अर्थव्यवस्था को प्रायः आर्थिक गतिविधियों के आधार पर विभिन्न क्षेत्रों (Sectors) में विभाजित किया जाता है। इससे आर्थिक संरचना और कार्यप्रणाली को समझने में सुविधा होती है। आम तौर पर अर्थव्यवस्था को प्राथमिक, द्वितीयक, तृतीयक, चतुर्थ और पंचम क्षेत्रों में बाँटा जाता है।
प्राथमिक (Primary Sector)
- परिभाषा: यह वह क्षेत्र है जो प्राकृतिक संसाधनों से सीधे प्राप्त होने वाले उत्पादों पर आधारित होता है।
- उदाहरण: कृषि (Agriculture), खनन (Mining), मछलीपालन (Fishing), वन उत्पाद (Forestry), पशुपालन (Animal Husbandry)।
- विशेषता: प्राथमिक क्षेत्र प्रायः कच्चे माल (raw materials) का उत्पादन करता है, जो आगे के चरणों में प्रसंस्कृत (processed) होकर उपयोगी वस्तुओं में परिवर्तित होते हैं।
द्वितीयक (Secondary Sector)
- परिभाषा: यह वह क्षेत्र है जो कच्चे माल का प्रसंस्करण (processing) करता है और उन्हें तैयार माल (finished goods) में बदलता है।
- उदाहरण: उद्योग (Industries) जैसे इस्पात (Steel), सीमेंट (Cement), वस्त्र (Textiles), ऑटोमोबाइल (Automobiles), इलेक्ट्रॉनिक्स (Electronics) इत्यादि।
- विशेषता: द्वितीयक क्षेत्र मूल्य संवर्धन (value addition) करता है, कच्चे माल को अंतिम उपभोक्ताओं के लिए उपयोगी उत्पादों में बदलता है।
तृतीयक (Tertiary Sector)
- परिभाषा: यह वह क्षेत्र है जो सेवाएँ (Services) प्रदान करता है, न कि प्रत्यक्ष रूप से कोई भौतिक उत्पाद।
- उदाहरण: बैंकिंग (Banking), बीमा (Insurance), शिक्षा (Education), पर्यटन (Tourism), स्वास्थ्य सेवाएँ (Healthcare), ट्रांसपोर्ट (Transport), कंसल्टेंसी (Consultancy), सूचना प्रौद्योगिकी (IT Services) इत्यादि।
- विशेषता: तृतीयक क्षेत्र अर्थव्यवस्था में उत्पाद और उपभोक्ताओं को जोड़ने का कार्य करता है, जिससे वितरण और उपभोग को सुविधाजनक बनाया जाता है।
चतुर्थ (Quaternary Sector – Research and Development)
- परिभाषा: यह उच्च स्तरीय ज्ञान आधारित सेवाओं (knowledge-based services) पर केंद्रित क्षेत्र है, जो शोध और विकास (R&D), ज्ञान सृजन (Knowledge Creation) तथा सूचना प्रसंस्करण (Information Processing) पर आधारित होता है।
- उदाहरण: शोध संस्थान (Research Institutes), उन्नत सूचना प्रौद्योगिकी सेवाएँ (Advanced IT Services), विशेष विश्लेषणात्मक कार्य (Data Analysis, Data Science), इनोवेशन सेंटर (Innovation Centres)।
- विशेषता: चतुर्थ क्षेत्र नई तकनीक, नए उत्पाद और नई सेवाओं के विकास के लिए आधार तैयार करता है, जो कि अर्थव्यवस्था की दीर्घकालिक उत्पादकता (long-term productivity) और प्रतिस्पर्धात्मकता (competitiveness) बढ़ाने में सहायक होता है।
पंचम (Quinary Sector – Influential Positions)
- परिभाषा: यह वह क्षेत्र है जिसमें अत्यंत उच्च स्तर के निर्णय-निर्माण (Decision Making) और नीति-निर्धारण (Policy Making) शामिल होता है। इस क्षेत्र में ऐसे पद शामिल हैं जिनका अर्थव्यवस्था, समाज और संगठनात्मक संरचनाओं पर गहरा प्रभाव होता है।
- उदाहरण: उच्च प्रबंधकीय पद (Top Management Positions) जैसे मुख्य कार्यकारी अधिकारी (CEO), प्रबंध निदेशक (MD), केंद्रीय बैंक के गवर्नर (RBI Governor), सरकारी नीति-निर्माता (Policy Makers), न्यायपालिका के शीर्ष पद (Top Judiciary Positions) इत्यादि।
- विशेषता: पंचम क्षेत्र में निर्णय ऐसे किए जाते हैं जो अर्थव्यवस्था की दिशा, सामाजिक संरचना, संगठनात्मक रणनीति और नवाचार को प्रभावित करते हैं। इस क्षेत्र के लोगों के निर्णयों से बड़े पैमाने पर आर्थिक नीतियाँ और संगठनात्मक ढाँचे निर्धारित होते हैं।
इस प्रकार इन पाँच क्षेत्रों के माध्यम से अर्थव्यवस्था की विभिन्न गतिविधियों और श्रम विभाजन (Division of Labour) को बेहतर ढंग से समझा जाता है। वहीं, समाज और अर्थव्यवस्था के विकास के साथ, तृतीयक से आगे चतुर्थ और पंचम क्षेत्रों का महत्त्व तेजी से बढ़ा है, क्योंकि ज्ञान, नवाचार, निर्णय-निर्माण और नीतिगत हस्तक्षेप समग्र विकास की दिशा निर्धारित करते हैं।