तापगतिकीय नियम (Laws of Thermodynamics)
1. शून्य तापगतिकीय नियम (Zeroth Law of Thermodynamics)
शून्य तापगतिकीय नियम (Zeroth Law of Thermodynamics) कहता है कि यदि दो प्रणालियाँ एक तीसरी प्रणाली के साथ साम्य अवस्था (Thermal Equilibrium) में हैं, तो वे आपस में भी साम्य अवस्था में होंगी। इसका मतलब है कि तापमान की माप और तुलनात्मक तापमान का आधार शून्य नियम पर आधारित है।
उदाहरण (Example)
यदि प्रणाली A और प्रणाली B प्रणाली C के साथ साम्य में हैं, तो प्रणाली A और B भी एक-दूसरे के साथ साम्य में होंगी।
2. प्रथम तापगतिकीय नियम (First Law of Thermodynamics)
प्रथम तापगतिकीय नियम (First Law of Thermodynamics) ऊर्जा संरक्षण का नियम है। यह कहता है कि किसी बंद प्रणाली में ऊष्मा (Heat) का कुल योग आंतरिक ऊर्जा (Internal Energy) में परिवर्तन और कार्य (Work) के योग के बराबर होता है। इसका सूत्र इस प्रकार है:
ΔU = Q – W
जहाँ:
- ΔU = आंतरिक ऊर्जा में परिवर्तन (Change in Internal Energy)
- Q = प्रणाली में जोड़ी गई ऊष्मा (Heat Added to the System)
- W = प्रणाली द्वारा किया गया कार्य (Work Done by the System)
उदाहरण (Example)
यदि किसी प्रणाली को 100 जूल ऊष्मा दी जाती है और प्रणाली द्वारा 40 जूल कार्य किया जाता है, तो आंतरिक ऊर्जा में परिवर्तन होगा:
ΔU = Q – W = 100 – 40 = 60 जूल
3. द्वितीय तापगतिकीय नियम (Second Law of Thermodynamics)
द्वितीय तापगतिकीय नियम (Second Law of Thermodynamics) बताता है कि कोई भी स्वस्फूर्त प्रक्रिया (Spontaneous Process) जो किसी गर्म स्रोत से ठंडे स्रोत की ओर ऊष्मा का स्थानांतरण करती है, कभी भी पूर्ण रूप से उच्च तापमान से निम्न तापमान में परिवर्तित नहीं की जा सकती। यह नियम बताता है कि कोई भी स्वस्फूर्त प्रक्रिया ऊर्जा में वृद्धि नहीं कर सकती और इसमें एन्ट्रॉपी (Entropy) का बढ़ना अनिवार्य है।
उदाहरण (Example)
एक कप गर्म चाय अपने परिवेश में ठंडा होता है, क्योंकि गर्मी स्वयं ठंडे पदार्थ में प्रवाहित होती है। यह प्रक्रिया स्वस्फूर्त है और इसे उल्टा नहीं किया जा सकता।
4. तुलना सारणी (Comparison Table)
नियम | विवरण | उदाहरण |
---|---|---|
शून्य तापगतिकीय नियम | यदि दो प्रणालियाँ तीसरी प्रणाली के साथ साम्य अवस्था में हैं, तो वे आपस में भी साम्य में होंगी। | प्रणाली A और B दोनों प्रणाली C के साथ साम्य में हैं, तो A और B भी आपस में साम्य में होंगी। |
प्रथम तापगतिकीय नियम | ऊर्जा का संरक्षण; प्रणाली में ऊष्मा का कुल योग आंतरिक ऊर्जा में परिवर्तन और कार्य के बराबर होता है। | 100 जूल ऊष्मा में से 40 जूल कार्य में उपयोग, तो आंतरिक ऊर्जा में 60 जूल का परिवर्तन। |
द्वितीय तापगतिकीय नियम | ऊष्मा स्वस्फूर्त रूप से उच्च से निम्न तापमान की ओर प्रवाहित होती है; एन्ट्रॉपी में वृद्धि होती है। | गर्म चाय का ठंडा होना, क्योंकि ऊष्मा ठंडे परिवेश की ओर जाती है। |