अधात्विक यौगिकों के सूत्र और उपयोग (भाग 1)
- जल (H2O): इसे ‘सार्वभौमिक विलायक’ कहा जाता है और यह जीवन के लिए आवश्यक है।
- कार्बन डाइऑक्साइड (CO2): पौधे इसका उपयोग प्रकाश संश्लेषण में करते हैं; अग्निशामक यंत्रों और सोडा-वाटर में भी उपयोग होता है।
- कार्बन मोनोऑक्साइड (CO): एक विषैली गैस जो हीमोग्लोबिन से जुड़कर ऑक्सीजन परिवहन को बाधित करती है।
- मीथेन (CH4): इसे ‘मार्श गैस’ कहते हैं; यह बायोगैस और CNG का मुख्य घटक है।
- अमोनिया (NH3): हेबर प्रक्रिया से बनती है; मुख्य रूप से उर्वरक बनाने में उपयोग होती है।
- नाइट्रिक एसिड (HNO3): एक प्रबल अम्ल; उर्वरक और विस्फोटक (TNT) बनाने में उपयोग होता है।
- नाइट्रस ऑक्साइड (N2O): इसे ‘हंसाने वाली गैस’ (Laughing Gas) कहते हैं; इसका उपयोग निश्चेतक के रूप में होता है।
- सल्फर डाइऑक्साइड (SO2): अम्लीय वर्षा का मुख्य कारण; चीनी उद्योग में विरंजक के रूप में उपयोग होती है।
- सल्फ्यूरिक एसिड (H2SO4): ‘रसायनों का राजा’ कहलाता है; कार की बैटरी और उर्वरक बनाने में उपयोग होता है।
- हाइड्रोजन सल्फाइड (H2S): इसमें सड़े हुए अंडे जैसी गंध होती है; यह एक विषैली गैस है।
- फॉस्फीन (PH3): इसमें सड़ी मछली जैसी गंध होती है; इसका उपयोग धूम्र पट (smoke screens) बनाने में होता है।
- हाइड्रोक्लोरिक एसिड (HCl): यह हमारे पेट (आमाशय) में भोजन पचाने में मदद करता है।
- भारी जल (D2O): इसका उपयोग परमाणु रिएक्टरों में न्यूट्रॉन मंदक के रूप में किया जाता है।
- हाइड्रोजन पेरोक्साइड (H2O2): इसका उपयोग एंटीसेप्टिक (घाव साफ करने), विरंजक और रॉकेट ईंधन में ऑक्सीकारक के रूप में होता है।
- ओजोन (O3): समताप मंडल में यह पराबैंगनी किरणों से बचाती है; इसका उपयोग जल को कीटाणुरहित करने में भी होता है।
- सिलिका (SiO2): यह रेत और क्वार्ट्ज का मुख्य घटक है; इसका उपयोग कांच और सीमेंट बनाने में होता है।
- शुष्क बर्फ (Dry Ice): यह ठोस कार्बन डाइऑक्साइड (CO2) है; इसका उपयोग शीतलक के रूप में होता है।
- जल गैस (Water Gas): यह कार्बन मोनोऑक्साइड (CO) और हाइड्रोजन (H2) का मिश्रण है; एक महत्वपूर्ण औद्योगिक ईंधन है।
- प्रोड्यूसर गैस (Producer Gas): यह कार्बन मोनोऑक्साइड (CO) और नाइट्रोजन (N2) का मिश्रण है; ईंधन के रूप में उपयोग होती है।
- यूरिया (NH2CONH2): प्रयोगशाला में बनाया गया पहला कार्बनिक यौगिक; एक प्रमुख नाइट्रोजनयुक्त उर्वरक है।
- बेंजीन (C6H6): सबसे सरल एरोमैटिक हाइड्रोकार्बन; कई रसायनों के निर्माण में विलायक और प्रारंभिक पदार्थ के रूप में उपयोग होता है।
- एसिटिलीन (C2H2): इसका उपयोग वेल्डिंग (ऑक्सी-एसिटिलीन ज्वाला) और कच्चे फलों को पकाने में किया जाता है।
- क्लोरोफॉर्म (CHCl3): पहले निश्चेतक के रूप में उपयोग होता था; अब विलायक के रूप में अधिक उपयोग होता है।
- कार्बन टेट्राक्लोराइड (CCl4): इसका उपयोग अग्निशामक (पाइरीन नाम से) और विलायक के रूप में होता है।
- फ्रéon (Freon): यह एक क्लोरोफ्लोरोकार्बन (CFC) है; पहले प्रशीतक के रूप में उपयोग होता था, लेकिन ओजोन परत को नुकसान पहुँचाने के कारण प्रतिबंधित है।
- हाइड्रोजन साइनाइड (HCN): एक अत्यंत विषैला द्रव जिसकी गंध कड़वे बादाम जैसी होती है।
- फॉस्जीन (COCl2): एक अत्यंत विषैली गैस जो क्लोरोफॉर्म के ऑक्सीकरण से बनती है।
- ब्लीचिंग पाउडर (CaOCl2): इसका उपयोग विरंजक और कीटाणुनाशक के रूप में किया जाता है।
- बोरिक एसिड (H3BO3): इसका उपयोग हल्के एंटीसेप्टिक (जैसे आई वॉश) के रूप में किया जाता है।
- हाइड्रोजन फ्लोराइड (HF): इसका उपयोग कांच पर नक़्क़ाशी करने (etching) के लिए किया जाता है।
- सिलिकॉन कार्बाइड (SiC): इसे कार्बोरंडम कहते हैं; यह एक बहुत कठोर पदार्थ है जिसका उपयोग अपघर्षक के रूप में होता है।
- नाइट्रोजन डाइऑक्साइड (NO2): यह भूरे रंग की, तीव्र गंध वाली गैस है जो वायु प्रदूषण और अम्लीय वर्षा में योगदान करती है।
- फास्फोरस पेंटोक्साइड (P2O5): यह एक शक्तिशाली निर्जलीकारक (dehydrating agent) है।
- हाइड्राज़ीन (N2H4): इसका उपयोग रॉकेट ईंधन के रूप में किया जाता है।
- इथेनॉल (C2H5OH): इसे ‘अनाज अल्कोहल’ कहते हैं; यह मादक पेयों का मुख्य घटक और एक अच्छा विलायक है।
- मेथेनॉल (CH3OH): इसे ‘वुड अल्कोहल’ कहते हैं; यह विषैला होता है और इसका उपयोग विलायक और ईंधन के रूप में होता है।
- फॉर्मेल्डिहाइड (HCHO): इसका 40% जलीय विलयन ‘फॉर्मेलिन’ कहलाता है, जिसका उपयोग जैविक नमूनों को संरक्षित करने में होता है।
- एसिटिक एसिड (CH3COOH): यह सिरके का मुख्य घटक है।
- फॉर्मिक एसिड (HCOOH): यह लाल चींटियों और मधुमक्खियों के डंक में पाया जाता है।
- बेंजोइक एसिड (C6H5COOH): इसका उपयोग खाद्य परिरक्षक के रूप में किया जाता है।
- ग्लूकोज (C6H12O6): इसे ‘रक्त शर्करा’ (blood sugar) भी कहते हैं; यह शरीर के लिए ऊर्जा का मुख्य स्रोत है।
- सुक्रोज (C12H22O11): यह सामान्य टेबल शुगर (गन्ने की चीनी) है।
- फ्रुक्टोज (C6H12O6): इसे ‘फल शर्करा’ (fruit sugar) कहते हैं; यह सबसे मीठी प्राकृतिक शर्करा है।
- लैक्टिक एसिड: यह दूध के खट्टे होने पर बनता है और दही में पाया जाता है।
- साइट्रिक एसिड: यह नींबू, संतरे जैसे खट्टे फलों में पाया जाता है।
- एस्पिरिन: इसका रासायनिक नाम एसिटाइलसैलिसिलिक एसिड है; यह एक दर्द निवारक और ज्वरनाशक है।
- टीएनटी (TNT): ट्राईनाइट्रोटोलुइन, एक शक्तिशाली विस्फोटक है।
- पिक्रिक एसिड: ट्राईनाइट्रोफिनोल, यह भी एक विस्फोटक है।
- यूरिक एसिड: यह पक्षियों और सरीसृपों का मुख्य उत्सर्जी पदार्थ है।
अभ्यास प्रश्न (MCQs)
1. ‘रसायनों का राजा’ किसे कहा जाता है?
2. जैविक नमूनों को संरक्षित करने के लिए उपयोग किए जाने वाले ‘फॉर्मेलिन’ में क्या होता है?
3. बायोगैस का मुख्य घटक कौन सी गैस है?
4. ‘हंसाने वाली गैस’ का रासायनिक सूत्र क्या है?
5. कच्चे फलों को कृत्रिम रूप से पकाने के लिए किस गैस का उपयोग किया जाता है?
6. लाल चींटियों के डंक में कौन सा अम्ल पाया जाता है?
7. ‘जल गैस’ (Water Gas) किन दो गैसों का मिश्रण है?
8. परमाणु रिएक्टर में मंदक के रूप में किसका उपयोग किया जाता है?