परिचय: उत्कृष्ट गैसें (Noble Gases)
उत्कृष्ट गैसें, जिन्हें अक्रिय गैसें (Inert Gases) भी कहा जाता है, आवर्त सारणी के समूह 18 के तत्वों का एक समूह हैं। इस समूह में हीलियम (He), नियॉन (Ne), आर्गन (Ar), क्रिप्टन (Kr), क्सीनन (Xe), और रेडॉन (Rn) शामिल हैं। ये सभी सामान्य परिस्थितियों में रंगहीन, गंधहीन, स्वादहीन और गैर-ज्वलनशील गैसें हैं।
रासायनिक अक्रियता का कारण
उत्कृष्ट गैसें अपनी रासायनिक अक्रियता के लिए जानी जाती हैं। इसका मुख्य कारण उनका स्थिर इलेक्ट्रॉनिक विन्यास है।
- हीलियम (He) को छोड़कर, सभी उत्कृष्ट गैसों के बाह्यतम कोश का इलेक्ट्रॉनिक विन्यास ns²np⁶ होता है, जिसका अर्थ है कि उनका अष्टक पूर्ण होता है।
- हीलियम का विन्यास 1s² है, जो अपने कोश के लिए एक पूर्ण और स्थिर अवस्था है।
- इस स्थिर विन्यास के कारण, वे आसानी से न तो इलेक्ट्रॉन ग्रहण करते हैं और न ही त्यागते हैं, जिससे वे रासायनिक रूप से लगभग निष्क्रिय हो जाते हैं।
हालांकि, 1962 में नील बार्टलेट ने क्सीनन के कुछ यौगिक (जैसे XePtF₆) बनाकर यह सिद्ध कर दिया कि ये पूरी तरह से अक्रिय नहीं हैं।
उत्कृष्ट गैसों के उपयोग
- हीलियम (He): गुब्बारों और मौसम के गुब्बारों में भरने के लिए (क्योंकि यह हवा से हल्की और अज्वलनशील है), गहरे समुद्र में गोताखोरों द्वारा सांस लेने के लिए ऑक्सीजन के साथ मिश्रण में।
- नियॉन (Ne): विज्ञापन साइनबोर्ड और नियॉन लैंप में, जो चमकीला लाल-नारंगी प्रकाश देते हैं।
- आर्गन (Ar): बिजली के बल्बों में भरने के लिए (फिलामेंट के जीवन को बढ़ाने के लिए) और वेल्डिंग में एक अक्रिय वातावरण प्रदान करने के लिए।
- क्रिप्टन (Kr) और क्सीनन (Xe): उच्च तीव्रता वाले लैंप, फ्लैशलाइट और लेजर में उपयोग किया जाता है।
- रेडॉन (Rn): यह एक रेडियोधर्मी गैस है और इसका उपयोग कैंसर के उपचार (रेडियोथेरेपी) में किया जाता है।