बहुलीकरण का परिचय (Introduction to Polymerization)
बहुलीकरण (Polymerization) वह प्रक्रिया है जिसमें बड़ी संख्या में छोटे अणु, जिन्हें एकलक (Monomers) कहा जाता है, आपस में जुड़कर एक बहुत बड़ा अणु बनाते हैं। इस बड़े अणु को बहुलक (Polymer) कहते हैं। बहुलक हमारे दैनिक जीवन का एक अभिन्न अंग हैं, प्लास्टिक, रबर, और रेशे सभी बहुलक के उदाहरण हैं।
बहुलीकरण के प्रकार
अभिक्रिया की क्रियाविधि के आधार पर बहुलीकरण को मुख्य रूप से दो प्रकारों में बांटा गया है:
1. योगात्मक बहुलीकरण (Addition Polymerization)
इस प्रक्रिया में, एकलक अणु (जिनमें आमतौर पर द्वि-बंध या त्रि-बंध होते हैं) सीधे एक-दूसरे से जुड़ते जाते हैं और एक लंबी श्रृंखला बनाते हैं। इसमें किसी भी छोटे अणु का विलोपन नहीं होता है। इसे श्रृंखला-वृद्धि बहुलीकरण (chain-growth polymerization) भी कहते हैं।
- क्रियाविधि: यह सामान्यतः एक मुक्त मूलक (free radical) क्रियाविधि द्वारा होती है।
- उदाहरण:
- पॉलीथीन: एथीन (CH2=CH2) के अणुओं के जुड़ने से बनता है।
- पॉलीविनाइल क्लोराइड (PVC): विनाइल क्लोराइड (CH2=CHCl) के जुड़ने से बनता है।
- टेफ्लॉन (Teflon): टेट्राफ्लुओरोएथीन (CF2=CF2) के जुड़ने से बनता है।
2. संघनन बहुलीकरण (Condensation Polymerization)
इस प्रक्रिया में, दो या दो से अधिक अलग-अलग क्रियात्मक समूहों वाले एकलक अणु आपस में अभिक्रिया करते हैं। प्रत्येक जुड़ाव के साथ, जल (H2O), अमोनिया (NH3), या अल्कोहल (ROH) जैसे छोटे अणुओं का विलोपन होता है। इसे पद-वृद्धि बहुलीकरण (step-growth polymerization) भी कहते हैं।
- उदाहरण:
- नायलॉन-6,6: यह हेक्सामेथिलीन डाइअमीन और एडिपिक एसिड के संघनन से बनता है। इसमें जल का अणु निकलता है।
- बैकेलाइट (Bakelite): यह फिनोल और फॉर्मेल्डिहाइड के संघनन से बनता है।
- टेरिलीन (डेक्रॉन): यह एथिलीन ग्लाइकॉल और टेरेफ्थैलिक एसिड के संघनन से बनता है।
कुछ महत्वपूर्ण बहुलक और उनके उपयोग
- पॉलीथीन: थैलियाँ, खिलौने, बोतलें बनाने में।
- PVC: पाइप, फर्श की टाइलें, बिजली के तार का कवर बनाने में।
- पॉलिस्टाइरीन: थर्मोकोल, कप, और पैकिंग सामग्री बनाने में।
- टेफ्लॉन: नॉन-स्टिक बर्तनों पर परत चढ़ाने में।
- नायलॉन: कपड़े, रस्सी, ब्रश और टायर कॉर्ड बनाने में।
- बैकेलाइट: बिजली के स्विच, कंघे, और बर्तनों के हैंडल बनाने में।
- प्राकृतिक रबर: इसका एकलक आइसोप्रीन है। इसका वल्कनीकरण करके टायर, ट्यूब आदि बनाए जाते हैं।