लोहा (Iron)
⛏️ 1. परिचय (Introduction)
लोहा एक महत्वपूर्ण धातु है जो इस्पात निर्माण में उपयोग होता है। यह औद्योगिक विकास के लिए अत्यंत आवश्यक है और बुनियादी ढांचा निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
🌐 2. प्रमुख खनन क्षेत्र (Major Mining Areas)
- ओडिशा: क्योंझर, सुंदरगढ़, मयूरभंज
- छत्तीसगढ़: दुर्ग, बस्तर
- झारखंड: सिंहभूम, धनबाद
- कर्नाटक: बेल्लारी, चिक्कमगलूर
- गोवा: नॉर्थ गोवा, साउथ गोवा
- महाराष्ट्र: चंद्रपुर, गढ़चिरौली
📊 3. उत्पादन सांख्यिकी (Production Statistics)
- भारत का कुल लौह अयस्क उत्पादन (2019-2020): लगभग 246 मिलियन टन
- विश्व में स्थान: भारत लौह अयस्क उत्पादन में विश्व में चौथे स्थान पर है
- प्रमुख उत्पादक राज्य: ओडिशा (50% से अधिक उत्पादन)
🏭 4. उपयोग (Uses)
- इस्पात निर्माण
- मशीनरी और उपकरण निर्माण
- ऑटोमोबाइल उद्योग
- निर्माण क्षेत्र
- रेलवे और शिपबिल्डिंग
📚 5. परीक्षा हेतु महत्वपूर्ण तथ्य (Important Facts for Exams)
- ओडिशा लौह अयस्क उत्पादन में अग्रणी है
- सिंहभूम (झारखंड) लौह अयस्क का प्रमुख क्षेत्र है
- भारत लौह अयस्क का निर्यात करता है
- किरिबुरु (झारखंड) लौह अयस्क की उच्च गुणवत्ता के लिए प्रसिद्ध है
- लौह अयस्क के मुख्य प्रकार: हेमेटाइट, मैग्नेटाइट
💡 6. अन्य महत्वपूर्ण तथ्य (Other Important Facts)
- हेमेटाइट भारत में पाया जाने वाला प्रमुख लौह अयस्क है
- मैग्नेटाइट उच्च गुणवत्ता का अयस्क है, लेकिन इसकी उपलब्धता कम है
- लौह अयस्क का निर्यात मुख्यतः जापान, दक्षिण कोरिया और चीन को किया जाता है
- इस्पात उद्योग भारत के औद्योगिक विकास का एक प्रमुख आधार है
🌍 7. पर्यावरणीय प्रभाव (Environmental Impact)
- खनन से वनों की कटाई और भूमि क्षरण
- जल प्रदूषण और जल स्रोतों पर प्रभाव
- स्थानीय समुदायों पर सामाजिक प्रभाव
- सरकार द्वारा पर्यावरणीय नियमों का क्रियान्वयन आवश्यक
🏛️ 8. सरकारी पहल (Government Initiatives)
- खनिज (विकास एवं विनियमन) अधिनियम, 1957
- खनन क्षेत्र में विदेशी निवेश को प्रोत्साहन
- पर्यावरणीय नियमों का सख्ती से पालन
- खनिज एक्सप्लोरेशन के लिए राष्ट्रीय खनिज अन्वेषण नीति
🔍 9. निष्कर्ष (Conclusion)
लोहा भारत की औद्योगिक प्रगति में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। उचित खनन प्रथाओं और पर्यावरण संरक्षण के साथ, लौह अयस्क का उपयोग देश के विकास में किया जा सकता है।
लोहा पर प्रश्नोत्तरी
अन्य विकल्प क्यों गलत हैं: – (b) Ir: यह इरिडियम का प्रतीक है।
– (c) I: यह आयोडीन का प्रतीक है।
– (d) In: यह इंडियम का प्रतीक है।
अन्य विकल्प क्यों गलत हैं: – (b) झारखंड: यहाँ लौह अयस्क का उत्पादन अधिक है, परंतु ओडिशा से कम।
– (c) कर्नाटक: कर्नाटक में भी उत्पादन होता है, लेकिन ओडिशा से कम।
– (d) छत्तीसगढ़: यहाँ भी उत्पादन है, लेकिन ओडिशा से कम।
अन्य विकल्प क्यों गलत हैं: – (a) 24: यह क्रोमियम का परमाणु क्रमांक है।
– (c) 28: यह निकेल का परमाणु क्रमांक है।
– (d) 30: यह जस्ता का परमाणु क्रमांक है।
अन्य विकल्प क्यों गलत हैं: – (b) पैकेजिंग: इसमें लोहे का उपयोग सीमित है।
– (c) इलेक्ट्रॉनिक्स: यहाँ भी इसका सीमित उपयोग होता है।
– (d) उड्डयन: यहाँ मुख्य रूप से हल्की धातुएं प्रयुक्त होती हैं।
अन्य विकल्प क्यों गलत हैं: – (b) 1600°C: यह वास्तविक गलनांक से अधिक है।
– (c) 1450°C: यह वास्तविक गलनांक से कम है।
– (d) 1400°C: यह भी कम है।
अन्य विकल्प क्यों गलत हैं: – (a) बाक्साइट: यह एल्यूमिनियम का अयस्क है।
– (c) स्फैलेराइट: यह जस्ता का अयस्क है।
– (d) चैल्कोसाइट: यह तांबे का अयस्क है।
अन्य विकल्प क्यों गलत हैं: – (b) 58.9 u: यह निकेल का परमाणु द्रव्यमान है।
– (c) 63.5 u: यह तांबे का परमाणु द्रव्यमान है।
– (d) 65.4 u: यह जस्ता का परमाणु द्रव्यमान है।
अन्य विकल्प क्यों गलत हैं: – (b) 8.9 g/cm³: यह निकेल का घनत्व है।
– (c) 10.5 g/cm³: यह चांदी का घनत्व है।
– (d) 11.3 g/cm³: यह सीसा का घनत्व है।
अन्य विकल्प क्यों गलत हैं: – (a) जंग: यह केवल परिणाम है, प्रक्रिया नहीं।
– (b) अपघटन: यह एक सामान्य शब्द है।
– (d) हाइड्रेशन: यह पानी के साथ प्रतिक्रिया होती है।