उत्तराखंड जैसे पर्वतीय राज्य के लिए सड़क परिवहन आर्थिक विकास, सामाजिक संपर्क और दूरस्थ क्षेत्रों तक पहुँच सुनिश्चित करने का सबसे महत्वपूर्ण साधन है। राज्य की विषम भौगोलिक परिस्थितियाँ सड़क निर्माण और रखरखाव में चुनौतियाँ प्रस्तुत करती हैं, फिर भी सड़क नेटवर्क का निरंतर विस्तार हो रहा है।
उत्तराखंड में सड़क परिवहन
- उत्तराखंड में सड़क घनत्व राष्ट्रीय औसत से कम है, विशेषकर पर्वतीय क्षेत्रों में।
- राज्य में सड़क निर्माण और रखरखाव का कार्य मुख्य रूप से लोक निर्माण विभाग (PWD), सीमा सड़क संगठन (BRO), और राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) द्वारा किया जाता है।
- चारधाम ऑल वेदर रोड परियोजना राज्य की एक महत्वाकांक्षी परियोजना है, जिसका उद्देश्य प्रमुख तीर्थस्थलों तक हर मौसम में सुगम पहुँच सुनिश्चित करना है।
- राज्य में उत्तराखंड परिवहन निगम (UTC) सार्वजनिक बस सेवाओं का संचालन करता है।
सड़कों का वर्गीकरण और नेटवर्क
1. राष्ट्रीय राजमार्ग (National Highways – NH)
- विवरण: ये देश की प्रमुख सड़कें हैं जो राज्यों की राजधानियों, प्रमुख शहरों, बंदरगाहों और महत्वपूर्ण औद्योगिक व पर्यटन केंद्रों को जोड़ती हैं। इनका निर्माण और रखरखाव केंद्र सरकार (NHAI) द्वारा किया जाता है।
- उत्तराखंड में स्थिति: राज्य से कई महत्वपूर्ण राष्ट्रीय राजमार्ग गुजरते हैं।
- NH-7: यह राज्य का एक प्रमुख और सबसे लंबा राष्ट्रीय राजमार्ग है।
- प्रमुख शहर/स्थान: देहरादून, ऋषिकेश, देवप्रयाग, श्रीनगर, रुद्रप्रयाग, कर्णप्रयाग, चमोली, जोशीमठ, बद्रीनाथ (माणा गाँव तक)।
- NH-34: यह राजमार्ग गंगोत्री धाम को जोड़ता है।
- प्रमुख शहर/स्थान: उत्तरकाशी, धरासू बैंड, गंगोत्री।
- NH-107: यह राजमार्ग केदारनाथ धाम को जोड़ता है।
- प्रमुख शहर/स्थान: रुद्रप्रयाग, अगस्त्यमुनि, गुप्तकाशी, सोनप्रयाग (केदारनाथ हेतु)।
- NH-134: यह राजमार्ग यमुनोत्री धाम को जोड़ता है।
- प्रमुख शहर/स्थान: धरासू बैंड, बड़कोट, यमुनोत्री।
- NH-9: यह राजमार्ग कुमाऊँ क्षेत्र के महत्वपूर्ण शहरों को जोड़ता है।
- प्रमुख शहर/स्थान: सितारगंज, खटीमा, टनकपुर, चम्पावत, लोहाघाट, पिथौरागढ़, अस्कोट।
- NH-307: यह देहरादून को सहारनपुर (उत्तर प्रदेश) से जोड़ता है।
- प्रमुख शहर/स्थान (उत्तराखंड में): देहरादून, छुटमलपुर सीमा।
- NH-734: यह काशीपुर को नगीना से जोड़ता है।
- प्रमुख शहर/स्थान (उत्तराखंड में): काशीपुर, जसपुर।
- NH-7: यह राज्य का एक प्रमुख और सबसे लंबा राष्ट्रीय राजमार्ग है।
- कुल लंबाई (उत्तराखंड में, अनुमानित): लगभग 2950 किमी (मार्च 2021 तक, यह आँकड़ा परिवर्तनशील है)।
2. राज्य राजमार्ग (State Highways – SH)
- विवरण: ये राज्य के भीतर जिला मुख्यालयों, प्रमुख नगरों और राष्ट्रीय राजमार्गों को जोड़ने वाली सड़कें होती हैं। इनका निर्माण और रखरखाव राज्य सरकार (PWD) द्वारा किया जाता है।
- उत्तराखंड में स्थिति: राज्य में कई राज्य राजमार्ग हैं जो आंतरिक कनेक्टिविटी प्रदान करते हैं, जैसे अल्मोड़ा-बागेश्वर-कपकोट मार्ग, लक्ष्मणझूला-दुगड्डा-नैनीडांडा मार्ग आदि।
3. जिला प्रमुख सड़कें (Major District Roads – MDR)
- विवरण: ये जिले के भीतर उत्पादन क्षेत्रों और बाजारों को जोड़ने वाली महत्वपूर्ण सड़कें होती हैं।
4. अन्य जिला सड़कें (Other District Roads – ODR) और ग्रामीण सड़कें (Village Roads – VR)
- विवरण: ये सड़कें ग्रामीण क्षेत्रों को जिला सड़कों और राज्य राजमार्गों से जोड़ती हैं। प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना (PMGSY) के तहत ग्रामीण सड़कों का तेजी से निर्माण हुआ है।
प्रमुख सड़क निर्माण और रखरखाव एजेंसियाँ
- लोक निर्माण विभाग (Public Works Department – PWD): राज्य राजमार्गों, जिला सड़कों और अन्य सड़कों के निर्माण और रखरखाव के लिए प्रमुख राज्य एजेंसी।
- सीमा सड़क संगठन (Border Roads Organisation – BRO): 1960 में स्थापित। यह संगठन मुख्यतः सीमावर्ती और दुर्गम पर्वतीय क्षेत्रों में सड़कों का निर्माण और रखरखाव करता है। प्रोजेक्ट शिवालिक (गढ़वाल क्षेत्र) और प्रोजेक्ट हीरक (कुमाऊँ क्षेत्र) उत्तराखंड में BRO के प्रमुख प्रोजेक्ट हैं।
- राष्ट्रीय राजमार्ग और अवसंरचना विकास निगम लिमिटेड (NHIDCL): यह भी राष्ट्रीय राजमार्गों के विकास में भूमिका निभाता है, विशेषकर चारधाम परियोजना में।
- राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (National Highways Authority of India – NHAI): राष्ट्रीय राजमार्गों के विकास, रखरखाव और प्रबंधन के लिए जिम्मेदार केंद्रीय एजेंसी।
प्रमुख सड़क परियोजनाएँ और योजनाएँ
- चारधाम ऑल वेदर रोड परियोजना: यह एक महत्वाकांक्षी परियोजना है जिसका उद्देश्य यमुनोत्री, गंगोत्री, केदारनाथ और बद्रीनाथ धामों को हर मौसम में सुगम सड़क संपर्क प्रदान करना है। इसके तहत मौजूदा सड़कों का चौड़ीकरण और सुधार किया जा रहा है।
- भारतमाला परियोजना: इस राष्ट्रीय परियोजना के तहत भी उत्तराखंड में कुछ सड़क खंडों का विकास किया जा रहा है, जो कनेक्टिविटी को बेहतर बनाएंगे।
- प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना (PMGSY): ग्रामीण क्षेत्रों को पक्की सड़कों से जोड़ने के लिए यह एक महत्वपूर्ण योजना है, जिसने दूरस्थ गाँवों तक पहुँच सुगम की है।
- राज्य सड़क परियोजना (State Road Project): एडीबी (Asian Development Bank) और विश्व बैंक की सहायता से राज्य राजमार्गों और जिला सड़कों का उन्नयन।
उत्तराखंड परिवहन निगम (Uttarakhand Transport Corporation – UTC)
- स्थापना: 31 अक्टूबर 2003 को (पूर्ववर्ती उत्तरांचल रोडवेज)।
- मुख्यालय: देहरादून।
- कार्य: राज्य के भीतर और पड़ोसी राज्यों के लिए सार्वजनिक बस सेवाओं का संचालन। इसके तीन मंडल कार्यालय देहरादून, नैनीताल और टनकपुर में हैं।
- यह निगम “पर्वतीय बस सेवा” और “मैदानी बस सेवा” दोनों का संचालन करता है।
सड़क परिवहन की चुनौतियाँ
- दुर्गम पर्वतीय भूभाग: सड़क निर्माण और रखरखाव अत्यंत कठिन और महंगा।
- भूस्खलन और प्राकृतिक आपदाएँ: बरसात के मौसम में भूस्खलन से सड़कें अक्सर अवरुद्ध हो जाती हैं, जिससे यातायात बाधित होता है।
- पर्यावरणीय संवेदनशीलता: सड़क निर्माण के दौरान वनों की कटाई और पारिस्थितिक संतुलन पर प्रभाव, जिसके लिए सावधानीपूर्वक योजना और निष्पादन की आवश्यकता होती है।
- सीमित वित्तीय संसाधन: व्यापक सड़क नेटवर्क के रखरखाव और विस्तार के लिए।
- सड़क सुरक्षा: पर्वतीय मार्गों पर दुर्घटनाओं का अधिक खतरा, जिसके लिए बेहतर सड़क डिजाइन और यातायात नियमों का कड़ाई से पालन आवश्यक है।
निष्कर्ष (Conclusion)
उत्तराखंड के समग्र विकास के लिए सड़क परिवहन एक महत्वपूर्ण आधारशिला है। सरकार द्वारा विभिन्न परियोजनाओं और योजनाओं के माध्यम से सड़क नेटवर्क को सुदृढ़ करने के प्रयास किए जा रहे हैं। हालांकि, पर्वतीय क्षेत्र की विशिष्ट चुनौतियों और पर्यावरणीय सरोकारों को ध्यान में रखते हुए सतत और सुरक्षित सड़क परिवहन प्रणाली का विकास आवश्यक है।