न्यूटन के गति के नियम (Newton’s Laws of Motion)
1. पहला नियम: जड़त्व का नियम (First Law: Law of Inertia)
न्यूटन का पहला नियम कहता है कि जब तक किसी बाहरी बल द्वारा प्रेरित नहीं किया जाता, तब तक कोई भी वस्तु स्थिर अवस्था में या एक समान वेग में चलती रहती है। इसे जड़त्व का नियम कहा जाता है, जो बताता है कि वस्तुएँ अपनी वर्तमान स्थिति को बनाए रखना चाहती हैं।
उदाहरण: एक स्थिर गाड़ी तब तक स्थिर रहती है जब तक उस पर बल न लगाया जाए, और एक चलती हुई गाड़ी तब तक चलती रहती है जब तक उस पर विपरीत दिशा में बल न लगाया जाए।
2. दूसरा नियम: बल और त्वरण का नियम (Second Law: Law of Force and Acceleration)
न्यूटन का दूसरा नियम कहता है कि किसी वस्तु पर लगाया गया बल उसके द्रव्यमान और उसके द्वारा उत्पन्न त्वरण का गुणनफल होता है। इस नियम को सूत्र के रूप में इस प्रकार लिखा जाता है:
F = m × a
जहाँ F बल (Force) है, m वस्तु का द्रव्यमान (Mass) है, और a वस्तु का त्वरण (Acceleration) है।
उदाहरण: यदि एक वस्तु पर 10 N का बल लगाया जाए और उसका द्रव्यमान 2 kg हो, तो उसका त्वरण 5 m/s² होगा।
3. तीसरा नियम: क्रिया-प्रतिक्रिया का नियम (Third Law: Law of Action and Reaction)
न्यूटन का तीसरा नियम कहता है कि प्रत्येक क्रिया के बराबर और विपरीत दिशा में प्रतिक्रिया होती है। इसका अर्थ है कि जब कोई वस्तु किसी दूसरी वस्तु पर बल लगाती है, तो दूसरी वस्तु भी पहली वस्तु पर समान बल विपरीत दिशा में लगाती है।
उदाहरण: यदि आप दीवार पर दबाव डालते हैं, तो दीवार भी आपको समान मात्रा में विपरीत दिशा में बल लगाती है।
4. न्यूटन के गति के नियमों का उपयोग (Applications of Newton’s Laws of Motion)
- पहला नियम: जड़त्व का नियम किसी वस्तु की स्थिर या गति की स्थिति को समझने में सहायक होता है।
- दूसरा नियम: यह नियम विभिन्न बलों और उनके कारण उत्पन्न होने वाले त्वरण के संबंध को समझने में सहायक होता है।
- तीसरा नियम: क्रिया-प्रतिक्रिया का नियम बलों की परस्पर क्रियाओं को समझने में सहायक होता है, जैसे कि रॉकेट का प्रक्षेपण या चलने पर हमारे पैरों द्वारा पृथ्वी पर बल डालना।