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नाभिकीय रिएक्टर (Nuclear Reactor)

परिचय: नाभिकीय रिएक्टर (Nuclear Reactor)

नाभिकीय रिएक्टर, जिसे परमाणु भट्टी भी कहा जाता है, एक ऐसी युक्ति है जिसमें नाभिकीय विखंडन की श्रृंखला अभिक्रिया को नियंत्रित तरीके से शुरू किया जाता है और बनाए रखा जाता है। इसका मुख्य उद्देश्य इस प्रक्रिया में उत्पन्न होने वाली भारी मात्रा में ऊष्मा ऊर्जा का उपयोग करना है, जिसे आमतौर पर विद्युत ऊर्जा में परिवर्तित किया जाता है।

सिद्धांत (Principle)

नाभिकीय रिएक्टर नियंत्रित नाभिकीय विखंडन श्रृंखला अभिक्रिया (Controlled Nuclear Fission Chain Reaction) के सिद्धांत पर कार्य करता है। जब एक धीमा न्यूट्रॉन यूरेनियम-235 जैसे भारी नाभिक से टकराता है, तो नाभिक दो छोटे नाभिकों में टूट जाता है, साथ में 2-3 नए न्यूट्रॉन और भारी मात्रा में ऊर्जा निकलती है। इन नए न्यूट्रॉनों को नियंत्रित करके एक सतत और स्थिर दर पर ऊर्जा उत्पादन किया जाता है।

नाभिकीय रिएक्टर के मुख्य भाग

1. ईंधन (Fuel)

यह विखंडनीय पदार्थ होता है, आमतौर पर यूरेनियम-235 (U-235) या प्लूटोनियम-239 (Pu-239)। इसे छड़ों के रूप में रिएक्टर कोर में रखा जाता है।

2. मंदक (Moderator)

विखंडन से उत्पन्न न्यूट्रॉन बहुत तेज गति वाले होते हैं। मंदक का कार्य इन तेज न्यूट्रॉनों की गति को धीमा करना है ताकि वे आगे विखंडन कर सकें। भारी जल (D₂O) और ग्रेफाइट सामान्य मंदक हैं।

3. नियंत्रक छड़ें (Control Rods)

ये न्यूट्रॉन को अवशोषित करने वाले पदार्थों से बनी होती हैं, जैसे कैडमियम या बोरॉन। इन छड़ों को रिएक्टर कोर में अंदर या बाहर खिसकाकर श्रृंखला अभिक्रिया की दर को नियंत्रित किया जाता है।

4. शीतलक (Coolant)

इसका कार्य रिएक्टर कोर में उत्पन्न अत्यधिक ऊष्मा को अवशोषित करना और उसे हीट एक्सचेंजर तक ले जाना है, जहाँ पानी को भाप में बदला जाता है। साधारण जल, भारी जल, या द्रवित सोडियम का उपयोग शीतलक के रूप में किया जाता है।

5. परिरक्षक (Shielding)

रिएक्टर से निकलने वाले हानिकारक विकिरण (जैसे गामा किरणें और न्यूट्रॉन) से बचाने के लिए कोर के चारों ओर कंक्रीट और सीसे की मोटी दीवारें बनाई जाती हैं।

नाभिकीय रिएक्टर के प्रकार

दाबित जल रिएक्टर (Pressurized Water Reactor – PWR)

यह दुनिया में सबसे आम प्रकार का रिएक्टर है।

  • शीतलक और मंदक: इसमें साधारण जल का उपयोग शीतलक और मंदक दोनों के रूप में किया जाता है।
  • कार्यप्रणाली: रिएक्टर कोर में पानी को बहुत उच्च दाब पर रखा जाता है (लगभग 155 गुना वायुमंडलीय दाब) ताकि वह उच्च तापमान पर भी उबल न सके। यह गर्म पानी एक हीट एक्सचेंजर (स्टीम जनरेटर) में जाता है, जहाँ यह एक अलग (द्वितीयक) जल परिपथ के पानी को उबालकर भाप बनाता है। यह भाप फिर टरबाइन को घुमाकर बिजली उत्पन्न करती है।
  • गुण: इसमें दो जल परिपथ होते हैं, जिससे टरबाइन चलाने वाली भाप रेडियोधर्मी नहीं होती।

क्वथन जल रिएक्टर (Boiling Water Reactor – BWR)

यह दूसरा सबसे आम प्रकार का रिएक्टर है।

  • शीतलक और मंदक: इसमें भी साधारण जल का उपयोग होता है।
  • कार्यप्रणाली: PWR के विपरीत, BWR में पानी को रिएक्टर कोर के अंदर ही उबलने दिया जाता है। उत्पन्न भाप सीधे टरबाइन को चलाने के लिए भेजी जाती है। इसमें कोई द्वितीयक परिपथ नहीं होता।
  • गुण: इसकी डिजाइन PWR से सरल होती है, लेकिन टरबाइन तक पहुँचने वाली भाप रेडियोधर्मी हो सकती है।

तीव्र प्रजनक रिएक्टर (Fast Breeder Reactor – FBR)

यह एक उन्नत प्रकार का रिएक्टर है जो ऊर्जा उत्पादन के साथ-साथ ईंधन भी बनाता है।

  • ईंधन: इसमें ईंधन के रूप में प्लूटोनियम-239 और यूरेनियम-238 का मिश्रण उपयोग होता है।
  • कार्यप्रणाली: यह तेज (बिना मंदक वाले) न्यूट्रॉनों का उपयोग करता है। विखंडन से उत्पन्न तेज न्यूट्रॉन, यूरेनियम-238 (जो अविखंडनीय है) को प्लूटोनियम-239 (जो विखंडनीय है) में बदल देते हैं। इस प्रकार, यह रिएक्टर जितना ईंधन खर्च करता है, उससे अधिक ईंधन (प्लूटोनियम) उत्पन्न करता है।
  • शीतलक: इसमें मंदक का उपयोग नहीं होता है, और शीतलक के रूप में आमतौर पर द्रवित सोडियम का उपयोग किया जाता है।

संख्यात्मक उदाहरण

उदाहरण 1

प्रश्न: एक नाभिकीय रिएक्टर 200 MW की शक्ति उत्पन्न करता है। यदि प्रत्येक U-235 नाभिक के विखंडन से 180 MeV ऊर्जा मुक्त होती है, तो प्रति सेकंड कितने विखंडन हो रहे हैं?

हल:
उत्पन्न शक्ति (P) = 200 MW = 200 × 10⁶ J/s
प्रति विखंडन ऊर्जा (E) = 180 MeV = 180 × 1.6 × 10⁻¹³ J = 2.88 × 10⁻¹¹ J

प्रति सेकंड विखंडन की संख्या (n) = कुल शक्ति / प्रति विखंडन ऊर्जा
n = P / E
n = (200 × 10⁶) / (2.88 × 10⁻¹¹)
n ≈ 6.94 × 10¹⁹ विखंडन प्रति सेकंड

उदाहरण 2

प्रश्न: यदि एक परमाणु ऊर्जा संयंत्र में 1 ग्राम यूरेनियम-235 का पूर्ण विखंडन होता है, तो कितनी ऊर्जा (जूल में) मुक्त होगी? (मान लें कि प्रति विखंडन 200 MeV ऊर्जा मुक्त होती है)।

हल:
U-235 के 235 ग्राम (1 मोल) में परमाणुओं की संख्या = 6.022 × 10²³
1 ग्राम U-235 में परमाणुओं की संख्या (N) = (6.022 × 10²³) / 235 ≈ 2.56 × 10²¹ परमाणु

कुल मुक्त ऊर्जा = N × (प्रति विखंडन ऊर्जा)
= (2.56 × 10²¹) × (200 MeV)
= 5.12 × 10²³ MeV
ऊर्जा जूल में = (5.12 × 10²³) × (1.6 × 10⁻¹³ J)
≈ 8.2 × 10¹⁰ J

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