपरेशन", "पूँजी बाजार में शेयर व अन्य प्रतिभूतियों का द्वितीयक मंच", "केवल सरकारी बांड जारी करना", "बैंकिंग रेगुलेशन" ], "correct": 1, "explanation": "BSE और NSE देश के प्रमुख स्टॉक एक्सचेंज हैं, जहाँ सूचीबद्ध कंपनियों के शेयर, डेरिवेटिव्स, आदि का द्वितीयक बाजार में लेन-देन होता है।" }, { "question": "‘Dividend Yield’ का आशय क्या है?", "options": [ "शेयर की कीमत लगातार बढ़ना", "शेयर का अंकित मूल्य", "शेयर के प्रति शेयर लाभांश को मौजूदा बाज़ार मूल्य से भाग देने पर प्राप्त प्रतिशत", "इक्विटी का नेट वर्थ" ], "correct": 2, "explanation": "डिविडेंड यील्ड = (प्रति शेयर लाभांश / शेयर का बाज़ार भाव) × 100, इससे निवेशक को पता चलता है कि मौजूदा कीमत पर लाभांश से कितना प्रतिशत रिटर्न है।" }, { "question": "अगर डिबेंचर की ‘कूपन दर’ बाजार की ब्याज दर से कम हो तो उसकी मार्केट कीमत कैसा रुझान ले सकती है?", "options": [ "बॉन्ड का प्राइस डिस्काउंट पर ट्रेड कर सकता है", "बॉन्ड की कीमत बढ़ सकती है", "वही अंकित मूल्य रहेगी", "बॉन्ड ट्रेड रुकेगा" ], "correct": 0, "explanation": "कूपन (ब्याज) यदि बाजार दर से नीचे हो, तो निवेशकों को आकर्षित करने के लिए बॉन्ड/डिबेंचर का बाज़ार भाव अपेक्षाकृत कम हो सकता है (डिस्काउंट पर)।" }, { "question": "‘मनी मार्केट’ क्यों आवश्यक है?", "options": [ "दीर्घकालीन कंपनियों की लिस्टिंग", "दैनिक/अल्पकालीन वित्तीय तरलता, बैंकों व वित्तीय संस्थाओं को अल्पकालीन फंड की उपलब्धता", "कराधान नीति", "रिस्क मैनेजमेंट न होना" ], "correct": 1, "explanation": "मनी मार्केट से अल्पकालीन नकदी जरूरतों की पूर्ति होती है, बैंक/संस्थाएँ अतिरिक्त नकदी को पार्क कर सकती हैं या कमी होने पर उठा सकती हैं।" }, { "question": "‘Overnight Index Swap (OIS)’ भारत के वित्तीय बाजार में किस लिए उपयोग किया जाता है?", "options": [ "सरकार के व्यय", "बीमा नीति", "ब्याज दर जोखिम हेज करने के लिए, ओवरनाइट रेट पर आधारित ब्याज स्वैप अनुबंध", "स्टॉक लिस्टिंग" ], "correct": 2, "explanation": "OIS एक डेरिवेटिव है, जिसमें दो पक्ष एक ब्याज दर को स्थिर रखने या हेज करने के लिए नकदी प्रवाह की अदला-बदली करते हैं; यह मनी मार्केट की ओवरनाइट दरों पर आधारित होता है।" }, { "question": "‘स्रोत पर कर कटौती (TDS)’ से पूँजी बाजार के निवेश पर क्या असर होता है?", "options": [ "शेयर खरीदना प्रतिबंधित", "डिविडेंड या कुछ ब्याज पर TDS लगा होने से वास्तविक नकद रिटर्न कम दिखता, पर यह अग्रिम कर भुगतान की तरह होता है", "कोई फर्क नहीं", "पूरी कमाई टैक्स-फ्री" ], "correct": 1, "explanation": "कई बार डिविडेंड या ब्याज भुगतान पर TDS काटा जाता है, जिससे निवेशकों को आगे अपने कर रिटर्न में यह समायोजित करना पड़ता है; यह अंतिम कर भी हो सकता है या एडजस्टेबल।" }, { "question": "‘Margin Trading’ में निवेशक क्या करता है?", "options": [ "सिर्फ शेयर बांटता है", "पूरे पैसे से शेयर खरीदता", "ब्रोकर से उधार लेकर शेयर खरीदना, कुछ हिस्सा मार्जिन के रूप में डालना", "कमर्शियल पेपर जारी" ], "correct": 2, "explanation": "मार्जिन ट्रेडिंग में निवेशक केवल एक अंश (मार्जिन) लगाता है, बाकी राशि के लिए ब्रोकर फंड मुहैया कराता है। फायदे के साथ जोखिम भी बढ़ जाता है।" }, { "question": "‘Credit Rating’ की गणना किसके आधार पर होती है?", "options": [ "निवेशक की संपत्ति", "कंपनी या बॉन्ड जारीकर्ता की ऋण चुकाने की क्षमता, वित्तीय स्थिति, भविष्य की स्थिरता", "सरकारी आदेश", "मौसम पूर्वानुमान" ], "correct": 1, "explanation": "रेटिंग एजेंसियाँ वित्तीय मापदंड, प्रबंधन, उद्योग परिदृश्य व चुकाने की क्षमता देखती हैं, फिर बॉन्ड/इश्यूअर को श्रेणी देती हैं।" }, { "question": "अगर किसी कंपनी ने ‘मीनशेयरिंग लोन’ जारी किया हो, तो वह किस श्रेणी में आता है?", "options": [ "Long-term इक्विटी", "Short-term money market tool", "यह एक प्रकार का ऋण उपकरण जो शेयर में परिवर्तनीय हो सकता है", "कोई मान्यता नहीं" ], "correct": 2, "explanation": "कुछ हाइब्रिड ऋण साधन संभव हैं, जो आगे चलकर इक्विटी या आंशिक इक्विटी में बदल सकते हैं; इन्हें हाइब्रिड वित्तीय साधन माना जाता है।" }, { "question": "Share Buyback (शेयर पुनर्खरीद) क्यों की जाती है?", "options": [ "शेयरधारकों को अनिवार्य रूप से शेयर बेचने को मजबूर करना", "कंपनी के शेयर पूल बढ़ाना", "कंपनी द्वारा अपने ही शेयर खरीदकर शेयरों की संख्या घटाना, प्रति शेयर आय व बाजार भाव को समर्थन देना", "NSE को बंद" ], "correct": 2, "explanation": "Buyback से कंपनी अपने शेयर बाजार से वापस खरीदकर रद्द कर सकती है, इससे Outstanding Shares कम हो जाते हैं, EPS बढ़ सकता है, शेयर मूल्य को समर्थन मिल सकता है।" }, { "question": "‘Bear Market’ शब्द पूँजी बाजार में कब प्रयुक्त होता है?", "options": [ "जब बाजार लगातार ऊपर जा रहा", "जब शेयर मूल्य एक लगातार गिरावट के दौर में हो", "इंट्राडे उछाल", "IPO ख़त्म होना" ], "correct": 1, "explanation": "Bear Market वह स्थिति है जब बाजार की धारणा नकारात्मक हो, कीमतें लगातार गिर रही हों, निवेशकों में निराशा का माहौल हो।" }, { "question": "‘Bull Market’ का मतलब क्या है?", "options": [ "निरंतर गिरावट", "बाजार में तेजड़िये हावी, शेयर मूल्य ऊपर की ओर, सकारात्मक निवेश भावना", "केवल सरकारी बॉन्ड", "विनिवेश नहीं हो रहा" ], "correct": 1, "explanation": "Bull Market में सकारात्मक माहौल होता है, निवेशक खरीदारी के मूड में रहते हैं, शेयर कीमतें ऊपर जाती हैं, आर्थिक दृष्टिकोण आशावादी माना जाता है।" }, { "question": "मुद्रा बाजार में ‘Notice Money’ की परिपक्वता अवधि क्या रहती है?", "options": [ "1 दिन से कम", "2 से 14 दिन", "15 से 365 दिन", "2 वर्ष" ], "correct": 1, "explanation": "नोटिस मनी की अवधि 2 से 14 दिन तक की होती है, जबकि कॉल मनी 1 दिन, और टर्म मनी 15 दिन से 1 वर्ष तक होती है।" }, { "question": "अगर कोई निवेशक ‘Short Selling’ करता है, तो उसका तात्पर्य क्या है?", "options": [ "शेयर भविष्य में महँगा होने की उम्मीद", "उसने शेयर जारी किए", "उधार लिए गए शेयरों को ऊँचे दाम पर बेचकर, बाद में कीमत गिरने पर खरीदकर लौटाना", "केवल डिविडेंड" ], "correct": 2, "explanation": "शॉर्ट सेलर शेयर गिरने की उम्मीद में उधार शेयर बेचता है; बाद में कम दाम पर खरीदकर उधार चुकाता है, अंतर में मुनाफा कमाता है।" }, { "question": "‘Dividends’ और ‘Interest’ में पूँजी बाजार के संदर्भ में क्या अंतर है?", "options": [ "Dividends कंपनी की मनमानी है, Interest बाध्यकारी भुगतान", "Dividends शेयरधारकों को मिलते हैं, Interest डिबेंचर/बॉन्ड धारकों को तय दर पर मिलता है", "Dividends हमेशा फिक्स्ड", "Interest कभी भी घोषित नहीं" ], "correct": 1, "explanation": "शेयरधारकों को लाभांश (डिविडेंड) कंपनी घोषित करे तो ही मिलता है, जबकि डिबेंचर/बॉन्ड धारकों को व्यावधान के बिना निर्धारित ब्याज दर मिलती है।" }, { "question": "‘Primary Issue’ में कंपनी को क्या लाभ मिलता है?", "options": [ "नए शेयर से सीधे पूँजी प्राप्त होती है", "केवल कर्ज़ बढ़ता है", "सरकार को टैक्स नहीं देना", "कोई लाभ नहीं" ], "correct": 0, "explanation": "प्राथमिक बाजार में नए शेयर या बॉन्ड जारी करने पर कंपनी को सीधे पूँजी (फंड) प्राप्त होता है, जिससे वह विस्तार या अन्य उद्देश्यों के लिए धन लगा सकती है।" }, { "question": "‘Equity Dilution’ का मतलब क्या है?", "options": [ "ब्याज में कटौती", "कंपनी नया इक्विटी जारी करे, जिससे मौजूदा शेयरधारकों का स्वामित्व प्रतिशत कम हो जाता है", "शेयर मूल्य बढ़ना", "बॉन्ड का संविलयन" ], "correct": 1, "explanation": "जब कंपनी नए शेयर जारी करती है, तो कुल शेयरों की संख्या बढ़ जाती है, जिससे मौजूदा शेयरधारकों का अनुपातिक हिस्सा घट सकता है, इसे ‘dilution’ कहते हैं।" }, { "question": "पूँजी बाजार में ‘Systemic Risk’ किसे इंगित करता है?", "options": [ "केवल एक कंपनी का डिफ़ॉल्ट", "पूरे सिस्टम को प्रभावित करने वाला जोखिम, जैसे बाज़ार दुर्घटना, वित्तीय संकट, जिसमें सभी या अधिकांश प्रतिभागी प्रभावित होते हैं", "केवल ब्याज दर", "फॉरेक्स रिस्क" ], "correct": 1, "explanation": "सिस्टेमिक रिस्क का अर्थ है एक ऐसा संकट जो समूचे वित्तीय तंत्र या बाजार को प्रभावित कर दे, जैसे कि बड़े वित्तीय संस्थान का धराशायी होना जिससे व्यापक संकट उत्पन्न हो।" }, { "question": "‘Market Lot’ शब्द शेयर बाज़ार में किस लिए प्रयुक्त है?", "options": [ "शेयरों पर टैक्स", "सौदा करने के लिए आवश्यक न्यूनतम शेयर इकाई", "केवल डिबेंचर", "बैंक की ब्याज दर" ], "correct": 1, "explanation": "मार्केट लॉट वह न्यूनतम ट्रेडिंग इकाई है, विशेष तौर पर डेरिवेटिव्स में, जहाँ शेयरों/कॉंट्रैक्ट का एक लॉट साइज तय होता है।" }, { "question": "‘Preferential Allotment’ क्या है?", "options": [ "कंपनी का राइट इश्यू", "कंपनी चुनिंदा निवेशकों/संस्थाओं को शेयर जारी करती है, सार्वजनिक इश्यू में नहीं बेचती", "केवल कर्मचारियों को स्टॉक", "IPO की एक शाखा" ], "correct": 1, "explanation": "प्रेफरेंशियल अलॉटमेंट में कंपनी किसी विशिष्ट ग्रुप (प्रमोटर्स, संस्थागत निवेशकों) को रियायती/निश्चित दर पर शेयर जारी करती है, यह आम जनता के लिए नहीं होता।" }, { "question": "म्यूचुअल फंड का ‘Debt Fund’ किन परिसंपत्तियों में निवेश करता है?", "options": [ "केवल शेयर", "केवल सोना", "बॉन्ड, डिबेंचर, सरकारी प्रतिभूति, ट्रेजरी बिल इत्यादि ऋण प्रपत्र", "रियल एस्टेट" ], "correct": 2, "explanation": "डेट फंड में लगभग पूरा पोर्टफोलियो ऋण बाजार के साधनों (G-Sec, Corporate Bond, CP, CD आदि) में निवेशित रहता है, जिससे स्थिर ब्याज आय हो सके।" }, { "question": "अगर ‘शेयर का भाव’ उसके ‘बुक वैल्यू’ से काफी कम हो, तो इसका संकेत क्या हो सकता है?", "options": [ "कंपनी अत्यधिक मूल्यवान", "बाजार उसको कमतर आंक रहा हो, या कंपनी में जोखिम अधिक हो", "बहुत ज्यादा डिविडेंड मिलेगा", "ऋण लगभग शून्य" ], "correct": 1, "explanation": "बुक वैल्यू (शुद्ध संपत्ति) से कम बाजार मूल्य का मतलब हो सकता है कि निवेशकों को उसके भविष्य या मुनाफ़े पर भरोसा कम है, या व्यापक बाज़ार में मंदी है।" }, { "question": "यदि RBI पॉलिसी दर (रेपो) बढ़ा दे, तो अल्पकाल में बॉन्ड की कीमतें कैसे प्रभावित होंगी?", "options": [ "बॉन्ड मूल्य बढ़ेगा", "बॉन्ड मूल्य पर कोई असर नहीं", "बॉन्ड मूल्य घट सकता है (ऊँची ब्याज दर आने वाले बॉन्ड को आकर्षक बनाती है)", "दोनों एक साथ बढ़ेंगे" ], "correct": 2, "explanation": "ब्याज दर बढ़ने पर मौजूदा बॉन्ड, जो कम कूपन देते हैं, उनकी कीमत बाज़ार में गिर जाती है, ताकि उनकी प्रभावी यील्ड नई दरों के मुकाबले प्रतिस्पर्धात्मक बन पाए।" }, { "question": "पूँजी बाजार में ‘Secondary Market’ का एक फ़ायदा क्या है?", "options": [ "कंपनियों को नया फंड मिलता है", "निवेशकों को तरलता (Liquidity) मिलती है—चाहें तो अपनी प्रतिभूतियाँ बेचकर नकदी में बदल सकते हैं", "निवेशक फँस जाते हैं", "सिर्फ सरकारी नीति" ], "correct": 1, "explanation": "द्वितीयक बाजार निवेशकों को अपनी होल्डिंग बेचकर समय पर नकदी प्राप्त करने की सुविधा देता है, इसी से शेयर एवं बॉन्ड बाज़ार में तरलता और आकर्षण पैदा होता है।" } // More questions as needed... ]; let currentQuestionIndex = 0; // Track current question let userAnswers = Array(quizData.length).fill(null); // Track user's answers // Timer variables let totalQuizTime = quizData.length * 30; // total seconds = 30 seconds * no. of questions let timeLeft = totalQuizTime; let timerInterval; // On page load, initialize quiz window.onload = function() { generateQuestionNav(); // Generate the question navigation circles loadQuestion(); startTimer(); // Start the countdown }; // Start the countdown timer function startTimer() { updateTimerDisplay(timeLeft); timerInterval = setInterval(() => { timeLeft--; updateTimerDisplay(timeLeft); if (timeLeft <= 0) { clearInterval(timerInterval); showResults(); // Force show results if time is up } }, 1000); } // Update timer on the screen in mm:ss format function updateTimerDisplay(seconds) { const timerEl = document.getElementById("timer"); const mins = Math.floor(seconds / 60).toString().padStart(2, '0'); const secs = (seconds % 60).toString().padStart(2, '0'); timerEl.innerText = `Time: ${mins}:${secs}`; } // Toggle the question nav when hamburger is pressed const hamburgerBtn = document.getElementById('hamburgerBtn'); hamburgerBtn.addEventListener('click', () => { document.getElementById('questionNavOverlay').classList.toggle('show'); }); // Close hamburger menu if user clicks outside the nav and menu document.addEventListener('click', (e) => { const navOverlay = document.getElementById('questionNavOverlay'); const hamburger = document.getElementById('hamburgerBtn'); // If the menu is open, and the click is outside both the overlay and the hamburger, close it if ( navOverlay.classList.contains('show') && !navOverlay.contains(e.target) && !hamburger.contains(e.target) ) { navOverlay.classList.remove('show'); } }); // Create small clickable circles for each question function generateQuestionNav() { const navContainer = document.getElementById("questionNav"); navContainer.innerHTML = ""; // clear old items if any quizData.forEach((_, index) => { const circle = document.createElement("div"); circle.classList.add("circle-number"); circle.innerText = index + 1; // Show question number (1-based) circle.onclick = () => jumpToQuestion(index); navContainer.appendChild(circle); }); } // Jump to a specific question function jumpToQuestion(qIndex) { currentQuestionIndex = qIndex; // Hide the nav on mobile after selection document.getElementById('questionNavOverlay').classList.remove('show'); // Reset submission/next button state document.getElementById("submitAnswerButton").classList.remove("hidden"); document.getElementById("nextButton").classList.add("hidden"); loadQuestion(); } // Load current question function loadQuestion() { highlightCurrentCircle(); // Hide explanation area and Next button initially document.getElementById("explanation").classList.add("hidden"); document.getElementById("nextButton").classList.add("hidden"); const questionData = quizData[currentQuestionIndex]; document.getElementById("question").innerText = questionData.question; document.getElementById("questionCounter").innerText = `${currentQuestionIndex + 1}/${quizData.length}`; // Clear old choices const choicesContainer = document.getElementById("choices"); choicesContainer.innerHTML = ""; // Populate choices questionData.options.forEach((option, index) => { const choiceElement = document.createElement("div"); choiceElement.className = "choice"; choiceElement.innerText = option; // If previously selected, mark it if (userAnswers[currentQuestionIndex] === index) { choiceElement.classList.add("selected"); } // On clicking a choice choiceElement.onclick = () => { // Clear all selections first document.querySelectorAll(".choice").forEach(c => c.classList.remove("selected")); // Mark this one as selected choiceElement.classList.add("selected"); userAnswers[currentQuestionIndex] = index; }; choicesContainer.appendChild(choiceElement); }); // Handle Previous button visibility document.getElementById("prevButton").style.display = currentQuestionIndex === 0 ? "none" : "inline-block"; } // Highlight the current question circle function highlightCurrentCircle() { const circles = document.querySelectorAll(".circle-number"); circles.forEach((circle, idx) => { circle.classList.remove("active"); if (idx === currentQuestionIndex) { circle.classList.add("active"); } }); } // Submit the current question's answer function submitAnswer() { const questionData = quizData[currentQuestionIndex]; const userAnswer = userAnswers[currentQuestionIndex]; // Show the explanation div const explanationDiv = document.getElementById("explanation"); explanationDiv.classList.remove("hidden"); // Clear previous correctness classes and disable further selection document.querySelectorAll(".choice").forEach((c) => { c.classList.add("disabled"); c.onclick = null; }); // Determine correctness or skipping if (userAnswer === null) { explanationDiv.innerHTML = "You Skipped the question.<br/><br/>व्याख्या: " + questionData.explanation; showPopupMessage("You Skipped the question", false); } else if (userAnswer === questionData.correct) { explanationDiv.innerHTML = "You got it right!<br/><br/>व्याख्या: " + questionData.explanation; showPopupMessage("You got it right", true); // Highlight correct choice document.querySelectorAll(".choice")[userAnswer].classList.add("correct"); } else { explanationDiv.innerHTML = "You got it wrong.<br/><br/>व्याख्या: " + questionData.explanation; showPopupMessage("You got it wrong", false); // Highlight correct choice document.querySelectorAll(".choice")[questionData.correct].classList.add("correct"); // Mark the chosen one as incorrect document.querySelectorAll(".choice")[userAnswer].classList.add("incorrect"); } // Hide the submit button, show the next button document.getElementById("submitAnswerButton").classList.add("hidden"); document.getElementById("nextButton").classList.remove("hidden"); } // Go to the next question or show final results function nextQuestion() { currentQuestionIndex++; if (currentQuestionIndex >= quizData.length) { // Show results if no more questions showResults(); } else { // Reset buttons document.getElementById("submitAnswerButton").classList.remove("hidden"); document.getElementById("nextButton").classList.add("hidden"); loadQuestion(); } } // Go to the previous question function previousQuestion() { if (currentQuestionIndex > 0) { currentQuestionIndex--; document.getElementById("submitAnswerButton").classList.remove("hidden"); document.getElementById("nextButton").classList.add("hidden"); loadQuestion(); } } // Show final quiz results function showResults() { // Stop the timer if it's still running clearInterval(timerInterval); // Calculate correct answers const correctAnswersCount = userAnswers.filter( (ans, i) => ans === quizData[i].correct ).length; // Hide quiz content document.getElementById("quizContent").classList.add("hidden"); // Show results document.getElementById("resultContent").classList.remove("hidden"); const percentage = (correctAnswersCount / quizData.length) * 100; let resultHTML = ""; if (percentage >= 60) { resultHTML = `<div class="congrats">🎉 बधाई हो! आपने ${percentage.toFixed( 2 )}% स्कोर किया है!</div>`; } else { resultHTML = `<div class="sad">😢 आपने ${percentage.toFixed( 2 )}% स्कोर किया है। अगली बार के लिए शुभकामनाएं!</div>`; } document.getElementById("resultMessage").innerHTML = resultHTML; document.getElementById("scoreMessage").innerText = `आपने कुल ${quizData.length} में से ${correctAnswersCount} प्रश्न सही उत्तर दिए हैं।`; } // Optional popup message function showPopupMessage(message, isCorrect) { const popup = document.getElementById('popupMessage'); popup.innerText = message; popup.className = ''; popup.classList.add('show'); popup.classList.add(isCorrect ? 'correct' : 'incorrect'); setTimeout(() => { popup.classList.remove('show'); popup.classList.add('hidden'); }, 2000); } // Button event listeners document.getElementById('prevButton').addEventListener('click', previousQuestion); document.getElementById('submitAnswerButton').addEventListener('click', submitAnswer); document.getElementById('nextButton').addEventListener('click', nextQuestion); // Predefined Darker Color Themes const themes = [ { header: '#a31645', headerText: '#ffffff', container: '#e8c4d6', containerText: '#6e0c36', headings: '#6e0c36' }, // Berry Delight { header: '#00574b', headerText: '#ffffff', container: '#b3dfd7', containerText: '#00382e', headings: '#00382e' }, // Ocean Breeze { header: '#c95a00', headerText: '#ffffff', container: '#dca865', containerText: '#7a3400', headings: '#7a3400' }, // Sunset Glow { header: '#4a0f6f', headerText: '#ffffff', container: '#cdb5e3', containerText: '#320b4a', headings: '#320b4a' }, // Calming Lavender { header: '#1e4d2b', headerText: '#ffffff', container: '#98c1a3', containerText: '#122417', headings: '#122417' }, // Forest Retreat { header: '#c99800', headerText: '#ffffff', container: '#e8d18a', containerText: '#6c4f00', headings: '#6c4f00' }, // Golden Elegance { header: '#01477e', headerText: '#ffffff', container: '#86b9e4', containerText: '#00223d', headings: '#00223d' }, // Sky Calm { header: '#5a3b2e', headerText: '#ffffff', container: '#b8a89c', containerText: '#32211a', headings: '#32211a' }, // Retro Rust { header: '#b34727', headerText: '#ffffff', container: '#f2c29d', containerText: '#6a2915', headings: '#6a2915' }, // Warm Peach { header: '#0f4c43', headerText: '#ffffff', container: '#92c3b8', containerText: '#072822', headings: '#072822' }, // Cool Mint ]; // Apply Random Darker Theme function applyRandomTheme() { const header = document.querySelector('.header'); const container = document.querySelector('.content-container'); const headings = document.querySelectorAll('.content-container h2'); // Select a random theme const randomTheme = themes[Math.floor(Math.random() * themes.length)]; // Apply Header Colors header.style.backgroundColor = randomTheme.header; header.style.color = randomTheme.headerText; // Apply Container Colors container.style.backgroundColor = randomTheme.container; container.style.color = randomTheme.containerText; // Apply Heading Colors headings.forEach((heading) => { heading.style.color = randomTheme.headings; heading.style.borderBottom = `2px solid ${randomTheme.headings}`; }); } // Apply the theme on page load window.onload = function () { applyRandomTheme(); // Set random theme generateQuestionNav(); // Generate question navigation loadQuestion(); // Load the first question startTimer(); // Start the countdown timer }; </script> </body> </html> <!-- /wp:html -->