गुप्त ऊष्मा (Latent Heat)
1. गुप्त ऊष्मा क्या है? (What is Latent Heat?)
गुप्त ऊष्मा (Latent Heat) वह ऊष्मा है जो किसी पदार्थ के अवस्था परिवर्तन (जैसे ठोस से द्रव या द्रव से गैस) के दौरान उसे प्रदान की जाती है या उससे ली जाती है, बिना तापमान में किसी परिवर्तन के। यह ऊष्मा आंतरिक ऊर्जा में वृद्धि करती है जिससे अणुओं के बीच के बंधनों को तोड़ने में मदद मिलती है।
2. गुप्त ऊष्मा का सूत्र (Formula for Latent Heat)
गुप्त ऊष्मा (L) का सूत्र इस प्रकार है:
Q = m × L
जहाँ:
- Q = ऊष्मा की मात्रा (Amount of Heat)
- m = द्रव्यमान (Mass of the Substance)
- L = गुप्त ऊष्मा (Latent Heat)
3. गुप्त ऊष्मा के प्रकार (Types of Latent Heat)
- गलन की गुप्त ऊष्मा (Latent Heat of Fusion): वह ऊष्मा जो किसी ठोस को बिना तापमान बढ़ाए पिघलाकर द्रव में परिवर्तित करती है।
- वाष्पन की गुप्त ऊष्मा (Latent Heat of Vaporization): वह ऊष्मा जो किसी द्रव को बिना तापमान बढ़ाए वाष्प में परिवर्तित करती है।
4. गुप्त ऊष्मा के अनुप्रयोग (Applications of Latent Heat)
- रेफ्रिजरेशन: गुप्त ऊष्मा का उपयोग रेफ्रिजरेशन सिस्टम में किया जाता है, जहाँ वाष्पन के दौरान ऊष्मा अवशोषित होती है और तापमान में गिरावट होती है।
- कुकिंग: खाद्य पदार्थों के पकने में गुप्त ऊष्मा का उपयोग होता है, जैसे पानी का उबलना और भाप बनना।
- थर्मल स्टोरेज सिस्टम: ऊष्मा संग्रहण उपकरणों में गुप्त ऊष्मा का उपयोग होता है ताकि तापमान को नियंत्रित किया जा सके।
5. उदाहरण (Example)
मान लें कि 500 ग्राम बर्फ को पिघलाने के लिए कितनी ऊष्मा की आवश्यकता होगी, यदि बर्फ की गलन की गुप्त ऊष्मा 334 J/g है।
Q = m × L
जहाँ:
- m = 500 g
- L = 334 J/g
अतः, Q = 500 × 334 = 167000 J
इसलिए, 500 ग्राम बर्फ को पिघलाने के लिए 167000 जूल ऊष्मा की आवश्यकता होगी।