बर्नौली का प्रमेय (Bernoulli’s Theorem)
1. बर्नौली का प्रमेय क्या है? (What is Bernoulli’s Theorem?)
बर्नौली का प्रमेय (Bernoulli’s Theorem) द्रव गतिकी का एक महत्वपूर्ण सिद्धांत है, जो बताता है कि किसी आदर्श द्रव के प्रवाह के दौरान ऊर्जा का कुल मान स्थिर रहता है। इसे सामान्यतः दाब ऊर्जा, स्थितिज ऊर्जा, और गतिज ऊर्जा के योग के रूप में व्यक्त किया जाता है।
2. बर्नौली का प्रमेय का सूत्र (Formula of Bernoulli’s Theorem)
बर्नौली के प्रमेय का गणितीय व्याख्यान इस प्रकार है:
P + ½ρv² + ρgh = स्थिर (Constant)
जहाँ:
- P = दाब ऊर्जा (Pressure Energy)
- ρ = द्रव का घनत्व (Density of the Fluid)
- v = द्रव का वेग (Velocity of the Fluid)
- g = गुरुत्व त्वरण (Acceleration due to Gravity)
- h = ऊँचाई (Height)
3. बर्नौली के प्रमेय के अनुप्रयोग (Applications of Bernoulli’s Theorem)
- विमानों के पंख: विमान के पंखों का डिज़ाइन बर्नौली के प्रमेय पर आधारित होता है। पंख के ऊपर और नीचे की वायु गति में अंतर के कारण उत्पन्न दाब भिन्नता विमान को ऊपर उठाने में सहायक होती है।
- स्प्रेयर और पेंट स्प्रे: बर्नौली का प्रमेय स्प्रे उपकरणों में लागू होता है, जहाँ दाब में कमी के कारण तरल पदार्थ वायु के साथ मिश्रित होकर बाहर निकलता है।
- पाइपलाइनों में: विभिन्न ऊँचाइयों पर स्थित पाइपलाइनों में पानी के प्रवाह का अध्ययन करने के लिए बर्नौली के प्रमेय का उपयोग किया जाता है।
4. बर्नौली का प्रमेय का महत्व (Importance of Bernoulli’s Theorem)
बर्नौली का प्रमेय विभिन्न इंजीनियरिंग और वैज्ञानिक अनुप्रयोगों में द्रव प्रवाह के विश्लेषण के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। यह नियम यह समझने में सहायक होता है कि द्रव प्रवाह के दौरान ऊर्जा कैसे परिवर्तित होती है और दाब, वेग, तथा ऊँचाई के विभिन्न प्रभाव क्या हैं।
5. उदाहरण (Example)
मान लें कि किसी पाइप के एक बिंदु पर दाब 2000 Pa, घनत्व 1000 kg/m³, वेग 3 m/s, और ऊँचाई 10 m है। बर्नौली के प्रमेय के अनुसार, इस बिंदु की कुल ऊर्जा की गणना करें:
बर्नौली के प्रमेय का उपयोग करके, कुल ऊर्जा को निम्नलिखित तीन प्रकार की ऊर्जा के योग के रूप में लिखा जा सकता है:
P + ½ρv² + ρgh
दाब ऊर्जा (Pressure Energy):
P = 2000 Pa
गतिज ऊर्जा (Kinetic Energy):
½ρv² = ½ × 1000 × (3)² = 4500 Pa
स्थितिज ऊर्जा (Potential Energy):
ρgh = 1000 × 9.8 × 10 = 98000 Pa
अब, इन सभी ऊर्जा घटकों का योग करें:
कुल ऊर्जा = 2000 + 4500 + 98000 = 104500 Pa
अतः, कुल ऊर्जा 104500 Pa होगी।