उत्तराखंड सरकार शिक्षा के सार्वभौमिकरण, गुणवत्ता में सुधार और सभी वर्गों तक इसकी पहुँच सुनिश्चित करने के लिए विभिन्न योजनाओं और पहलों का क्रियान्वयन कर रही है। इन योजनाओं का उद्देश्य राज्य के मानव संसाधन को विकसित करना और शैक्षिक अवसरों की समानता को बढ़ावा देना है।
उत्तराखंड में शिक्षा संबंधी योजनाएँ और पहलें
- राज्य में शिक्षा का अधिकार अधिनियम, 2009 प्रभावी रूप से लागू किया गया है।
- सर्व शिक्षा अभियान (अब समग्र शिक्षा) और राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान जैसी केंद्र प्रायोजित योजनाएँ राज्य में शिक्षा के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही हैं।
- लड़कियों की शिक्षा, वंचित वर्गों की शिक्षा और दूरस्थ क्षेत्रों में शिक्षा पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है।
- कौशल विकास और व्यावसायिक शिक्षा को भी बढ़ावा दिया जा रहा है।
- उत्तराखंड विद्या समीक्षा केंद्र शिक्षा में गुणवत्ता सुधार हेतु एक महत्वपूर्ण पहल है।
प्रारंभिक और माध्यमिक शिक्षा हेतु योजनाएँ
1. समग्र शिक्षा अभियान (Samagra Shiksha Abhiyan)
- विवरण: यह केंद्र सरकार की एक एकीकृत योजना है, जिसमें पूर्व-प्राथमिक से लेकर बारहवीं कक्षा तक की शिक्षा को शामिल किया गया है। इसने सर्व शिक्षा अभियान (SSA), राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान (RMSA) और शिक्षक शिक्षा (Teacher Education) को एकीकृत किया है।
- उद्देश्य: शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार, स्कूलों में समानता और समावेशन सुनिश्चित करना, और बच्चों को स्कूल में बनाए रखना।
- प्रमुख घटक: स्कूलों में बुनियादी ढाँचे का विकास, शिक्षकों का प्रशिक्षण, पाठ्यपुस्तकों और यूनिफॉर्म का निःशुल्क वितरण, विशेष आवश्यकता वाले बच्चों के लिए प्रावधान, आईसीटी और डिजिटल शिक्षा को बढ़ावा।
2. उत्तराखंड अटल उत्कृष्ट विद्यालय योजना (2021)
- उद्देश्य: राज्य के प्रत्येक ब्लॉक में दो राजकीय विद्यालयों (एक प्राथमिक और एक माध्यमिक) को मॉडल स्कूल के रूप में विकसित करना, जहाँ CBSE पैटर्न पर अंग्रेजी माध्यम में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान की जा सके।
- लक्ष्य: कुल 189 (लगभग) विद्यालयों को उत्कृष्टता केंद्र बनाना।
3. मुख्यमंत्री प्रतिभा प्रोत्साहन योजना
- उद्देश्य: मेधावी छात्रों को उच्च शिक्षा के लिए प्रोत्साहित करना और वित्तीय सहायता प्रदान करना।
- प्रावधान: बोर्ड परीक्षाओं में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले छात्रों को छात्रवृत्ति।
4. उत्तराखंड ज्ञानकोष योजना (2020)
- उद्देश्य: राज्य के छात्रों के लिए डिजिटल लर्निंग संसाधनों का एक भंडार तैयार करना।
- विवरण: इसके तहत ई-कंटेंट, वीडियो लेक्चर और अन्य शैक्षिक सामग्री ऑनलाइन उपलब्ध कराई जाती है।
5. बालिका शिक्षा हेतु योजनाएँ
- नंदा गौरा योजना (पूर्व में गौरा देवी कन्याधन योजना): बालिकाओं के जन्म और शिक्षा को प्रोत्साहित करने तथा लिंगानुपात में सुधार के लिए। इसके तहत बालिकाओं को विभिन्न चरणों में वित्तीय सहायता दी जाती है।
- साइकिल योजना: दूरस्थ क्षेत्रों की छात्राओं को स्कूल आने-जाने में सुविधा के लिए।
- कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय (KGBV)।
6. अन्य महत्वपूर्ण पहलें
- स्कूल चलो अभियान: बच्चों का नामांकन बढ़ाने और ड्रॉपआउट दर कम करने के लिए।
- मिड-डे मील योजना: प्राथमिक और उच्च प्राथमिक विद्यालयों में बच्चों को दोपहर का भोजन।
- उत्तराखंड विद्या समीक्षा केंद्र: शिक्षा की गुणवत्ता, छात्र प्रदर्शन और स्कूल प्रबंधन की निगरानी के लिए एक डेटा-संचालित केंद्र।
- वर्चुअल क्लासरूम और आईसीटी लैब की स्थापना।
- शिक्षकों के लिए निरंतर व्यावसायिक विकास कार्यक्रम।
उच्च शिक्षा हेतु योजनाएँ
1. मुख्यमंत्री उच्च शिक्षा प्रोत्साहन छात्रवृत्ति योजना
- उद्देश्य: आर्थिक रूप से कमजोर और मेधावी छात्रों को स्नातक और स्नातकोत्तर स्तर पर उच्च शिक्षा जारी रखने के लिए वित्तीय सहायता।
2. शोध एवं अनुसंधान को बढ़ावा
- विश्वविद्यालयों और महाविद्यालयों में शोध परियोजनाओं के लिए अनुदान और प्रोत्साहन।
- उत्तराखंड विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद् (UCOST) द्वारा शोध गतिविधियों को बढ़ावा।
3. रूसा (Rashtriya Uchchatar Shiksha Abhiyan)
- विवरण: यह केंद्र सरकार की योजना है जिसका उद्देश्य राज्य के उच्च शिक्षण संस्थानों (विश्वविद्यालयों और कॉलेजों) के बुनियादी ढाँचे और गुणवत्ता में सुधार करना है।
4. अन्य पहलें
- नए राजकीय महाविद्यालयों और विश्वविद्यालयों की स्थापना।
- ई-ग्रंथालय और डिजिटल संसाधनों तक पहुँच बढ़ाना।
- राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 का क्रियान्वयन।
तकनीकी शिक्षा और कौशल विकास हेतु योजनाएँ
1. उत्तराखंड कौशल विकास मिशन (UKSDM)
- उद्देश्य: राज्य के युवाओं को विभिन्न क्षेत्रों में कौशल प्रशिक्षण प्रदान कर उन्हें रोजगार योग्य बनाना और स्वरोजगार के लिए प्रोत्साहित करना।
- कार्यक्रम: विभिन्न सरकारी और निजी प्रशिक्षण प्रदाताओं के माध्यम से अल्पकालिक और दीर्घकालिक कौशल विकास पाठ्यक्रम।
2. तकनीकी शिक्षण संस्थानों का उन्नयन
- पॉलिटेक्निक और आईटीआई संस्थानों के बुनियादी ढाँचे और पाठ्यक्रम में सुधार।
- उद्योगों की मांग के अनुरूप नए ट्रेड और पाठ्यक्रम शुरू करना।
3. मुख्यमंत्री हुनर योजना
- उद्देश्य: पारंपरिक शिल्पों और कलाओं में युवाओं और कारीगरों को प्रशिक्षण देकर उन्हें आत्मनिर्भर बनाना।
निष्कर्ष (Conclusion)
उत्तराखंड सरकार शिक्षा के सभी स्तरों पर गुणवत्ता, पहुँच और समानता सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है। विभिन्न योजनाओं और पहलों के माध्यम से राज्य में शैक्षिक परिदृश्य को बेहतर बनाने और युवाओं को भविष्य की चुनौतियों के लिए तैयार करने का प्रयास किया जा रहा है। इन योजनाओं का सफल क्रियान्वयन राज्य के सतत विकास के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है।