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साहसिक पर्यटन (Adventure Tourism)

उत्तराखंड में साहसिक पर्यटन (UPSC/PCS केंद्रित नोट्स)

उत्तराखंड, अपनी विविध स्थलाकृति, हिमालय की ऊँची चोटियों, तीव्र प्रवाह वाली नदियों, घने जंगलों और विस्तृत बुग्यालों के साथ, साहसिक पर्यटन (Adventure Tourism) के लिए एक उत्कृष्ट गंतव्य है। यह क्षेत्र ट्रेकिंग, पर्वतारोहण, रिवर राफ्टिंग, स्कीइंग, पैराग्लाइडिंग जैसी अनेक रोमांचक गतिविधियों के लिए विश्व भर के पर्यटकों को आकर्षित करता है। साहसिक पर्यटन राज्य की अर्थव्यवस्था और रोजगार सृजन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।

उत्तराखंड में साहसिक पर्यटन: एक सिंहावलोकन

कुछ त्वरित तथ्य (Quick Facts):
  • उत्तराखंड को “भारत की साहसिक राजधानी” के रूप में भी प्रचारित किया जा रहा है।
  • ऋषिकेश रिवर राफ्टिंग और बंजी जंपिंग के लिए विश्व प्रसिद्ध है।
  • औली स्कीइंग के लिए एक प्रमुख अंतरराष्ट्रीय गंतव्य है।
  • राज्य में ट्रेकिंग के लिए सैकड़ों छोटे-बड़े मार्ग उपलब्ध हैं, जो विभिन्न कठिनाई स्तरों के हैं।
  • उत्तराखंड पर्यटन विकास परिषद (UTDB) राज्य में साहसिक पर्यटन को बढ़ावा देने और विनियमित करने वाली प्रमुख संस्था है।
  • सरकार द्वारा साहसिक पर्यटन नीति के माध्यम से इस क्षेत्र के सतत विकास पर जोर दिया जा रहा है।

1. प्रमुख साहसिक गतिविधियाँ एवं स्थल

क. पर्वतारोहण (Mountaineering)

  • विवरण: उत्तराखंड में हिमालय की अनेक ऊँची और चुनौतीपूर्ण चोटियाँ पर्वतारोहियों को आकर्षित करती हैं।
  • प्रमुख चोटियाँ (आरोहण के लिए): नंदा देवी, कामेट, चौखम्बा, त्रिशूल, बंदरपूँछ, भागीरथी पर्वत समूह आदि। (इनके लिए विशेष अनुमति और अनुभव आवश्यक है)।
  • संस्थान: नेहरू पर्वतारोहण संस्थान (NIM), उत्तरकाशी पर्वतारोहण का प्रमुख प्रशिक्षण केंद्र है।

ख. ट्रेकिंग (Trekking) / पदयात्रा

उत्तराखंड ट्रेकिंग के शौकीनों के लिए स्वर्ग है। यहाँ विभिन्न कठिनाई स्तरों के अनेक ट्रेकिंग मार्ग हैं:

  • प्रसिद्ध ट्रेकिंग मार्ग:
    • फूलों की घाटी ट्रेक (चमोली)
    • रूपकुंड ट्रेक (चमोली)
    • पिंडारी ग्लेशियर ट्रेक (बागेश्वर)
    • मिलम ग्लेशियर ट्रेक (पिथौरागढ़)
    • हर की दून ट्रेक (उत्तरकाशी)
    • केदारकांठा ट्रेक (उत्तरकाशी)
    • दयारा बुग्याल ट्रेक (उत्तरकाशी)
    • नाग टिब्बा ट्रेक (टिहरी/उत्तरकाशी)
    • पंच केदार ट्रेक
  • बुग्याल ट्रेकिंग: राज्य के विस्तृत अल्पाइन चारागाह (जैसे बेदिनी बुग्याल, आली बुग्याल, दयारा बुग्याल, गुरसों बुग्याल) ट्रेकिंग के लिए अद्भुत दृश्य प्रस्तुत करते हैं।

ग. रिवर राफ्टिंग एवं कयाकिंग (River Rafting & Kayaking)

  • विवरण: गंगा और उसकी सहायक नदियों की तीव्र धाराएँ राफ्टिंग और कयाकिंग के लिए उत्कृष्ट अवसर प्रदान करती हैं।
  • प्रमुख स्थल:
    • ऋषिकेश (गंगा नदी): शिवपुरी से ऋषिकेश/लक्ष्मण झूला तक का मार्ग विश्व प्रसिद्ध है। यहाँ विभिन्न ग्रेड (I से IV/V) के रैपिड्स हैं।
    • काली नदी (पिथौरागढ़): धारचूला से टनकपुर तक।
    • अलकनंदा नदी (चमोली/रुद्रप्रयाग)।
  • सीजन: सितंबर से जून (मानसून को छोड़कर)।

घ. स्कीइंग एवं अन्य शीतकालीन खेल (Skiing & Other Winter Sports)

  • विवरण: सर्दियों में बर्फ से ढके ढलान स्कीइंग और अन्य शीतकालीन खेलों के लिए आदर्श होते हैं।
  • प्रमुख स्थल:
    • औली (चमोली): अंतरराष्ट्रीय स्तर का स्कीइंग स्थल। यहाँ स्नोबोर्डिंग, स्नो ट्रेकिंग भी होती है। 1993 में यहाँ रोपवे का उद्घाटन हुआ।
    • मुनस्यारी (पिथौरागढ़)
    • दयारा बुग्याल (उत्तरकाशी)
    • मुंडाली (चकराता के पास, देहरादून)
  • सीजन: दिसंबर से फरवरी/मार्च।

ङ. पैराग्लाइडिंग एवं हैंग ग्लाइडिंग (Paragliding & Hang Gliding)

  • विवरण: पहाड़ों से उड़ान भरने का रोमांचक अनुभव।
  • प्रमुख स्थल:
    • नैनीताल (नौकुचियाताल, भीमताल)
    • पिथौरागढ़
    • रानीखेत
    • मसूरी
    • प्रतापनगर (टिहरी)

च. बंजी जंपिंग एवं फ्लाइंग फॉक्स (Bungee Jumping & Flying Fox)

  • विवरण: ऊँचाई से कूदने और केबल पर फिसलने के रोमांचक खेल।
  • प्रमुख स्थल: ऋषिकेश (मोहनचट्टी) भारत के सबसे ऊँचे बंजी जंपिंग स्थलों में से एक है।

छ. रॉक क्लाइम्बिंग एवं रैपलिंग (Rock Climbing & Rappelling)

  • विवरण: चट्टानों पर चढ़ने और उतरने की गतिविधियाँ।
  • प्रमुख स्थल: ऋषिकेश, नैनीताल, उत्तरकाशी के आसपास कई प्राकृतिक चट्टानी संरचनाएँ।

ज. माउंटेन बाइकिंग (Mountain Biking)

  • विवरण: पहाड़ी और ऊबड़-खाबड़ रास्तों पर साइकिल चलाना।
  • प्रमुख मार्ग: नैनीताल, अल्मोड़ा, पिथौरागढ़, चमोली, उत्तरकाशी के कई क्षेत्रों में।

झ. एंगलिंग/मत्स्य आखेट (Angling/Sport Fishing)

  • विवरण: नदियों और झीलों में मछली पकड़ने का शौक।
  • प्रमुख स्थल: डोडीताल (ट्राउट), पंचेश्वर (महसीर), नयार नदी, रामगंगा। इसके लिए अनुमति आवश्यक होती है।

2. साहसिक पर्यटन का महत्व

  • आर्थिक विकास: पर्यटन राजस्व में वृद्धि, स्थानीय अर्थव्यवस्था को बढ़ावा।
  • रोजगार सृजन: गाइड, प्रशिक्षक, होटलकर्मी, परिवहन संचालक आदि के लिए रोजगार के अवसर।
  • क्षेत्रीय विकास: दूरस्थ और पिछड़े क्षेत्रों में भी विकास की संभावनाएँ।
  • युवाओं के लिए आकर्षण: युवाओं को साहसिक गतिविधियों की ओर आकर्षित करना और उन्हें सकारात्मक दिशा देना।
  • अंतर्राष्ट्रीय पहचान: उत्तराखंड को विश्व पर्यटन मानचित्र पर एक प्रमुख साहसिक गंतव्य के रूप में स्थापित करना।

3. साहसिक पर्यटन के विकास हेतु सरकारी प्रयास एवं नीतियाँ

  • उत्तराखंड पर्यटन विकास परिषद (UTDB): साहसिक पर्यटन के प्रचार-प्रसार, विनियमन और विकास के लिए नोडल एजेंसी।
  • उत्तराखंड साहसिक पर्यटन नीति (Uttarakhand Adventure Tourism Policy):
    • समय-समय पर संशोधित (जैसे 2018 की नीति)।
    • उद्देश्य: साहसिक पर्यटन को सुरक्षित, सतत और विश्वस्तरीय बनाना।
    • प्रमुख प्रावधान: ऑपरेटरों का पंजीकरण, सुरक्षा मानकों का निर्धारण, नए स्थलों का विकास, प्रशिक्षण और कौशल विकास।
  • 13 जिले 13 नए गंतव्य योजना: इसके तहत कुछ साहसिक पर्यटन स्थलों को भी विकसित किया जा रहा है।
  • प्रशिक्षण संस्थान:
    • नेहरू पर्वतारोहण संस्थान (NIM), उत्तरकाशी।
    • औली में स्कीइंग और अन्य शीतकालीन खेलों के लिए प्रशिक्षण सुविधाएँ।
    • राष्ट्रीय जलक्रीड़ा संस्थान (National Institute of Water Sports) की शाखा टिहरी झील में स्थापित करने की योजना।
  • सुरक्षा एवं बचाव:
    • SDRF (राज्य आपदा प्रतिवादन बल) की तैनाती।
    • साहसिक पर्यटन ऑपरेटरों के लिए पंजीकरण और लाइसेंसिंग अनिवार्य।
    • सुरक्षा उपकरणों और दिशानिर्देशों का कड़ाई से पालन।
  • प्रचार-प्रसार: राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर उत्तराखंड के साहसिक पर्यटन स्थलों का प्रचार।

4. साहसिक पर्यटन की चुनौतियाँ एवं समाधान

क. चुनौतियाँ

  • सुरक्षा मानक और विनियमन: सभी ऑपरेटरों द्वारा सुरक्षा मानकों का कड़ाई से पालन सुनिश्चित करना।
  • पर्यावरणीय प्रभाव: अनियंत्रित पर्यटन से नाजुक पारिस्थितिकी तंत्र पर दबाव, कचरा प्रबंधन की समस्या।
  • प्रशिक्षित मानव संसाधन की कमी: योग्य और प्रमाणित गाइडों, प्रशिक्षकों की कमी।
  • आधारभूत संरचना का अभाव: दूरस्थ क्षेत्रों में सड़क, संचार और आवास सुविधाओं की कमी।
  • मौसम की अनिश्चितता और प्राकृतिक आपदाएँ: भूस्खलन, बाढ़ आदि से गतिविधियाँ प्रभावित होती हैं।
  • अवैध और अपंजीकृत ऑपरेटरों की समस्या।

ख. समाधान एवं सुझाव

  • सुरक्षा नियमों और विनियमों का कड़ाई से प्रवर्तन।
  • सतत और जिम्मेदार पर्यटन (Sustainable and Responsible Tourism) को बढ़ावा देना।
  • स्थानीय समुदायों की भागीदारी सुनिश्चित करना और उन्हें लाभ पहुँचाना।
  • प्रशिक्षण और प्रमाणन कार्यक्रमों के माध्यम से कुशल मानव संसाधन तैयार करना।
  • पर्यावरण के अनुकूल बुनियादी ढांचे का विकास।
  • आपदा प्रबंधन और बचाव प्रणालियों को मजबूत करना।
  • नए और कम ज्ञात साहसिक स्थलों को विकसित करना ताकि दबाव वितरित हो सके।

निष्कर्ष (Conclusion)

उत्तराखंड में साहसिक पर्यटन एक अत्यंत সম্ভাবনাময় क्षेत्र है जो राज्य की अर्थव्यवस्था को नई ऊँचाइयों पर ले जा सकता है। सुरक्षा, स्थिरता और गुणवत्ता पर ध्यान केंद्रित करते हुए, तथा स्थानीय समुदायों को साथ लेकर, उत्तराखंड साहसिक पर्यटन के क्षेत्र में विश्व में अपनी एक विशिष्ट पहचान बना सकता है। इसके लिए सरकार, निजी क्षेत्र और स्थानीय समुदायों के समन्वित प्रयासों की आवश्यकता है।

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