परिचय: जड़त्व आघूर्ण की प्रमेय
जड़त्व आघूर्ण की गणना को सरल बनाने के लिए दो महत्वपूर्ण प्रमेय हैं: समांतर अक्षों की प्रमेय और लंबवत अक्षों की प्रमेय। ये प्रमेय हमें किसी पिंड का जड़त्व आघूर्ण एक अक्ष के परितः ज्ञात होने पर, किसी अन्य अक्ष के परितः जड़त्व आघूर्ण ज्ञात करने में मदद करती हैं।
समांतर अक्षों की प्रमेय (Theorem of Parallel Axes)
यह प्रमेय किसी भी प्रकार के पिंड (2D या 3D) के लिए लागू होती है।
कथन: किसी भी अक्ष के परितः एक पिंड का जड़त्व आघूर्ण (I), उसके द्रव्यमान केंद्र से गुजरने वाली समांतर अक्ष के परितः जड़त्व आघूर्ण (Iₙ) और पिंड के द्रव्यमान (M) तथा दोनों अक्षों के बीच की लंबवत दूरी (d) के वर्ग के गुणनफल के योग के बराबर होता है।
सूत्र
I = Iₙ + Md²
लंबवत अक्षों की प्रमेय (Theorem of Perpendicular Axes)
यह प्रमेय केवल समतल पटल (Planar Bodies or 2D objects) जैसे कि डिस्क, रिंग या पतली प्लेट के लिए ही लागू होती है।
कथन: किसी समतल पटल का, उसके तल के लंबवत अक्ष (z-अक्ष) के परितः जड़त्व आघूर्ण (I₂), उसी तल में स्थित दो परस्पर लंबवत अक्षों (x-अक्ष और y-अक्ष) के परितः जड़त्व आघूर्णों (Iₓ और Iᵧ) के योग के बराबर होता है। तीनों अक्ष एक ही बिंदु पर प्रतिच्छेद करने चाहिए।
सूत्र
I₂ = Iₓ + Iᵧ
संख्यात्मक उदाहरण
उदाहरण 1: समांतर अक्ष प्रमेय का अनुप्रयोग
प्रश्न: M द्रव्यमान और L लंबाई की एक पतली छड़ का, उसके केंद्र से गुजरने वाली और लंबाई के लंबवत अक्ष के परितः जड़त्व आघूर्ण ML²/12 है। छड़ के एक सिरे से गुजरने वाली अक्ष के परितः इसका जड़त्व आघूर्ण ज्ञात कीजिए।
हल:
दिया है: Iₙ = ML²/12
द्रव्यमान केंद्र और सिरे के बीच की दूरी, d = L/2
समांतर अक्ष प्रमेय से: I = Iₙ + Md²
I = (ML²/12) + M(L/2)²
I = ML²/12 + ML²/4
I = (ML² + 3ML²) / 12 = 4ML² / 12
I = ML²/3
उदाहरण 2: लंबवत अक्ष प्रमेय का अनुप्रयोग
प्रश्न: M द्रव्यमान और R त्रिज्या की एक डिस्क का, उसके केंद्र से गुजरने वाली और तल के लंबवत अक्ष के परितः जड़त्व आघूर्ण MR²/2 है। इसके किसी भी व्यास के परितः जड़त्व आघूर्ण ज्ञात कीजिए।
हल:
दिया है: I₂ = MR²/2
मान लीजिए डिस्क के तल में दो परस्पर लंबवत व्यास x-अक्ष और y-अक्ष हैं।
समरूपता के कारण, किसी भी व्यास के परितः जड़त्व आघूर्ण समान होगा। अतः, Iₓ = Iᵧ = I_व्यास
लंबवत अक्ष प्रमेय से: I₂ = Iₓ + Iᵧ
MR²/2 = I_व्यास + I_व्यास = 2 * I_व्यास
I_व्यास = (MR²/2) / 2
I_व्यास = MR²/4