परिचय: भौतिक राशियों की विमाएँ
किसी भौतिक राशि की विमाएँ (Dimensions) वे घातें होती हैं जिन्हें उस राशि के मात्रक को व्यक्त करने के लिए मूल मात्रकों पर लगाया जाता है। किसी राशि की विमाओं को [M], [L], [T], [A] आदि प्रतीकों से दर्शाया जाता है।
- विमीय सूत्र (Dimensional Formula): वह व्यंजक जो यह दर्शाता है कि किसी भौतिक राशि में कौन-कौन से मूल मात्रक किस घात के साथ शामिल हैं। उदाहरण: बल का विमीय सूत्र [MLT⁻²] है।
- विमीय समीकरण (Dimensional Equation): जब किसी भौतिक राशि को उसके विमीय सूत्र के बराबर लिखा जाता है। उदाहरण: [F] = [MLT⁻²]।
व्युत्पन्न राशियों के विमीय सूत्र की व्युत्पत्ति
1. वेग (Velocity)
वेग = विस्थापन / समय
विमीय सूत्र = [L] / [T] = [M⁰LT⁻¹]
2. त्वरण (Acceleration)
त्वरण = वेग में परिवर्तन / समय
विमीय सूत्र = [LT⁻¹] / [T] = [M⁰LT⁻²]
3. बल (Force)
बल = द्रव्यमान × त्वरण
विमीय सूत्र = [M] × [LT⁻²] = [MLT⁻²]
4. कार्य या ऊर्जा (Work or Energy)
कार्य = बल × विस्थापन
विमीय सूत्र = [MLT⁻²] × [L] = [ML²T⁻²]
5. दाब (Pressure)
दाब = बल / क्षेत्रफल
विमीय सूत्र = [MLT⁻²] / [L²] = [ML⁻¹T⁻²]
महत्वपूर्ण भौतिक राशियों के विमीय सूत्र
| भौतिक राशि (Physical Quantity) | विमीय सूत्र (Dimensional Formula) |
|---|---|
| क्षेत्रफल (Area) | [M⁰L²T⁰] |
| आयतन (Volume) | [M⁰L³T⁰] |
| घनत्व (Density) | [ML⁻³T⁰] |
| वेग/चाल (Velocity/Speed) | [M⁰LT⁻¹] |
| त्वरण (Acceleration) | [M⁰LT⁻²] |
| संवेग (Momentum) | [MLT⁻¹] |
| बल (Force) | [MLT⁻²] |
| आवेग (Impulse) | [MLT⁻¹] |
| कार्य/ऊर्जा (Work/Energy) | [ML²T⁻²] |
| शक्ति (Power) | [ML²T⁻³] |
| दाब (Pressure) | [ML⁻¹T⁻²] |
| आवृत्ति (Frequency) | [M⁰L⁰T⁻¹] |
| कोणीय वेग (Angular Velocity) | [M⁰L⁰T⁻¹] |
| बल आघूर्ण (Torque) | [ML²T⁻²] |
| प्रतिबल (Stress) | [ML⁻¹T⁻²] |
| विकृति (Strain) | [M⁰L⁰T⁰] (विमाहीन) |
| प्रत्यास्थता गुणांक (Modulus of Elasticity) | [ML⁻¹T⁻²] |
| पृष्ठ तनाव (Surface Tension) | [MT⁻²] |
| गुरुत्वाकर्षण नियतांक (G) | [M⁻¹L³T⁻²] |
| आवेश (Charge) | [M⁰L⁰TA] |
| विद्युत विभव (Electric Potential) | [ML²T⁻³A⁻¹] |
| प्रतिरोध (Resistance) | [ML²T⁻³A⁻²] |
विमीय समांगता का सिद्धांत (Principle of Homogeneity)
इस सिद्धांत के अनुसार, किसी भी भौतिक समीकरण के प्रत्येक पद की विमाएँ समान होनी चाहिए। केवल समान विमाओं वाली राशियों को ही जोड़ा या घटाया जा सकता है।
विमीय विश्लेषण के अनुप्रयोग
1. समीकरण की सत्यता की जाँच करना
हम समांगता के सिद्धांत का उपयोग करके किसी समीकरण के विमीय रूप से सही होने की जाँच कर सकते हैं। यदि समीकरण के दोनों पक्षों की विमाएँ समान हैं, तो समीकरण सही हो सकता है।
उदाहरण: समीकरण v² = u² + 2as की जाँच
हल:
LHS की विमा: [v²] = ([LT⁻¹])² = [L²T⁻²]
RHS में पहले पद की विमा: [u²] = ([LT⁻¹])² = [L²T⁻²]
RHS में दूसरे पद की विमा: [2as] = [LT⁻²][L] = [L²T⁻²] (2 एक विमाहीन नियतांक है)
चूंकि सभी पदों की विमाएँ [L²T⁻²] समान हैं, अतः समीकरण विमीय रूप से सही है।
2. भौतिक राशियों के बीच संबंध स्थापित करना
यदि हमें यह ज्ञात हो कि कोई भौतिक राशि किन-किन अन्य राशियों पर निर्भर करती है, तो हम उनके बीच संबंध स्थापित कर सकते हैं।
उदाहरण: सरल लोलक का आवर्तकाल (T)
प्रश्न: एक सरल लोलक का आवर्तकाल (T) उसकी लंबाई (l) और गुरुत्वीय त्वरण (g) पर निर्भर करता है। विमीय विधि से T के लिए सूत्र स्थापित कीजिए।
हल:
मान लीजिए T ∝ lᵃ gᵇ या T = k lᵃ gᵇ (जहाँ k विमाहीन नियतांक है)
दोनों पक्षों की विमाएँ लिखने पर:
[T] = [L]ᵃ [LT⁻²]ᵇ = [Lᵃ⁺ᵇ T⁻²ᵇ]
विमाओं की तुलना करने पर:
L के लिए: a + b = 0
T के लिए: -2b = 1 => b = -1/2
a = -b = 1/2
मान रखने पर, T = k l¹/² g⁻¹/² = k √(l/g)
प्रयोगों द्वारा k = 2π, अतः T = 2π√(l/g)