उत्तराखंड, जिसे “देवभूमि” के नाम से भी जाना जाता है, अपने विविध प्राकृतिक सौंदर्य, आध्यात्मिक स्थलों, साहसिक गतिविधियों और समृद्ध सांस्कृतिक विरासत के कारण एक प्रमुख पर्यटन गंतव्य है। यहाँ ऊँचे-ऊँचे पहाड़, घने जंगल, पवित्र नदियाँ, सुंदर झीलें और शांत घाटियाँ पर्यटकों को आकर्षित करती हैं।
उत्तराखंड के प्रमुख पर्यटन स्थल
- उत्तराखंड में पर्यटन राज्य की अर्थव्यवस्था का एक महत्वपूर्ण आधार है।
- राज्य को धार्मिक पर्यटन, साहसिक पर्यटन, प्रकृति पर्यटन, स्वास्थ्य पर्यटन (योग और आयुर्वेद) और सांस्कृतिक पर्यटन के लिए जाना जाता है।
- चार धाम यात्रा (यमुनोत्री, गंगोत्री, केदारनाथ, बद्रीनाथ) विश्व प्रसिद्ध है।
- राज्य सरकार ने पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए 2001 और 2015 को पर्यटन वर्ष घोषित किया था। नई पर्यटन नीति 28 सितंबर 2018 को मंजूरी दी गई।
- 13 डिस्ट्रिक्ट 13 डेस्टिनेशन योजना के तहत प्रत्येक जिले में एक नए पर्यटन स्थल को विकसित किया जा रहा है।
प्रमुख धार्मिक पर्यटन स्थल
चार धाम
- यमुनोत्री (उत्तरकाशी): यमुना नदी का उद्गम स्थल, यमुनोत्री मंदिर।
- गंगोत्री (उत्तरकाशी): गंगा (भागीरथी) नदी का उद्गम स्थल, गंगोत्री मंदिर।
- केदारनाथ (रुद्रप्रयाग): बारह ज्योतिर्लिंगों में से एक, केदारनाथ मंदिर।
- बद्रीनाथ (चमोली): भगवान विष्णु को समर्पित, बद्रीनाथ मंदिर (चार धामों में से एक)।
पंच केदार
भगवान शिव को समर्पित पाँच प्रमुख मंदिर:
- केदारनाथ (रुद्रप्रयाग)
- मध्यमहेश्वर (रुद्रप्रयाग)
- तुंगनाथ (रुद्रप्रयाग) – विश्व का सबसे ऊँचा शिव मंदिर।
- रुद्रनाथ (चमोली)
- कल्पेश्वर (चमोली)
पंच प्रयाग
अलकनंदा नदी और उसकी सहायक नदियों के पाँच पवित्र संगम स्थल:
- विष्णुप्रयाग (चमोली): अलकनंदा और पश्चिमी धौलीगंगा का संगम।
- नंदप्रयाग (चमोली): अलकनंदा और नंदाकिनी का संगम।
- कर्णप्रयाग (चमोली): अलकनंदा और पिंडर का संगम।
- रुद्रप्रयाग (रुद्रप्रयाग): अलकनंदा और मंदाकिनी का संगम।
- देवप्रयाग (टिहरी): अलकनंदा और भागीरथी का संगम (यहाँ से गंगा कहलाती है)।
अन्य प्रमुख धार्मिक स्थल
- हरिद्वार: हर की पौड़ी, मनसा देवी, चंडी देवी।
- ऋषिकेश: त्रिवेणी घाट, लक्ष्मण झूला, राम झूला, नीलकंठ महादेव।
- जागेश्वर धाम (अल्मोड़ा): प्राचीन मंदिरों का समूह, ज्योतिर्लिंग।
- हेमकुंड साहिब (चमोली): सिखों का पवित्र तीर्थ स्थल।
- रीठा साहिब (चम्पावत): गुरु नानक देव जी से संबंधित।
- पिरान कलियर शरीफ (रुड़की): सूफी संत की दरगाह।
- कटारमल सूर्य मंदिर (अल्मोड़ा): प्रसिद्ध सूर्य मंदिर।
प्रमुख पर्वतीय पर्यटन स्थल (Hill Stations)
नैनीताल
(कुमाऊँ का लोकप्रिय हिल स्टेशन)
- नैनी झील, माल रोड, नैना पीक, स्नो व्यू, टिफिन टॉप।
- निकटवर्ती स्थल: भीमताल, सातताल, नौकुचियाताल, मुक्तेश्वर, रामगढ़।
मसूरी
(“पहाड़ों की रानी”)
- कैम्पटी फॉल, गन हिल (रोपवे), लाल टिब्बा, कंपनी गार्डन, जॉर्ज एवरेस्ट हाउस।
- निकटवर्ती स्थल: धनोल्टी, चकराता, कनाताल।
अल्मोड़ा
(सांस्कृतिक नगरी)
- ब्राइट एंड कॉर्नर, कसार देवी, चितई गोलू देवता मंदिर, डियर पार्क।
- निकटवर्ती स्थल: जागेश्वर, बिनसर वन्यजीव विहार, कौसानी।
रानीखेत
(शांत और सुंदर छावनी शहर)
- चौबटिया गार्डन (सेब के बागान), गोल्फ कोर्स, झूला देवी मंदिर, मनकामेश्वर मंदिर।
कौसानी
(“भारत का स्विट्जरलैंड” – महात्मा गांधी द्वारा कहा गया)
- हिमालय के मनोहारी दृश्यों के लिए प्रसिद्ध, अनासक्ति आश्रम, लक्ष्मी आश्रम।
औली
(प्रसिद्ध स्कीइंग गंतव्य)
- जोशीमठ (चमोली) के पास स्थित, एशिया का सबसे लंबा रोपवे (जोशीमठ से औली)।
- सर्दियों में स्कीइंग और अन्य बर्फ के खेलों के लिए प्रसिद्ध।
अन्य हिल स्टेशन
चकराता, धनोल्टी, लैंसडाउन, चौकोरी, मुनस्यारी, हर्षिल, चोपता (“मिनी स्विट्जरलैंड”)।
साहसिक पर्यटन स्थल (Adventure Tourism Destinations)
- रिवर राफ्टिंग और कैनोइंग: ऋषिकेश (गंगा नदी), काली नदी, टोंस नदी।
- ट्रेकिंग और पर्वतारोहण: फूलों की घाटी, हर की दून, पिंडारी ग्लेशियर, रूपकुंड, नंदा देवी बेस कैंप, पंच केदार ट्रेक।
- स्कीइंग: औली, मुनस्यारी, दयारा बुग्याल।
- पैराग्लाइडिंग और हैंग ग्लाइडिंग: नैनीताल, भीमताल, पिथौरागढ़, मसूरी।
- बंजी जंपिंग और फ्लाइंग फॉक्स: ऋषिकेश।
- रॉक क्लाइम्बिंग और रैपलिंग: विभिन्न पर्वतीय क्षेत्रों में।
वन्यजीव पर्यटन (Wildlife Tourism)
- कॉर्बेट राष्ट्रीय उद्यान: बाघ, हाथी और विविध वन्यजीवों के लिए प्रसिद्ध।
- राजाजी राष्ट्रीय उद्यान: हाथी, बाघ और अन्य वन्यजीव।
- नंदा देवी राष्ट्रीय उद्यान और फूलों की घाटी: यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल, अल्पाइन वनस्पतियाँ और जीव।
- बिनसर वन्यजीव विहार: पक्षी अवलोकन के लिए उत्तम।
- अस्कोट कस्तूरी मृग विहार: कस्तूरी मृग के लिए।
झीलें और जलप्रपात (Lakes and Waterfalls)
- झीलें (ताल): नैनीताल, भीमताल, सातताल, नौकुचियाताल (नैनीताल जिला); देवरिया ताल (रुद्रप्रयाग); डोडीताल, केदारताल (उत्तरकाशी); हेमकुंड, रूपकुंड, संतोपथ (चमोली); सहस्त्रताल, महासरताल (टिहरी)।
- जलप्रपात: कैम्पटी फॉल (मसूरी), सहस्त्रधारा (देहरादून), वसुधारा प्रपात (चमोली), बिर्थी प्रपात (पिथौरागढ़), कॉर्बेट फॉल (नैनीताल)।
निष्कर्ष (Conclusion)
उत्तराखंड पर्यटन की दृष्टि से एक अत्यंत समृद्ध राज्य है। यहाँ के विविध पर्यटन स्थल हर प्रकार के पर्यटकों को आकर्षित करते हैं। राज्य सरकार पर्यटन को बढ़ावा देने और इसे टिकाऊ बनाने के लिए निरंतर प्रयास कर रही है, ताकि स्थानीय अर्थव्यवस्था को मजबूती मिले और राज्य की प्राकृतिक एवं सांस्कृतिक धरोहर संरक्षित रहे।