परिचय: गैसों का अणुगति सिद्धांत
गैसों का अणुगति सिद्धांत (Kinetic Theory of Gases) गैसों के स्थूल गुणों (जैसे दाब, ताप) को उनके अणुओं की गति के आधार पर समझाता है। यह सिद्धांत मानता है कि गैसें बड़ी संख्या में छोटे-छोटे कणों (अणुओं) से बनी होती हैं जो लगातार और यादृच्छिक गति में रहते हैं।
अणुगति सिद्धांत की अभिधारणाएं (Postulates)
- प्रत्येक गैस बड़ी संख्या में समान अणुओं से बनी होती है।
- अणुओं का आकार उनके बीच की दूरी की तुलना में नगण्य होता है।
- अणु सभी संभव दिशाओं में लगातार यादृच्छिक गति करते रहते हैं।
- अणुओं के बीच और बर्तन की दीवारों के साथ टक्करें पूर्णतः प्रत्यास्थ होती हैं।
- अणुओं के बीच कोई आकर्षण या प्रतिकर्षण बल नहीं होता है।
- अणुओं की औसत गतिज ऊर्जा गैस के परम ताप (Kelvin) के समानुपाती होती है।
आदर्श गैस का दाब
अणुगति सिद्धांत के अनुसार, गैस का दाब बर्तन की दीवारों पर अणुओं की टक्करों के कारण होता है।
दाब का सूत्र
P = (1/3)ρvᵣₘₛ²
जहाँ:
- P = गैस का दाब
- ρ (rho) = गैस का घनत्व
- vᵣₘₛ = अणुओं का वर्ग माध्य मूल वेग (Root Mean Square Velocity)
वर्ग माध्य मूल वेग (RMS Velocity)
यह गैस के अणुओं की औसत गति का एक माप है।
vᵣₘₛ का सूत्र
दाब के सूत्र P = (1/3)ρvᵣₘₛ² और आदर्श गैस समीकरण PV = nRT का उपयोग करके, हम vᵣₘₛ के लिए निम्नलिखित सूत्र प्राप्त कर सकते हैं:
vᵣₘₛ = √(3RT/M) = √(3P/ρ)
जहाँ M गैस का मोलर द्रव्यमान है। यह दर्शाता है कि vᵣₘₛ, ताप के वर्गमूल के समानुपाती होता है।
संख्यात्मक उदाहरण
उदाहरण
प्रश्न: 27°C पर ऑक्सीजन (O₂) गैस के अणुओं का वर्ग माध्य मूल वेग (vᵣₘₛ) ज्ञात कीजिए। (O₂ का मोलर द्रव्यमान M = 32 g/mol, R = 8.31 J/mol·K)
हल:
दिया है:
T = 27°C = 27 + 273 = 300 K
M = 32 g/mol = 0.032 kg/mol
R = 8.31 J/mol·K
सूत्र: vᵣₘₛ = √(3RT/M)
vᵣₘₛ = √[(3 × 8.31 × 300) / 0.032]
vᵣₘₛ = √[7479 / 0.032]
vᵣₘₛ = √[233718.75]
vᵣₘₛ ≈ 483.4 m/s