उत्तराखंड राज्य में अनुसूचित जातियों (SC) और अनुसूचित जनजातियों (ST) की जनसंख्या का वितरण सामाजिक-आर्थिक योजना और विकास की दृष्टि से महत्वपूर्ण है। यह खंड 2011 की जनगणना के आँकड़ों के आधार पर इन समुदायों के राज्य-स्तरीय और जिला-स्तरीय वितरण पर प्रकाश डालता है।
उत्तराखंड में अनुसूचित जातियों और जनजातियों का वितरण (जनगणना 2011)
- उत्तराखंड में अनुसूचित जातियों और जनजातियों के लिए संवैधानिक प्रावधानों के तहत आरक्षण और कल्याणकारी योजनाएँ लागू हैं।
- राज्य की कुल जनसंख्या में इन दोनों समुदायों का एक निश्चित प्रतिशत है, जो राष्ट्रीय औसत से भिन्नता दर्शाता है।
- जनजातीय आबादी मुख्य रूप से कुछ विशिष्ट भौगोलिक क्षेत्रों में केंद्रित है, जबकि अनुसूचित जातियों का वितरण अधिक व्यापक है।
1. अनुसूचित जाति (Scheduled Caste – SC) जनसंख्या का वितरण
राज्य स्तरीय आँकड़े (2011)
- राज्य में कुल SC जनसंख्या: 18,92,516 व्यक्ति।
- राज्य की कुल जनसंख्या में SC का प्रतिशत: 18.76% (लगभग 18.8%)।
- राष्ट्रीय स्तर पर SC जनसंख्या का प्रतिशत (2011): 16.6%।
- SC लिंगानुपात (उत्तराखंड): 936 महिलाएँ प्रति 1000 पुरुष।
- SC साक्षरता दर (उत्तराखंड): 74.4%
- पुरुष SC साक्षरता: 84.3%
- महिला SC साक्षरता: 64.1%
जिलावार SC जनसंख्या वितरण (2011)
जिलों में अनुसूचित जाति (SC) जनसंख्या का प्रतिशत (2011) – शीर्ष 3 और निम्न 3
- सर्वाधिक SC जनसंख्या वाले जिले (संख्या में):
- हरिद्वार (4,11,274)
- ऊधम सिंह नगर (2,38,254)
- देहरादून (2,28,901)
- न्यूनतम SC जनसंख्या वाले जिले (संख्या में):
- चम्पावत (47,383)
- रुद्रप्रयाग (47,874)
- बागेश्वर (72,061)
- सर्वाधिक SC जनसंख्या प्रतिशत वाले जिले:
- बागेश्वर (27.73%)
- पिथौरागढ़ (25.30%)
- उत्तरकाशी (23.43%)
- न्यूनतम SC जनसंख्या प्रतिशत वाले जिले:
- देहरादून (13.49%)
- ऊधम सिंह नगर (14.45%)
- नैनीताल (16.53%)
2. अनुसूचित जनजाति (Scheduled Tribe – ST) जनसंख्या का वितरण
राज्य स्तरीय आँकड़े (2011)
- राज्य में कुल ST जनसंख्या: 2,91,903 व्यक्ति।
- राज्य की कुल जनसंख्या में ST का प्रतिशत: 2.89% (लगभग 2.9%)।
- राष्ट्रीय स्तर पर ST जनसंख्या का प्रतिशत (2011): 8.6%।
- ST लिंगानुपात (उत्तराखंड): 963 महिलाएँ प्रति 1000 पुरुष।
- ST साक्षरता दर (उत्तराखंड): 73.9%
- पुरुष ST साक्षरता: 83.8%
- महिला ST साक्षरता: 62.5%
- प्रमुख जनजातियाँ: थारू, जौनसारी, भोटिया, बुक्सा, राजी। इन्हें 1967 में अनुसूचित जनजाति का दर्जा दिया गया।
जिलावार ST जनसंख्या वितरण (2011)
जिलों में अनुसूचित जनजाति (ST) जनसंख्या का प्रतिशत (2011) – शीर्ष 3 और निम्न 3
- सर्वाधिक ST जनसंख्या वाले जिले (संख्या में):
- ऊधम सिंह नगर (1,23,037) – मुख्यतः थारू और बुक्सा।
- देहरादून (1,07,652) – मुख्यतः जौनसारी।
- पिथौरागढ़ (20,974) – मुख्यतः भोटिया और राजी।
- न्यूनतम ST जनसंख्या वाले जिले (संख्या में):
- रुद्रप्रयाग (386)
- अल्मोड़ा (841)
- टिहरी गढ़वाल (877)
- सर्वाधिक ST जनसंख्या प्रतिशत वाले जिले:
- ऊधम सिंह नगर (7.46%)
- देहरादून (6.34%)
- पिथौरागढ़ (4.35%)
- न्यूनतम ST जनसंख्या प्रतिशत वाले जिले:
- टिहरी गढ़वाल (0.14%)
- अल्मोड़ा (0.14%)
- रुद्रप्रयाग (0.16%)
नोट: रुद्रप्रयाग और टिहरी गढ़वाल जिलों में कोई भी समुदाय अनुसूचित जनजाति के रूप में अधिसूचित नहीं है, इसलिए यहाँ ST जनसंख्या नगण्य या शून्य हो सकती है (अन्य जिलों से प्रवासित)।
3. विधानसभा और लोकसभा में आरक्षण
- राज्य विधानसभा में SC के लिए आरक्षित सीटें: 13 सीटें।
- राज्य विधानसभा में ST के लिए आरक्षित सीटें: 2 सीटें (चकराता (देहरादून) और नानकमत्ता (ऊधम सिंह नगर))।
- लोकसभा में SC के लिए आरक्षित सीट: 1 सीट (अल्मोड़ा संसदीय क्षेत्र)।
- लोकसभा में ST के लिए कोई सीट आरक्षित नहीं है।
निष्कर्ष (Conclusion)
उत्तराखंड में अनुसूचित जातियों और जनजातियों का वितरण राज्य की सामाजिक और भौगोलिक संरचना को दर्शाता है। इन समुदायों के विकास और सशक्तिकरण के लिए सरकार द्वारा विभिन्न योजनाएँ चलाई जा रही हैं। जनगणना के आँकड़े इन योजनाओं के प्रभावी कार्यान्वयन और लक्षित समूहों तक पहुँच सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।