परिचय: मानव परिसंचरण तंत्र
मानव परिसंचरण तंत्र (Human Circulatory System), जिसे हृदय-वाहिका तंत्र भी कहा जाता है, शरीर में रक्त, पोषक तत्वों, ऑक्सीजन, कार्बन डाइऑक्साइड और हॉर्मोन का परिवहन करता है। यह एक बंद परिसंचरण तंत्र है, जिसका अर्थ है कि रक्त हमेशा रक्त वाहिकाओं के अंदर बहता है। इसके तीन मुख्य घटक हैं: हृदय, रक्त, और रक्त वाहिकाएं।
रक्त (Blood)
रक्त एक तरल संयोजी ऊतक है। एक वयस्क मनुष्य में औसतन 5-6 लीटर रक्त होता है। इसके दो मुख्य भाग होते हैं:
1. प्लाज्मा (Plasma)
यह रक्त का तरल, पीले रंग का भाग है (लगभग 55%)। इसमें 90% जल होता है और बाकी प्रोटीन, लवण, हॉर्मोन आदि होते हैं।
2. रक्त कणिकाएं (Blood Corpuscles)
ये रक्त का ठोस भाग हैं (लगभग 45%)।
- लाल रक्त कोशिकाएं (RBCs / Erythrocytes): इनमें हीमोग्लोबिन होता है जो ऑक्सीजन का परिवहन करता है। इनका जीवन काल लगभग 120 दिन होता है।
- श्वेत रक्त कोशिकाएं (WBCs / Leucocytes): ये शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली का हिस्सा हैं और हमें रोगों से बचाती हैं। इन्हें ‘शरीर का सैनिक’ भी कहते हैं।
- प्लेटलेट्स (Platelets / Thrombocytes): ये रक्त का थक्का जमाने में मदद करती हैं, जिससे चोट लगने पर रक्तस्राव रुक जाता है।
हृदय (The Heart)
हृदय एक पेशीय अंग है जो एक पंप की तरह काम करता है और पूरे शरीर में रक्त को पंप करता है। यह पेरिकार्डियम नामक एक झिल्ली से घिरा होता है।
हृदय की संरचना
- मानव हृदय में चार कक्ष (chambers) होते हैं: दो ऊपरी कक्ष जिन्हें आलिंद (Atria) कहते हैं, और दो निचले कक्ष जिन्हें निलय (Ventricles) कहते हैं।
- दायां और बायां भाग एक सेप्टम द्वारा अलग होते हैं ताकि ऑक्सीजन युक्त और ऑक्सीजन रहित रक्त आपस में न मिलें।
- वाल्व (Valves) रक्त के प्रवाह को एक ही दिशा में सुनिश्चित करते हैं।
रक्त परिसंचरण (Blood Circulation)
मानव में दोहरा परिसंचरण (Double Circulation) होता है:
- फुफ्फुसीय परिसंचरण (Pulmonary Circulation): हृदय से ऑक्सीजन रहित रक्त फेफड़ों में जाता है और वहां से ऑक्सीजन युक्त होकर वापस हृदय में आता है।
- दैहिक परिसंचरण (Systemic Circulation): हृदय से ऑक्सीजन युक्त रक्त पूरे शरीर में जाता है और वहां से ऑक्सीजन रहित होकर वापस हृदय में आता है।
रक्त वाहिकाएं (Blood Vessels)
- धमनियां (Arteries): ये मोटी दीवारों वाली वाहिकाएं हैं जो ऑक्सीजन युक्त रक्त को हृदय से शरीर के विभिन्न भागों तक ले जाती हैं। (अपवाद: फुफ्फुसीय धमनी)।
- शिराएं (Veins): ये पतली दीवारों वाली वाहिकाएं हैं जो ऑक्सीजन रहित रक्त को शरीर के विभिन्न भागों से वापस हृदय तक लाती हैं। (अपवाद: फुफ्फुसीय शिरा)।
- केशिकाएं (Capillaries): ये अत्यंत पतली वाहिकाएं हैं जो धमनियों और शिराओं को जोड़ती हैं। यहीं पर रक्त और ऊतकों के बीच पदार्थों का आदान-प्रदान होता है।
परीक्षा हेतु महत्वपूर्ण तथ्य (GK for Exams)
- रक्त का अध्ययन: हीमैटोलॉजी (Hematology)।
- सर्वदाता रक्त समूह (Universal Donor): O नेगेटिव।
- सर्वग्राही रक्त समूह (Universal Recipient): AB पॉजिटिव।
- एक सामान्य वयस्क का हृदय एक मिनट में 72 बार धड़कता है।
- सामान्य रक्त दाब 120/80 mm Hg होता है। (120 सिस्टोलिक / 80 डायस्टोलिक)।
- रक्त दाब को स्फिग्मोमैनोमीटर (Sphygmomanometer) से मापा जाता है।
- RBCs का कब्रिस्तान प्लीहा (Spleen) को कहा जाता है।
- रक्त का थक्का जमने में विटामिन K और प्लेटलेट्स मदद करते हैं।