समुद्रों से जुड़े पर्यावरणीय मुद्दे (Environmental Issues Related to Seas)
प्रदूषण: प्लास्टिक, तेल रिसाव (Pollution: Plastics, Oil Spills)
समुद्र प्रदूषण आज वैश्विक पर्यावरणीय समस्याओं में से एक है। प्लास्टिक कचरा और तेल रिसाव समुद्री पारिस्थितिकी तंत्र और जैव विविधता पर विनाशकारी प्रभाव डालते हैं।
- प्लास्टिक प्रदूषण:
- हर साल 8 मिलियन टन प्लास्टिक समुद्र में प्रवेश करता है।
- समुद्री जीव, जैसे कछुए और पक्षी, प्लास्टिक के ingestion (अवशोषण) के कारण मरते हैं।
- तेल रिसाव:
- तेल रिसाव समुद्री जल को प्रदूषित करता है और प्रवाल भित्तियों और समुद्री जीवन को नुकसान पहुँचाता है।
- प्रमुख घटनाएँ: दीपवाटर होराइजन (Deepwater Horizon) तेल रिसाव।
समुद्र स्तर में वृद्धि और जलवायु परिवर्तन (Sea Level Rise and Climate Change)
जलवायु परिवर्तन के कारण ग्लेशियरों का पिघलना और महासागरों का तापमान बढ़ना समुद्र स्तर में वृद्धि का मुख्य कारण है। यह तटीय समुदायों और पारिस्थितिकी तंत्रों को प्रभावित करता है।
- समुद्र स्तर में वृद्धि के प्रभाव:
- तटीय क्षेत्रों में बाढ़ और भूमि कटाव।
- जलीय पारिस्थितिकी तंत्र में असंतुलन।
- जलवायु विस्थापन: लाखों लोग अपने घर छोड़ने को मजबूर।
- कारण:
- ग्लेशियर और बर्फ की चादरों का पिघलना।
- महासागरों का तापीय विस्तार (Thermal Expansion)।