चार्ल्स का नियम
चार्ल्स का नियम क्या है?
चार्ल्स का नियम गैसों के आचरण का एक महत्वपूर्ण नियम है। इसे 1787 में जैक चार्ल्स ने प्रस्तुत किया था। यह नियम बताता है कि नियत दबाव (Constant Pressure) पर किसी गैस का आयतन उसके तापमान के समानुपाती (Directly Proportional) होता है।
गणितीय रूप (Mathematical Form)
चार्ल्स के नियम को निम्नलिखित रूप में लिखा जा सकता है:
V ∝ T
या
V / T = k
जहाँ:
- V = गैस का आयतन (Volume)
- T = गैस का तापमान (Temperature) (केल्विन में)
- k = एक स्थिरांक (Constant)
यह नियम दो अवस्थाओं में भी लागू होता है:
V1 / T1 = V2 / T2
जहाँ:
- V1 और T1: प्रारंभिक आयतन और तापमान
- V2 और T2: अंतिम आयतन और तापमान
मुख्य बिंदु (Key Points)
- तापमान बढ़ने पर गैस का आयतन बढ़ता है।
- तापमान घटने पर गैस का आयतन घटता है।
- तापमान हमेशा केल्विन में मापा जाना चाहिए।
उदाहरण (Example)
यदि 2 लीटर गैस का तापमान 300 K है और तापमान बढ़ाकर 600 K कर दिया जाता है, तो नया आयतन क्या होगा?
V1 / T1 = V2 / T2
यहाँ:
- V1 = 2 लीटर
- T1 = 300 K
- T2 = 600 K
तो:
2 / 300 = V2 / 600
इससे:
V2 = 4 लीटर
चार्ल्स के नियम का महत्व (Significance of Charles’s Law)
- यह गैसों के विस्तार और संकुचन के सिद्धांत को समझने में मदद करता है।
- यह इंजीनियरिंग और गैसों के भौतिक गुणों के अध्ययन में महत्वपूर्ण है।
- यह वायुमंडलीय तापमान परिवर्तन और उसके प्रभाव को समझने में सहायक है।