परिचय: जंतुओं में पोषण
पौधों के विपरीत, जंतु अपना भोजन स्वयं नहीं बना सकते। वे भोजन के लिए प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से पौधों पर निर्भर रहते हैं। इस प्रकार के पोषण को विषमपोषी पोषण (Heterotrophic Nutrition) कहा जाता है। जंतु भोजन ग्रहण करते हैं और उसे अपने शरीर के अंदर पचाते हैं।
विषमपोषी पोषण के प्रकार
जंतुओं में भोजन ग्रहण करने की विधि के आधार पर विषमपोषी पोषण को मुख्य रूप से तीन प्रकारों में बांटा गया है:
1. प्राणिसमभोजी पोषण (Holozoic Nutrition)
इस विधि में जीव ठोस और जटिल कार्बनिक पदार्थों को भोजन के रूप में ग्रहण करते हैं। इस प्रक्रिया में 5 चरण शामिल हैं: अंतर्ग्रहण, पाचन, अवशोषण, स्वांगीकरण, और बहिःक्षेपण। अधिकांश जंतु इसी विधि से पोषण प्राप्त करते हैं।
- उदाहरण: अमीबा, मेंढक, मनुष्य, गाय, शेर।
2. मृतोपजीवी पोषण (Saprozoic/Saprophytic Nutrition)
इस विधि में जीव मृत और सड़े-गले कार्बनिक पदार्थों से अपना भोजन प्राप्त करते हैं। वे पाचक रसों को मृत पदार्थों पर स्रावित करते हैं और उससे प्राप्त पोषक तत्वों को अवशोषित कर लेते हैं। यह जंतुओं में बहुत कम पाया जाता है।
- उदाहरण: कुछ प्रोटोजोआ। (यह विधि मुख्य रूप से कवक और जीवाणुओं में पाई जाती है)।
3. परजीवी पोषण (Parasitic Nutrition)
इस विधि में एक जीव (परजीवी) दूसरे जीवित जीव (पोषी/Host) के शरीर के अंदर या बाहर रहकर उससे अपना भोजन प्राप्त करता है। यह पोषी को नुकसान पहुँचाता है।
- बाह्य परजीवी (Ectoparasite): ये पोषी के शरीर की बाहरी सतह पर रहते हैं। उदाहरण: जोंक, जूँ, खटमल।
- अंतः परजीवी (Endoparasite): ये पोषी के शरीर के अंदर रहते हैं। उदाहरण: फीताकृमि (Tapeworm), गोलकृमि (Roundworm)।
भोजन की प्रकृति के आधार पर जंतुओं का वर्गीकरण
प्राणिसमभोजी जंतुओं को उनके भोजन की आदतों के आधार पर वर्गीकृत किया जाता है:
| प्रकार | विवरण | उदाहरण |
|---|---|---|
| शाकाहारी (Herbivores) | ये जंतु केवल पौधे या उनके उत्पाद खाते हैं। | गाय, बकरी, हिरण, खरगोश, हाथी |
| मांसाहारी (Carnivores) | ये जंतु दूसरे जंतुओं का मांस खाते हैं। | शेर, बाघ, तेंदुआ, साँप |
| सर्वाहारी (Omnivores) | ये जंतु पौधे और मांस दोनों खाते हैं। | मनुष्य, भालू, कौआ, कुत्ता |
अमीबा में पोषण
अमीबा एक एककोशिकीय जीव है जिसमें प्राणिसमभोजी पोषण होता है। यह अपने कूटपादों (Pseudopodia) की मदद से भोजन को पकड़ता है और एक खाद्य रिक्तिका (Food Vacuole) बनाता है। भोजन का पाचन खाद्य रिक्तिका के अंदर होता है और पचा हुआ भोजन कोशिकाद्रव्य में अवशोषित हो जाता है।
परीक्षा हेतु महत्वपूर्ण तथ्य
- मनुष्य में प्राणिसमभोजी (Holozoic) प्रकार का पोषण होता है।
- परजीवी पोषण में परजीवी को लाभ होता है जबकि पोषी (Host) को हानि होती है।
- रुधिर चूसने वाले जंतुओं को सैंगुइवोरस (Sanguivorous) कहते हैं, जैसे मच्छर और जोंक।
- शाकाहारी जंतुओं की छोटी आंत मांसाहारी जंतुओं की तुलना में अधिक लंबी होती है, क्योंकि सेल्यूलोज को पचाने में अधिक समय लगता है।