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हिंदी साहित्य के प्रमुख कवि और लेखक

1. तुलसीदास (1532-1623)

  • जन्म स्थान: राजापुर, उत्तर प्रदेश।
  • प्रमुख रचनाएँ:
    • रामचरितमानस
    • विनय पत्रिका
    • कवितावली
    • गीतावली
    • कृष्ण गीतावली
    • दोहावली
    • हनुमान चालीसा
    • रामलला नहछू
    • जानकी मंगल
    • पार्वती मंगल
  • महत्वपूर्ण तथ्य:
    • तुलसीदास ने संस्कृत में भी अध्ययन किया था, लेकिन उन्होंने अपनी रचनाएँ अवधी और ब्रज भाषा में लिखीं ताकि आम जनता तक पहुँच सके।
    • उन्हें “गोस्वामी तुलसीदास” के नाम से भी जाना जाता है।
    • उनकी रचनाएँ भक्ति, मर्यादा, और समाज सुधार के विचारों से परिपूर्ण हैं।

2. सूरदास (1478-1583)

  • जन्म स्थान: रुनकता (मथुरा के निकट), उत्तर प्रदेश।
  • प्रमुख रचनाएँ:
    • सूर सागर
    • सूर सारावली
    • साहित्य लहरी
    • नल-दमयंती
    • राधा-कृष्ण की प्रेम लीलाएँ
    • बाललीला के गीत
    • गोपियों के विरह गीत
    • कृष्ण की रास लीला
    • रास पंचाध्यायी
    • सुदामा चरित
  • महत्वपूर्ण तथ्य:
    • सूरदास अष्टछाप के कवि थे और वल्लभाचार्य के अनुयायी माने जाते हैं।
    • वे नेत्रहीन थे, इसलिए उन्हें “अंध कवि” भी कहा जाता है।
    • उनकी रचनाएँ भक्ति और प्रेम के भावनात्मक वर्णन से भरपूर हैं, विशेषकर कृष्ण की बाल लीलाओं और गोपियों के प्रेम की।
    • उन्हें “कवियों का शिरोमणि” कहा जाता है।

3. कबीर (1398-1518)

  • जन्म स्थान: काशी (वाराणसी), उत्तर प्रदेश।
  • प्रमुख रचनाएँ:
    • बीजक
    • कबीर के दोहे
    • साखी
    • रमैनी
    • पद
    • अनमोल वचन
    • कबीरवाणी
    • कबीर बानी
    • सत्संग भजन
    • बानी के पद
  • महत्वपूर्ण तथ्य:
    • कबीर ने समाज की कुरीतियों और अंधविश्वासों पर प्रहार करते हुए अपनी रचनाओं के माध्यम से समाज सुधार का संदेश दिया।
    • वे भक्ति आंदोलन के प्रमुख संत थे और उन्होंने हिन्दू-मुस्लिम एकता पर बल दिया।
    • उनकी रचनाएँ सहज और स्पष्ट भाषा में हैं, जिससे वे जनसामान्य में बहुत प्रसिद्ध हुए।

4. प्रेमचंद (1880-1936)

  • जन्म स्थान: लमही, वाराणसी, उत्तर प्रदेश।
  • प्रमुख रचनाएँ:
    • गोदान
    • गबन
    • कर्मभूमि
    • रंगभूमि
    • सेवासदन
    • निर्मला
    • मानसरोवर (कहानी संग्रह)
    • प्रेमाश्रम
    • ईदगाह (कहानी)
    • पूस की रात (कहानी)
  • पुरस्कार: प्रेमचंद को किसी औपचारिक पुरस्कार से नहीं नवाजा गया, लेकिन वे “उपन्यास सम्राट” के रूप में प्रसिद्ध हैं।
  • महत्वपूर्ण तथ्य:
    • प्रेमचंद ने अपनी रचनाओं में सामाजिक समस्याओं, विशेषकर ग्रामीण जीवन की कठिनाइयों का यथार्थ चित्रण किया है।
    • उनका असली नाम धनपत राय श्रीवास्तव था।
    • वे हिन्दी और उर्दू साहित्य दोनों में समान रूप से प्रतिष्ठित हैं।

5. जयशंकर प्रसाद (1889-1937)

  • जन्म स्थान: वाराणसी, उत्तर प्रदेश।
  • प्रमुख रचनाएँ:
    • कामायनी (महाकाव्य)
    • आंसू
    • लहर
    • कंकाल
    • तितली
    • झरना (काव्य संग्रह)
    • इरावती (अधूरा उपन्यास)
    • चंद्रगुप्त (नाटक)
    • स्कंदगुप्त (नाटक)
    • ध्रुवस्वामिनी (नाटक)
  • पुरस्कार: जयशंकर प्रसाद को उनके साहित्यिक योगदान के लिए औपचारिक पुरस्कार नहीं मिला, लेकिन उन्हें छायावाद के चार स्तंभों में से एक माना जाता है।
  • महत्वपूर्ण तथ्य:
    • वे हिंदी साहित्य में छायावादी काव्य के प्रमुख कवि और लेखक थे।
    • उनकी काव्य रचना ‘कामायनी’ को हिंदी साहित्य का एक उत्कृष्ट महाकाव्य माना जाता है।
    • वे काव्य, नाटक, उपन्यास, और कहानियों के क्षेत्र में समान रूप से सक्रिय रहे।

6. हरिवंश राय बच्चन (1907-2003)

  • जन्म स्थान: प्रतापगढ़, उत्तर प्रदेश।
  • प्रमुख रचनाएँ:
    • मधुशाला
    • मधुबाला
    • मधुकलश
    • निशा निमंत्रण
    • आत्म परिचय
    • दो चट्टानें
    • एकांत संगीत
    • खादी के फूल
    • जन गीता
    • सुप्रभात
  • पुरस्कार: साहित्य अकादमी पुरस्कार, सोवियत लैंड नेहरू पुरस्कार, पद्म भूषण (1976)।
  • महत्वपूर्ण तथ्य:
    • हरिवंश राय बच्चन को उनकी काव्य रचना ‘मधुशाला’ के लिए विशेष रूप से जाना जाता है।
    • वे हिंदी साहित्य के हालावाद के कवि थे।
    • उन्हें भारत सरकार द्वारा “पद्म भूषण” से सम्मानित किया गया।
    • वे अमिताभ बच्चन के पिता थे और उनका साहित्यिक योगदान आज भी प्रेरणादायक माना जाता है।

7. सुभद्राकुमारी चौहान (1904-1948)

  • जन्म स्थान: निहालपुर, इलाहाबाद (अब प्रयागराज), उत्तर प्रदेश।
  • प्रमुख रचनाएँ:
    • झाँसी की रानी
    • वीरों का कैसा हो बसंत
    • सुभद्रा की कविताएँ
    • त्रिधारा (कविता संग्रह)
    • बिखरे मोती (कहानी संग्रह)
  • पुरस्कार: कोई औपचारिक पुरस्कार नहीं, लेकिन उनकी कविता ‘झाँसी की रानी’ भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के प्रतीक के रूप में मानी जाती है।
  • महत्वपूर्ण तथ्य:
    • सुभद्राकुमारी चौहान एक स्वतंत्रता सेनानी और कवयित्री थीं।
    • उनकी रचनाओं में वीर रस और मातृभूमि प्रेम की भावना मुखरित होती है।
    • उनकी कविता ‘झाँसी की रानी’ आज भी राष्ट्रभक्ति और वीरता का प्रतीक है।
    • वे हिन्दी साहित्य में सबसे प्रमुख महिला कवियों में से एक हैं।

8. महादेवी वर्मा (1907-1987)

  • जन्म स्थान: फर्रुखाबाद, उत्तर प्रदेश।
  • प्रमुख रचनाएँ:
    • यामा (इसमें नीरजा, रश्मि, नीहार, सांध्यगीत संकलित हैं)
    • दीपशिखा
    • नीरजा
    • सप्तपर्णा
    • पथ के साथी (संस्मरण)
    • रश्मि
    • अतीत के चलचित्र (संस्मरण)
    • स्मृति की रेखाएँ (संस्मरण)
  • पुरस्कार: ज्ञानपीठ पुरस्कार (1982), साहित्य अकादमी पुरस्कार, पद्म विभूषण।
  • महत्वपूर्ण तथ्य:
    • महादेवी वर्मा को “आधुनिक मीरा” कहा जाता है।
    • वे हिंदी साहित्य की छायावादी कवयित्री और प्रगतिशील साहित्यिक आंदोलन की प्रमुख हस्ती थीं।
    • उनकी रचनाएँ आत्मा की पीड़ा और मानवता के प्रेम को दर्शाती हैं।
    • उन्हें भारत सरकार द्वारा “पद्म विभूषण” से भी सम्मानित किया गया।

9. सुमित्रानंदन पंत (1900-1977)

  • जन्म स्थान: कौसानी, उत्तराखंड।
  • प्रमुख रचनाएँ:
    • वीणा
    • पल्लव
    • ग्राम्या
    • युगवाणी
    • चिदंबरा
    • स्वर्णकिरण
    • उत्तरा
    • गुंजन
    • लोकायतन (महाकाव्य)
  • पुरस्कार: पद्मभूषण (1961), ज्ञानपीठ पुरस्कार (1968)।
  • महत्वपूर्ण तथ्य:
    • सुमित्रानंदन पंत छायावाद के चार प्रमुख स्तंभों में से एक माने जाते हैं।
    • उनकी कविताएँ प्रकृति प्रेम और जीवन के विभिन्न पहलुओं का चित्रण करती हैं।
    • वे हिंदी साहित्य के उन कवियों में से हैं जिन्होंने छायावाद और प्रगतिवाद/प्रयोगवाद दोनों को अपनाया।

10. माखनलाल चतुर्वेदी (1889-1968)

  • जन्म स्थान: बाबई, होशंगाबाद, मध्य प्रदेश।
  • प्रमुख रचनाएँ:
    • हिम तरंगिनी
    • पुष्प की अभिलाषा (कविता)
    • अमर राष्ट्र
    • प्रभात फेरी
    • युग चारण
    • समर्पण
    • हिम किरीटिनी
    • एक भारतीय आत्मा (उपनाम)
    • जीवन संगीत
  • पुरस्कार: साहित्य अकादमी पुरस्कार।
  • महत्वपूर्ण तथ्य:
    • माखनलाल चतुर्वेदी एक कवि और स्वतंत्रता संग्राम सेनानी थे।
    • उनकी कविता “पुष्प की अभिलाषा” भारतीय राष्ट्रीयता और बलिदान का प्रतीक मानी जाती है।
    • वे राष्ट्रीय भावनाओं को जगाने वाले कवि थे और उनका साहित्य स्वतंत्रता आंदोलन में सक्रिय भूमिका निभाता रहा।
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