परिचय: सरल आवर्त गति (Simple Harmonic Motion – SHM)
सरल आवर्त गति एक विशेष प्रकार की आवर्ती (periodic) गति है जिसमें कोई कण अपनी माध्य स्थिति (mean position) के इधर-उधर एक सीधी रेखा में गति करता है। इस गति में, कण पर लगने वाला प्रत्यानयन बल (restoring force) हमेशा माध्य स्थिति से उसके विस्थापन के समानुपाती होता है और बल की दिशा हमेशा माध्य स्थिति की ओर होती है।
- उदाहरण: एक सरल लोलक की गति (छोटे आयाम के लिए), एक स्प्रिंग से लटके द्रव्यमान का दोलन।
SHM के लिए आवश्यक शर्तें
किसी भी गति को सरल आवर्त गति होने के लिए दो मुख्य शर्तें हैं:
- कण पर लगने वाला प्रत्यानयन बल उसके विस्थापन (x) के समानुपाती होना चाहिए। (F ∝ x)
- प्रत्यानयन बल की दिशा हमेशा माध्य स्थिति की ओर, अर्थात् विस्थापन के विपरीत होनी चाहिए। (F ∝ -x)
मूल समीकरण
F = -kx
जहाँ k एक धनात्मक नियतांक है जिसे बल नियतांक कहते हैं।
SHM से संबंधित महत्वपूर्ण पद
- विस्थापन (Displacement, x): किसी क्षण पर माध्य स्थिति से कण की दूरी।
- आयाम (Amplitude, A): माध्य स्थिति से अधिकतम विस्थापन।
- आवर्त काल (Time Period, T): एक पूरा दोलन करने में लगा समय।
- आवृत्ति (Frequency, f): एक सेकंड में किए गए दोलनों की संख्या। (f = 1/T)
- कोणीय आवृत्ति (Angular Frequency, ω): ω = 2πf = 2π/T
सरल लोलक (Simple Pendulum)
एक सरल लोलक SHM का एक उत्कृष्ट उदाहरण है। इसका आवर्त काल इसकी प्रभावी लंबाई और गुरुत्वीय त्वरण पर निर्भर करता है।
आवर्त काल का सूत्र
T = 2π√(L/g)
जहाँ L लोलक की प्रभावी लंबाई और g गुरुत्वीय त्वरण है। यह सूत्र दर्शाता है कि आवर्त काल लोलक के द्रव्यमान पर निर्भर नहीं करता है।
संख्यात्मक उदाहरण
उदाहरण
प्रश्न: एक सरल लोलक की लंबाई 1 मीटर है। इसका आवर्त काल क्या होगा? (g = 9.8 m/s² मानें)
हल:
दिया है:
L = 1 m
g = 9.8 m/s²
सूत्र: T = 2π√(L/g)
T = 2 × 3.14 × √(1 / 9.8)
T = 6.28 × √(0.102)
T = 6.28 × 0.319
T ≈ 2.00 सेकंड