परिचय: आवोगाद्रो का नियम
आवोगाद्रो का नियम (Avogadro’s Law), जिसे 1811 में अमेडियो आवोगाद्रो द्वारा प्रस्तावित किया गया, एक गैस नियम है जो गैस के आयतन और उसमें मौजूद कणों (अणुओं या परमाणुओं) की संख्या के बीच संबंध स्थापित करता है। यह आदर्श गैस समीकरण का एक महत्वपूर्ण घटक है।
नियम का कथन और सूत्र
कथन: “समान ताप और दाब की परिस्थितियों में, सभी गैसों के समान आयतन में अणुओं की संख्या समान होती है।”
इसका अर्थ है कि यदि तापमान और दाब स्थिर रखे जाएं, तो किसी गैस का आयतन (V) उसमें मौजूद गैस के मोलों की संख्या (n) के समानुपाती (directly proportional) होता है।
गणितीय सूत्र
V ∝ n
या, V/n = k (जहाँ k एक नियतांक है)
दो अलग-अलग स्थितियों के लिए, इसे इस प्रकार लिखा जा सकता है:
V₁/n₁ = V₂/n₂
आवोगाद्रो के नियम के अनुप्रयोग
- आदर्श गैस समीकरण: यह नियम बॉयल के नियम और चार्ल्स के नियम के साथ मिलकर आदर्श गैस समीकरण (PV = nRT) का आधार बनता है।
- मोलर आयतन: इस नियम से यह निष्कर्ष निकलता है कि मानक ताप और दाब (STP) पर किसी भी आदर्श गैस के एक मोल का आयतन 22.4 लीटर होता है।
- गैसीय अभिक्रियाओं में रससमीकरणमिति (Stoichiometry): यह गैसीय अभिक्रियाओं में अभिकारकों और उत्पादों के आयतन के बीच संबंध स्थापित करने में मदद करता है।