Gyan Pragya
No Result
View All Result
BPSC: 71st Combined Pre Exam - Last Date: 30-06-2025 | SSC: Combined Graduate Level (CGL) - 14582 Posts - Last Date: 04-07-2025
  • Current Affairs
  • Quiz
  • History
  • Geography
  • Polity
  • Hindi
  • Economics
  • General Science
  • Environment
  • Static Gk
  • Uttarakhand
Gyan Pragya
No Result
View All Result

राष्ट्रीय उद्यान और अभ्यारण्य (National Parks and Sanctuaries)

उत्तराखंड: प्रमुख राष्ट्रीय उद्यान और अभ्यारण्य (UPSC/PCS केंद्रित नोट्स)

उत्तराखंड अपनी समृद्ध जैव विविधता और अद्वितीय पारिस्थितिक तंत्र के लिए जाना जाता है। राज्य में वन्यजीवों और वनस्पतियों के संरक्षण के लिए कई राष्ट्रीय उद्यान, वन्यजीव विहार और अन्य संरक्षित क्षेत्र स्थापित किए गए हैं। ये क्षेत्र न केवल महत्वपूर्ण प्रजातियों को आश्रय प्रदान करते हैं बल्कि पर्यटन और अनुसंधान के लिए भी महत्वपूर्ण हैं।

उत्तराखंड के प्रमुख राष्ट्रीय उद्यान और अभ्यारण्य

कुछ त्वरित तथ्य (Quick Facts):
  • उत्तराखंड में 6 राष्ट्रीय उद्यान, 7 वन्यजीव विहार, 4 संरक्षण आरक्षित क्षेत्र, 2 विश्व धरोहर स्थल (प्राकृतिक) और 1 रामसर स्थल हैं।
  • राष्ट्रीय उद्यानों और वन्यजीव विहारों में जैव-विविधता का संरक्षण उनके मूल आवासों में इन-सीटू (In-situ) संरक्षण विधि से किया जाता है।
  • वन्यजीव विहारों में राष्ट्रीय उद्यानों की अपेक्षा मानव गतिविधियों में कुछ अधिक छूट होती है।
  • राज्य का कुल 5006.76 वर्ग किमी क्षेत्र राष्ट्रीय उद्यानों के अंतर्गत आता है, जो राज्य के कुल क्षेत्रफल का 9.36% है।
  • राज्य के वन्यजीव विहारों का कुल क्षेत्रफल 2683.73 वर्ग किमी है।

वन्यजीव संरक्षण हेतु कानूनी प्रावधान

संवैधानिक प्रावधान

  • अनुच्छेद 48A: राज्य पर्यावरण की रक्षा करने तथा उसमें सुधार करने और देश के वनों तथा वन्य जीवन की रक्षा करने का प्रयास करेगा (राज्य के नीति निदेशक सिद्धांत)।
  • अनुच्छेद 51A(g): प्रत्येक नागरिक का यह कर्तव्य होगा कि वह प्राकृतिक पर्यावरण की, जिसके अंतर्गत वन, झील, नदी और वन्य जीव हैं, रक्षा करे और उसका संवर्धन करे तथा प्राणिमात्र के प्रति दयाभाव रखे (मौलिक कर्तव्य)।
  • 42वां संविधान संशोधन (1976): इसके द्वारा वन और वन्यजीवों का संरक्षण राज्य सूची से समवर्ती सूची में स्थानांतरित किया गया।

प्रमुख अधिनियम

  • वन्यजीव (संरक्षण) अधिनियम, 1972: वन्यजीवों के अवैध शिकार, मांस और खाल के व्यापार पर रोक। विभिन्न प्रजातियों को उनकी संरक्षण स्थिति के आधार पर अनुसूचियों में वर्गीकृत किया गया। राष्ट्रीय उद्यानों, अभ्यारण्यों की स्थापना का प्रावधान।
  • वन (संरक्षण) अधिनियम, 1980: वन भूमि के गैर-वानिकी उद्देश्यों के लिए उपयोग को नियंत्रित करना।
  • पर्यावरण (संरक्षण) अधिनियम, 1986: पर्यावरण संरक्षण और सुधार के लिए एक व्यापक कानून।
  • जैव विविधता अधिनियम, 2002: जैविक विविधता का संरक्षण, इसके घटकों का सतत उपयोग और जैविक संसाधनों के उपयोग से होने वाले लाभों का उचित और न्यायसंगत बंटवारा।

राष्ट्रीय उद्यान और वन्यजीव विहार में अंतर

  • सुरक्षा का स्तर: राष्ट्रीय उद्यानों में वन्यजीव विहारों की तुलना में उच्च स्तर की सुरक्षा होती है।
  • मानव गतिविधियाँ:
    • राष्ट्रीय उद्यान: किसी भी प्रकार की मानवीय गतिविधि (जैसे चराई, लघु वनोपज संग्रहण) पूर्णतः प्रतिबंधित होती है, सिवाय इसके कि मुख्य वन्यजीव वार्डन द्वारा वन्यजीव (संरक्षण) अधिनियम, 1972 की शर्तों के तहत अनुमति दी गई हो।
    • वन्यजीव विहार: कुछ मानवीय गतिविधियाँ (जैसे विनियमित चराई, स्थानीय समुदायों के लिए लघु वनोपज का संग्रहण, पर्यटन) की अनुमति दी जा सकती है, यदि वे वन्यजीवों के कल्याण में बाधा न डालें।
  • सीमाएँ: राष्ट्रीय उद्यान की सीमाएँ स्पष्ट रूप से विधायिका द्वारा परिभाषित और सीमांकित होती हैं। वन्यजीव विहार की सीमाओं का निर्धारण राज्य सरकार द्वारा अधिसूचना से किया जाता है और ये कम कठोर हो सकती हैं।
  • उद्देश्य: राष्ट्रीय उद्यान का उद्देश्य पूरे पारिस्थितिकी तंत्र का संरक्षण होता है। वन्यजीव विहार का उद्देश्य मुख्यतः किसी विशिष्ट प्रजाति या प्रजातियों के समूह का संरक्षण होता है।
  • दर्जा परिवर्तन: किसी राष्ट्रीय उद्यान के दर्जे को वन्यजीव विहार में परिवर्तित नहीं किया जा सकता, जबकि वन्यजीव विहार को राष्ट्रीय उद्यान में उन्नत किया जा सकता है।

उत्तराखंड के कुछ महत्वपूर्ण वन्यजीव और उनकी IUCN स्थिति

(IUCN – International Union for Conservation of Nature)

  • बाघ (Tiger – Panthera tigris): संकटग्रस्त (Endangered)
  • हिम तेंदुआ (Snow Leopard – Panthera uncia): असुरक्षित (Vulnerable)
  • एशियाई हाथी (Asiatic Elephant – Elephas maximus): संकटग्रस्त (Endangered)
  • कस्तूरी मृग (Alpine Musk Deer – Moschus chrysogaster): संकटग्रस्त (Endangered)
  • हिमालयी मोनाल (Himalayan Monal – Lophophorus impejanus): कम चिंताजनक (Least Concern) – उत्तराखंड का राज्य पक्षी।
  • दाढ़ी वाले गिद्ध (Bearded Vulture – Gypaetus barbatus): निकट-संकट (Near Threatened)
  • बारहसिंगा (Swamp Deer – Rucervus duvaucelii): असुरक्षित (Vulnerable) – विशेषकर झिलमिल झील क्षेत्र में।

राष्ट्रीय उद्यान (National Parks)

1. कॉर्बेट राष्ट्रीय उद्यान

स्थापना: 1936 (एशिया का पहला राष्ट्रीय उद्यान, हेली नेशनल पार्क के नाम से)।

क्षेत्रफल: 520.82 वर्ग किमी।

स्थान: पौड़ी (312.76 वर्ग किमी) और नैनीताल (208.8 वर्ग किमी)। प्रवेश द्वार: ढिकाला (नैनीताल)।

विशेषताएँ:

  • 1 नवंबर 1973 को भारत का पहला टाइगर रिजर्व घोषित।
  • मध्य में पाटली दून और पश्चिमी रामगंगा नदी बहती है।
  • 2013 में स्पेशल टाइगर प्रोटेक्शन फोर्स का गठन।
  • सर्वाधिक पर्यटक इसी उद्यान में आते हैं।
  • 2020 में देश का पहला एनिमल क्वारंटाइन सेंटर यहीं बनाया गया।
  • पूर्व नाम: रामगंगा नेशनल पार्क (स्वतंत्रता के बाद), 1957 में प्रकृति प्रेमी जिम कॉर्बेट के नाम पर।
  • प्रमुख जीव: बाघ, हाथी, हिरण, मगरमच्छ।

2. गोविन्द राष्ट्रीय उद्यान

स्थापना: 1980।

क्षेत्रफल: 472 वर्ग किमी।

स्थान: उत्तरकाशी।

विशेषताएँ:

  • नामकरण स्वतंत्रता सेनानी गोविंद बल्लभ पंत के नाम पर।
  • संचालन राजाजी राष्ट्रीय उद्यान, देहरादून द्वारा।
  • इसके भीतर हर की दून घाटी और रूइंसियारा झील स्थित है।
  • स्नो लेपर्ड (हिम तेंदुआ) परियोजना (1990-91) के तहत महत्वपूर्ण।
  • प्रमुख जीव: हिम तेंदुआ, भूरा भालू, कस्तूरी मृग, भरल।

3. नंदादेवी राष्ट्रीय उद्यान

स्थापना: 6 नवंबर 1982। प्राचीन नाम: संजय गांधी नेशनल पार्क।

क्षेत्रफल: 624 वर्ग किमी।

स्थान: चमोली। मुख्यालय: जोशीमठ।

विशेषताएँ:

  • 1988 में यूनेस्को द्वारा विश्व धरोहर स्थल घोषित (नंदा देवी बायोस्फीयर रिजर्व के भाग के रूप में)।
  • इस क्षेत्र में आने वाला प्रथम व्यक्ति डब्ल्यू. गार्डन (1883) था।
  • प्रमुख जीव: हिम तेंदुआ, हिमालयी भालू, भरल, कस्तूरी मृग।

4. फूलों की घाटी राष्ट्रीय उद्यान

स्थापना: 1982।

क्षेत्रफल: 87.50 वर्ग किमी (राज्य का सबसे छोटा राष्ट्रीय उद्यान)।

स्थान: चमोली (नर एवं गंधमादन पर्वतों के मध्य)।

विशेषताएँ:

  • स्कंदपुराण में नंदनकानन, मेघदूत में अलका कहा गया।
  • खोज: 1931 में फ्रैंक एस. स्माइथ द्वारा (पुस्तक: “The Valley of Flowers”)।
  • 14 जुलाई 2005 को यूनेस्को द्वारा विश्व धरोहर स्थल घोषित।
  • मध्य में पुष्पावती नदी बहती है।
  • फूल खिलने का समय: जुलाई से अक्टूबर।
  • अन्य नाम: बैकुंठ, भ्यूंडार, गंधमादन, पुष्पावली, फ्रैंक स्माइथ घाटी।
  • अमेला (पॉलीगोनम) नामक खरपतवार से खतरा।
  • प्रमुख जीव: हिम तेंदुआ, कस्तूरी मृग, भरल, विभिन्न प्रकार के फूल।

5. राजाजी राष्ट्रीय उद्यान

स्थापना: 1983 (मोतीचूर वन्य जीव विहार (1935), चीला वन्यजीव विहार (1977) और राजाजी विहार (1948) को मिलाकर)।

क्षेत्रफल: 820.42 वर्ग किमी।

स्थान: देहरादून, पौड़ी और हरिद्वार (तीन जिलों में विस्तृत)। मुख्यालय: देहरादून।

विशेषताएँ:

  • नामकरण भारत के अंतिम गवर्नर जनरल सी. राजगोपालाचारी के नाम पर।
  • अप्रैल 2015 में देश का 48वां और राज्य का दूसरा टाइगर रिजर्व घोषित।
  • हाथियों के लिए प्रसिद्ध।

6. गंगोत्री राष्ट्रीय उद्यान

स्थापना: 1989।

क्षेत्रफल: 2390 वर्ग किमी (राज्य का सबसे बड़ा राष्ट्रीय उद्यान)।

स्थान: उत्तरकाशी।

विशेषताएँ:

  • गोमुख (गंगा का उद्गम) इसी उद्यान में है।
  • भैरोंघाटी में देश का पहला हिम तेंदुआ संरक्षण केंद्र प्रस्तावित।
  • प्रमुख जीव: हिम तेंदुआ, भरल, हिमालयी ताहर, भूरा भालू।

वन्यजीव विहार (Wildlife Sanctuaries)

1. गोविन्द वन्यजीव विहार

स्थापना: 1955 (राज्य का पहला वन्यजीव विहार)।

क्षेत्रफल: 485.89 वर्ग किमी।

स्थान: उत्तरकाशी।

प्रसिद्ध: स्नो लेपर्ड (हिम तेंदुआ), दाढ़ी वाले गिद्ध ( Bearded Vulture)।

विशेषता: 1990-91 में स्नो लेपर्ड परियोजना के तहत। टोंस नदी बेसिन क्षेत्र में।

2. केदारनाथ वन्यजीव विहार

स्थापना: 1972।

क्षेत्रफल: 975.20 वर्ग किमी (राज्य का सबसे बड़ा वन्यजीव विहार)।

स्थान: चमोली और रुद्रप्रयाग।

प्रसिद्ध: कस्तूरी मृग के संरक्षण हेतु।

3. अस्कोट वन्यजीव विहार

स्थापना: 1986।

क्षेत्रफल: 599.93 वर्ग किमी।

स्थान: पिथौरागढ़।

प्रसिद्ध: सर्वाधिक कस्तूरी मृग वाला विहार।

4. सोनानदी वन्यजीव विहार

स्थापना: 1987।

क्षेत्रफल: 301.18 वर्ग किमी।

स्थान: पौड़ी गढ़वाल।

विशेषता: कॉर्बेट टाइगर रिजर्व का हिस्सा। हाथियों और बाघों के लिए महत्वपूर्ण।

5. बिनसर वन्यजीव विहार

स्थापना: 1988।

क्षेत्रफल: 47.07 वर्ग किमी।

स्थान: अल्मोड़ा।

प्रसिद्ध: विभिन्न प्रकार के पक्षी और तेंदुए।

6. मसूरी वन्यजीव विहार (विनोग माउंटेन क्वेल अभयारण्य)

स्थापना: 1993।

क्षेत्रफल: 10.82 वर्ग किमी (राज्य का सबसे छोटा वन्यजीव विहार)।

स्थान: देहरादून।

प्रसिद्ध: माउंटेन क्वेल (पहाड़ी बटेर) के लिए, जो अब विलुप्त मानी जाती है।

7. नंधौर वन्यजीव विहार

स्थापना: 2012।

क्षेत्रफल: 269.95 वर्ग किमी।

स्थान: नैनीताल और चम्पावत।

प्रसिद्ध: बाघ, हाथी और विभिन्न पक्षी प्रजातियाँ।

संरक्षण आरक्षित क्षेत्र (Conservation Reserves)

  • आसन वेटलैंड संरक्षण आरक्षिति: स्थापना 2005, क्षेत्रफल 444.4 हेक्टेयर, स्थान: देहरादून (यमुना और आसन नदी का संगम)। उत्तराखंड का पहला रामसर स्थल (2020)। साइबेरियन पक्षियों का सैरगाह।
  • झिलमिल झील संरक्षण आरक्षिति: स्थापना 2005, क्षेत्रफल 3783.5 हेक्टेयर, स्थान: हरिद्वार। बारहसिंगा के लिए प्रसिद्ध।
  • पवालगढ़ संरक्षण आरक्षिति (सीतावनी कंजर्वेशन रिजर्व): स्थापना 2012, क्षेत्रफल 5824.7 हेक्टेयर, स्थान: नैनीताल।
  • नैनादेवी हिमालयन बर्ड कंजर्वेशन रिजर्व: स्थापना 2015, क्षेत्रफल 111.9 वर्ग किमी, स्थान: नैनीताल। लगभग 600 पक्षी प्रजातियों का निवास।

अन्य महत्वपूर्ण संरक्षित क्षेत्र एवं पहल

  • गोविंद बल्लभ पंत उच्च स्थलीय प्राणी उद्यान: स्थापना 1995, स्थान: नैनीताल, क्षेत्रफल 4.693 वर्ग किमी।
  • कस्तूरी मृग परियोजना: शुरुआत 1970 के दशक में। केदारनाथ वन्यजीव विहार (1972), महरूड़ी कस्तूरी मृग अनुसंधान केंद्र (1977, बागेश्वर), कांचुला खर्क कस्तूरी मृग प्रजनन एवं संरक्षण केंद्र (1982, चमोली)।
  • टाइगर वॉच योजना: प्रारम्भ 1991-92।
  • हाथी परियोजना: शुरुआत 1992। शिवालिक हाथी रिजर्व (2002)।
  • गिद्ध संरक्षण प्रोजेक्ट: शुरुआत 2006।
  • हिम तेंदुआ परियोजना: शुरुआत 2009। देश का पहला हिम तेंदुआ संरक्षण केंद्र उत्तरकाशी (लंका, भैरोंघाटी) में प्रस्तावित।
  • देहरादून में विश्व का प्रथम प्राकृतिक धरोहर केंद्र: यूनेस्को द्वारा स्वीकृति 29 अगस्त 2014, उद्घाटन 2018 (भारतीय वन्यजीव संस्थान, देहरादून में)।

निष्कर्ष (Conclusion)

उत्तराखंड के राष्ट्रीय उद्यान, वन्यजीव विहार और अन्य संरक्षित क्षेत्र राज्य की अमूल्य प्राकृतिक विरासत के प्रहरी हैं। इनके प्रभावी प्रबंधन और स्थानीय समुदायों की भागीदारी से ही इन क्षेत्रों का संरक्षण और सतत विकास सुनिश्चित किया जा सकता है।

SendShare
Previous Post

उत्तराखंड के प्रमुख वन आंदोलन (Forest Movements in Uttarakhand)

Next Post

प्रमुख वन्य जीव (Important Wildlife)

Related Posts

Uttarakhnd

स्वतंत्रता संग्राम में उत्तराखंड की भूमिका (Role of Uttarakhand in the Freedom Struggle)

June 4, 2025

उत्तराखंड: स्वतंत्रता संग्राम में भूमिका (UPSC/PCS केंद्रित नोट्स) उत्तराखंड के निवासियों ने भारत के स्वतंत्रता संग्राम में सक्रिय और महत्वपूर्ण...

Uttarakhnd

Contribution of Uttarakhand in Freedom Struggle

June 4, 2025

आज़ादी की लड़ाई में उत्तराखंड का योगदान (UPSC/PCS केंद्रित नोट्स) भारत के स्वतंत्रता संग्राम में उत्तराखंड के निवासियों ने अद्वितीय...

Uttarakhnd

विज्ञान, साहित्य और कला में विकास (Developments in Science, Literature, and Art)

May 25, 2025

गुप्त काल: विज्ञान, साहित्य और कला में विकास (UPSC/PCS केंद्रित नोट्स) गुप्त काल: विज्ञान, साहित्य और कला में विकास (UPSC/PCS...

Next Post

प्रमुख वन्य जीव (Important Wildlife)

उत्तराखंड में पाई जाने वाली खनिज संपदा (Uttarakhand Minerals in Hindi)

खनन और पर्यावरण (Mining and Environment)

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Uttarakhnd

स्वतंत्रता संग्राम में उत्तराखंड की भूमिका (Role of Uttarakhand in the Freedom Struggle)

June 4, 2025
Polity

सर्वोच्च न्यायालय (Supreme Court)

May 27, 2025
Quiz

गुप्त काल: प्रशासन (Gupta Period: Administration)

May 25, 2025
uncategorized

Protected: test

May 25, 2025
Placeholder Square Image

Visit Google.com for more information.

स्वतंत्रता संग्राम में उत्तराखंड की भूमिका (Role of Uttarakhand in the Freedom Struggle)

June 4, 2025

सर्वोच्च न्यायालय (Supreme Court)

May 27, 2025

गुप्त काल: प्रशासन (Gupta Period: Administration)

May 25, 2025

Protected: test

May 25, 2025

हिंदी लोकोक्तियाँ और उनके प्रयोग

May 24, 2025

मुहावरे और उनके अर्थ

May 24, 2025
  • Contact us
  • Disclaimer
  • Register
  • Login
  • Privacy Policy
: whatsapp us on +918057391081 E-mail: setupragya@gmail.com
No Result
View All Result
  • Home
  • Hindi
  • History
  • Geography
  • General Science
  • Uttarakhand
  • Economics
  • Environment
  • Static Gk
  • Quiz
  • Polity
  • Computer
  • Login
  • Contact us
  • Privacy Policy

© 2024 GyanPragya - ArchnaChaudhary.