भूकंप का परिचय (Introduction to Earthquakes)
भूकंप की परिभाषा और महत्व (Definition and Importance)
भूकंप पृथ्वी की सतह पर कंपन या झटकों को कहते हैं, जो टेक्टोनिक प्लेटों की गति, ज्वालामुखी गतिविधियों, या भूगर्भीय तनाव के अचानक रिलीज से उत्पन्न होते हैं।
- परिभाषा: भूकंप पृथ्वी की सतह पर होने वाले अचानक कंपन हैं, जिनका केंद्र (Epicenter) पृथ्वी की सतह के नीचे स्थित होता है।
- महत्व:
- भूगर्भीय प्रक्रियाओं को समझने में मदद करता है।
- संरचनात्मक निर्माण के लिए उपयुक्त तकनीक विकसित करने में सहायक।
- आपदा प्रबंधन और पूर्वानुमान में उपयोगी।
पृथ्वी की आतंरिक प्रक्रियाओं में भूमिका (Role in Earth’s Internal Processes)
भूकंप पृथ्वी की आतंरिक प्रक्रियाओं का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है:
- प्लेट टेक्टोनिक्स: भूकंप मुख्यतः टेक्टोनिक प्लेटों की गति और टकराव के कारण होते हैं।
- ज्वालामुखीय गतिविधि: ज्वालामुखीय क्षेत्रों में भूकंप मैग्मा की गति का संकेत देते हैं।
- पृथ्वी की संरचना का अध्ययन: भूकंप से उत्पन्न तरंगों (Seismic Waves) के अध्ययन से पृथ्वी की आतंरिक परतों की संरचना को समझा जा सकता है।
- पारिस्थितिक संतुलन: भूकंप भूगर्भीय तनाव को संतुलित करते हैं, जिससे पृथ्वी की संरचना बनी रहती है।
परीक्षापयोगी तथ्य
- भूकंप को मापने के लिए रिक्टर स्केल और मोमेंट मैग्निच्यूड स्केल का उपयोग किया जाता है।
- सर्वाधिक भूकंप रिंग ऑफ फायर क्षेत्र में होते हैं।
- पृथ्वी की सतह से नीचे भूकंप का उत्पत्ति केंद्र हाइपोसेंटर कहलाता है।
- 2015 में नेपाल में आए भूकंप की तीव्रता 7.8 थी।
- भारत में कच्छ, गढ़वाल और सिक्किम उच्च भूकंपीय क्षेत्र हैं।