समावयवता (Isomerism)
समावयवता क्या है?
समावयवता (Isomerism) वह घटना है जिसमें दो या अधिक यौगिकों का आणविक सूत्र समान होता है, लेकिन उनके रासायनिक संरचना या भौतिक-रासायनिक गुण अलग होते हैं।
समावयवता के प्रकार
प्रकार | परिभाषा | उदाहरण |
---|---|---|
संरचनात्मक समावयवता (Structural Isomerism) | विभिन्न संरचनात्मक व्यवस्था के कारण समावयवता। | C4H10 (n-ब्यूटेन और आइसो-ब्यूटेन) |
स्थानिक समावयवता (Stereo Isomerism) | अणु के कणों की भिन्न स्थानिक व्यवस्था के कारण समावयवता। | Cis और Trans रूप |
संरचनात्मक समावयवता के प्रकार
- शृंखला समावयवता (Chain Isomerism): अणु में कार्बन श्रृंखला की भिन्नता।
उदाहरण: n-ब्यूटेन और आइसो-ब्यूटेन। - स्थिति समावयवता (Position Isomerism): अणु में कार्यात्मक समूह की स्थिति का परिवर्तन।
उदाहरण: n-प्रोपेनॉल और आइसो-प्रोपेनॉल। - कार्यात्मक समूह समावयवता (Functional Group Isomerism): भिन्न कार्यात्मक समूह।
उदाहरण: एथेनॉल (C₂H₆O) और डाइमिथाइल ईथर (C₂H₆O)। - मेटामरिज्म (Metamerism): कार्यात्मक समूहों के आस-पास विभिन्न श्रृंखलाएँ।
उदाहरण: एथिल मिथाइल ईथर और डायथिल ईथर। - टॉटोमेरिज्म (Tautomerism): अणु की रासायनिक संरचना में बदलाव।
उदाहरण: कीटो और इनोल रूप।
स्थानिक समावयवता के प्रकार
- ज्यामितीय समावयवता (Geometrical Isomerism): डबल बंध के कारण Cis और Trans रूप।
उदाहरण: Cis-2-ब्यूटीन और Trans-2-ब्यूटीन। - प्रकाशीय समावयवता (Optical Isomerism): सममितता के कारण समान संरचना, लेकिन प्रकाश को घुमाने की दिशा अलग।
उदाहरण: D-ग्लूकोज और L-ग्लूकोज।
उपयोग
- औषधि: समावयवता का उपयोग नई दवाइयाँ विकसित करने में।
- कृषि: कीटनाशकों और उर्वरकों के निर्माण में।
- रसायन उद्योग: प्लास्टिक, फाइबर और अन्य यौगिकों के उत्पादन में।
- खाद्य प्रसंस्करण: सुगंध और स्वाद बढ़ाने के लिए।
विशेष तथ्य
- टॉटोमेरिज्म रासायनिक अभिक्रियाओं में महत्वपूर्ण है।
- प्रकाशीय समावयवता का उपयोग दवाओं में उनकी प्रभावशीलता बढ़ाने में किया जाता है।
- ज्यामितीय समावयवता में Cis रूप अधिक स्थिर होता है।