पृष्ठीय ऊर्जा और पृष्ठीय तनाव (Surface Energy and Surface Tension)
1. पृष्ठीय ऊर्जा क्या है? (What is Surface Energy?)
पृष्ठीय ऊर्जा (Surface Energy) वह ऊर्जा है जो किसी द्रव की सतह पर अणुओं को पकड़ने के लिए आवश्यक होती है। पृष्ठीय ऊर्जा का कारण यह है कि सतह पर स्थित अणुओं के साथ पड़ोसी अणुओं का आकर्षण बल कम होता है, जिससे सतह के अणु उच्च ऊर्जा की स्थिति में होते हैं।
2. पृष्ठीय तनाव क्या है? (What is Surface Tension?)
पृष्ठीय तनाव (Surface Tension) वह गुण है जो द्रव की सतह को संकुचित करने का कार्य करता है, जिससे द्रव की सतह पर एक अदृश्य झिल्ली बन जाती है। इसे निम्नलिखित सूत्र द्वारा व्यक्त किया जा सकता है:
T = F / l
जहाँ:
- T = पृष्ठीय तनाव (Surface Tension)
- F = बल (Force) जो सतह पर लगाया जाता है
- l = लंबाई (Length) जिस पर बल लगाया जाता है
3. पृष्ठीय तनाव पर तापमान का प्रभाव (Effect of Temperature on Surface Tension)
तापमान बढ़ने से पृष्ठीय तनाव घटता है, क्योंकि तापमान बढ़ने से अणुओं की गतिशीलता बढ़ जाती है और वे एक-दूसरे के साथ कम आकर्षण करते हैं।
4. पृष्ठीय ऊर्जा और पृष्ठीय तनाव के अनुप्रयोग (Applications of Surface Energy and Surface Tension)
- जल की बूंदों का गोलाकार आकार: पृष्ठीय तनाव के कारण जल की बूंदें गोलाकार होती हैं, जिससे उनकी सतह न्यूनतम होती है।
- कैपिलरी क्रिया: पौधों में जल का ऊर्ध्वाधर संचलन पृष्ठीय तनाव के कारण होता है, जिसे केशिका क्रिया (Capillary Action) कहते हैं।
- सफाई में डिटर्जेंट का उपयोग: डिटर्जेंट पृष्ठीय तनाव को कम करके सतह पर जमा गंदगी को हटाने में सहायक होता है।
5. उदाहरण (Example)
मान लें कि 0.2 N का बल एक 0.05 m लंबाई पर लगाया गया है। पृष्ठीय तनाव (T) होगा:
T = F / l = 0.2 / 0.05 = 4 N/m
अतः, पृष्ठीय तनाव 4 N/m होगा।