ज्वालामुखीय स्थलरूप (Volcanic Landforms)
काल्डेरा (Calderas)
काल्डेरा एक बड़ा गोलाकार गड्ढा है जो ज्वालामुखीय विस्फोट या लावा चेंबर के खाली होने के कारण बनता है।
- गठन की प्रक्रिया: बड़े विस्फोट के बाद, ज्वालामुखी का शीर्ष ढह जाता है, जिससे काल्डेरा बनता है।
- उदाहरण: क्रेटर लेक (ओरेगन, अमेरिका), यलोस्टोन काल्डेरा।
लावा पठार (Lava Plateaus)
लावा पठार तब बनते हैं जब तरल लावा बड़े क्षेत्र में फैलता है और ठंडा होकर ठोस चट्टान बनाता है।
- गठन की प्रक्रिया: बार-बार होने वाले अशांत विस्फोटों से लावा की परतें जमा होती हैं, जिससे एक ऊंचा क्षेत्र बनता है।
- उदाहरण: डेक्कन ट्रैप्स (भारत), कोलंबिया रिवर लावा पठार (अमेरिका)।
बेसाल्ट स्तंभ (Basalt Columns)
बेसाल्ट स्तंभ नियमित बहुभुज आकार की चट्टान संरचनाएं हैं, जो लावा के धीरे-धीरे ठंडा होने से बनती हैं।
- गठन की प्रक्रिया: जब लावा ठंडा होता है, तो यह संकुचित होकर बहुभुज दरारें बनाता है, जिससे स्तंभ जैसी संरचना उभरती है।
- उदाहरण: जायंट्स कॉज़वे (आयरलैंड), देवदार के स्तंभ (यूएसए)।
परीक्षापयोगी तथ्य
- यलोस्टोन काल्डेरा को “सुपर ज्वालामुखी” के रूप में जाना जाता है।
- डेक्कन ट्रैप्स भारत के सबसे बड़े लावा पठारों में से एक है और इसका निर्माण 65 मिलियन वर्ष पहले हुआ था।
- बेसाल्ट स्तंभों की संरचना छह भुजाओं वाली होती है और यह मुख्यतः बेसाल्ट से बनी होती है।
- काल्डेरा का आकार आमतौर पर 1-50 किमी व्यास का होता है।
- लावा पठारों का निर्माण मुख्यतः अपसरण सीमा पर होता है।