परिचय: कार्य-ऊर्जा प्रमेय
कार्य-ऊर्जा प्रमेय (Work-Energy Theorem) भौतिकी का एक महत्वपूर्ण सिद्धांत है जो कार्य और गतिज ऊर्जा के बीच सीधा संबंध स्थापित करता है। यह प्रमेय बताती है कि किसी वस्तु पर किया गया कुल कार्य उसकी गतिज ऊर्जा में हुए परिवर्तन के बराबर होता है।
प्रमेय का कथन (Statement of the Theorem)
इस प्रमेय के अनुसार, “किसी वस्तु पर सभी बलों (संरक्षी और असंरक्षी) द्वारा किया गया कुल कार्य (Net Work Done) उस वस्तु की गतिज ऊर्जा में परिवर्तन (Change in Kinetic Energy) के बराबर होता है।”
सरल सूत्र
W = ΔKE
जहाँ:
- W = वस्तु पर किया गया कुल कार्य (Net Work Done)
- ΔKE = गतिज ऊर्जा में परिवर्तन (Change in Kinetic Energy)
- ΔKE को (अंतिम गतिज ऊर्जा – प्रारंभिक गतिज ऊर्जा) या (½mv² – ½mu²) के रूप में लिखा जा सकता है।
कार्य-ऊर्जा प्रमेय की व्युत्पत्ति (Derivation)
हम इस प्रमेय को एक नियत बल के लिए गति के समीकरणों का उपयोग करके सिद्ध कर सकते हैं।
एक नियत बल के लिए व्युत्पत्ति
मान लीजिए m द्रव्यमान की एक वस्तु पर एक नियत बल F लगाया जाता है, जिससे उसका वेग u से बढ़कर v हो जाता है और वह s दूरी तय करती है।
गति के तीसरे समीकरण से हम जानते हैं:
v² = u² + 2as
समीकरण को पुनर्व्यवस्थित करने पर:
v² – u² = 2as
as = (v² – u²) / 2
अब, वस्तु पर किया गया कुल कार्य:
W = F × s
न्यूटन के दूसरे नियम से, F = ma. यह मान रखने पर:
W = (ma) × s = m(as)
‘as’ का मान ऊपर से रखने पर:
W = m * [(v² – u²) / 2]
W = ½mv² – ½mu²
अतः, W = ΔKE
यही कार्य-ऊर्जा प्रमेय है।
प्रमेय का महत्व और अनुप्रयोग
- यह प्रमेय तब भी लागू होती है जब बल नियत न हो (परिवर्ती बल हो)।
- यह हमें उन समस्याओं को हल करने में मदद करती है जहाँ बल और त्वरण की गणना करना कठिन होता है, लेकिन प्रारंभिक और अंतिम वेग ज्ञात होते हैं।
- यह ऊर्जा संरक्षण के नियम को समझने का आधार है।
संख्यात्मक उदाहरण
उदाहरण
प्रश्न: 1000 kg द्रव्यमान की एक कार 36 km/h की गति से चल रही है। ब्रेक लगाने पर यह 25 मीटर की दूरी तय करके रुक जाती है। ब्रेक द्वारा लगाए गए औसत प्रतिरोधी बल की गणना कीजिए।
हल:
दिया है: m = 1000 kg
प्रारंभिक वेग (u) = 36 km/h = 36 × (5/18) = 10 m/s
अंतिम वेग (v) = 0 m/s (कार रुक जाती है)
दूरी (s) = 25 m
कार्य-ऊर्जा प्रमेय से, W = ΔKE
ब्रेक द्वारा किया गया कार्य (W) = अंतिम KE – प्रारंभिक KE
W = ½mv² – ½mu²
W = ½(1000)(0)² – ½(1000)(10)²
W = 0 – 500 × 100 = -50000 J
हम यह भी जानते हैं कि कार्य W = F × s
-50000 J = F × 25 m
F = -50000 / 25
F = -2000 N
(यहाँ ऋणात्मक चिह्न दर्शाता है कि बल गति के विपरीत दिशा में है)।