परिचय: बरनौली की प्रमेय (Bernoulli’s Theorem)
बरनौली की प्रमेय, जिसका नाम स्विस गणितज्ञ डेनियल बरनौली के नाम पर रखा गया है, तरल गतिकी का एक मौलिक सिद्धांत है। यह प्रमेय मूल रूप से ऊर्जा संरक्षण के नियम का ही एक रूप है, जो एक धारारेखी प्रवाह (streamline flow) में गतिमान तरल पर लागू होता है।
प्रमेय का कथन और सूत्र
कथन: “जब कोई असंपीड्य (incompressible) और अश्यान (non-viscous) तरल एक स्थान से दूसरे स्थान तक धारारेखी प्रवाह में बहता है, तो उसके मार्ग के प्रत्येक बिंदु पर, प्रति इकाई आयतन की कुल ऊर्जा (दाब ऊर्जा, गतिज ऊर्जा और स्थितिज ऊर्जा का योग) नियत रहती है।”
सूत्र
P + ½ρv² + ρgh = नियतांक (Constant)
जहाँ:
- P = तरल का दाब (दाब ऊर्जा प्रति इकाई आयतन)
- ρ (rho) = तरल का घनत्व
- v = तरल का वेग (½ρv² = गतिज ऊर्जा प्रति इकाई आयतन)
- g = गुरुत्वीय त्वरण
- h = निर्देश तल से ऊँचाई (ρgh = स्थितिज ऊर्जा प्रति इकाई आयतन)
बरनौली की प्रमेय के अनुप्रयोग (Applications)
इस प्रमेय के कई व्यावहारिक अनुप्रयोग हैं:
- वायुयान का पंख (Aerofoil): पंख के ऊपर की सतह पर वायु का वेग अधिक होता है, जिससे दाब कम हो जाता है। नीचे वेग कम होने से दाब अधिक रहता है। यह दाबांतर पंख को ऊपर की ओर एक उत्थापक बल (lift) प्रदान करता है।
- वेंचुरीमीटर (Venturi Meter): यह उपकरण किसी पाइप में तरल के प्रवाह की दर को मापने के लिए उपयोग किया जाता है।
- स्प्रेयर या कणित्र (Atomizer): जब हवा को तेज गति से फूंका जाता है, तो दाब कम हो जाता है, जिससे द्रव ऊपर चढ़कर स्प्रे के रूप में बाहर निकलता है।
- तेज आंधी में छतों का उड़ जाना: आंधी में छत के ऊपर हवा का वेग बहुत अधिक होता है, जिससे दाब कम हो जाता है। छत के नीचे दाब अधिक होने के कारण छत ऊपर की ओर उड़ जाती है।
संख्यात्मक उदाहरण
उदाहरण
प्रश्न: एक क्षैतिज पाइप में पानी बह रहा है। एक बिंदु पर जहाँ दाब P₁ = 2 × 10⁵ Pa है, वहाँ वेग v₁ = 1 m/s है। दूसरे बिंदु पर जहाँ वेग v₂ = 3 m/s है, वहाँ दाब P₂ क्या होगा? (पानी का घनत्व ρ = 1000 kg/m³)
हल:
चूंकि पाइप क्षैतिज है, तो h₁ = h₂. इसलिए स्थितिज ऊर्जा पद (ρgh) रद्द हो जाएगा।
बरनौली की प्रमेय से:
P₁ + ½ρv₁² = P₂ + ½ρv₂²
मान रखने पर:
(2 × 10⁵) + ½(1000)(1)² = P₂ + ½(1000)(3)²
200000 + 500 = P₂ + 500 × 9
200500 = P₂ + 4500
P₂ = 200500 – 4500
P₂ = 196000 Pa या 1.96 × 10⁵ Pa
Verdicular theorem ka full practical experiment