जूट (Jute)
🌿 1. परिचय (Introduction)
जूट एक महत्वपूर्ण नकदी फसल है और इसे “सुनहरा रेशा” कहा जाता है। यह प्राकृतिक रेशा है जिसका उपयोग बोरे, रस्सी, कालीन आदि बनाने में होता है।
🌦️ 2. जलवायु आवश्यकताएँ (Climatic Requirements)
- तापमान: 24°C से 35°C के बीच
- वर्षा: 150 सेमी से 250 सेमी
- मिट्टी: जलोढ़ मिट्टी, विशेषकर डेल्टा क्षेत्रों में
📍 3. प्रमुख उत्पादक राज्य (Major Producing States)
- पश्चिम बंगाल
- बिहार
- असम
- ओडिशा
- मेघालय
🌱 4. फसल मौसम (Crop Season)
- बोआई: मार्च-अप्रैल
- कटाई: जुलाई-अगस्त
🔬 5. उन्नत किस्में (High Yielding Varieties)
- जया
- तोषा
- एस.जे.के.वी.-1
- जे.आर.ओ. 8432
- ए.पी.जे.एस. 1
🚜 6. कृषि प्रथाएँ (Agricultural Practices)
- सीधी बुआई
- उर्वरकों का उपयोग
- निराई और गुड़ाई
- कटाई और रेटिंग (Retting)
- रेशे का निष्कर्षण
📊 7. उत्पादन और उपज (Production and Yield)
- भारत का कुल जूट उत्पादन: लगभग 1.8 मिलियन टन
- पश्चिम बंगाल सबसे बड़ा उत्पादक राज्य है
- भारत विश्व में जूट उत्पादन में दूसरे स्थान पर है
📚 8. परीक्षा हेतु महत्वपूर्ण तथ्य (Important Facts for Exams)
- जूट को “सुनहरा रेशा” कहा जाता है
- पश्चिम बंगाल जूट का सबसे बड़ा उत्पादक है
- भारत जूट उत्पादन में विश्व में दूसरे स्थान पर है
- जूट का उपयोग बोरे, रस्सी, कालीन आदि बनाने में होता है
- जूट की खेती गंगा-ब्रह्मपुत्र डेल्टा में होती है
🌐 9. अन्य महत्वपूर्ण तथ्य (Other Important Facts)
- जूट उद्योग पूर्वी भारत में रोजगार का मुख्य स्रोत है
- जूट एक पर्यावरण-अनुकूल फसल है
- जूट के प्रतिस्थापन के रूप में सिंथेटिक फाइबर का उपयोग बढ़ा है