पठार (Plateaus)
पठार का परिचय (Introduction to Plateaus)
पठार (Plateau) पृथ्वी की सतह पर ऊँची और समतल भूमि के बड़े क्षेत्र होते हैं, जो आसपास की जमीन से ऊपर उठे होते हैं। ये भू-आकृतियाँ विभिन्न भूवैज्ञानिक प्रक्रियाओं के परिणामस्वरूप बनती हैं और दुनिया के कई हिस्सों में पाई जाती हैं।
पठार की परिभाषा और विशेषताएँ (Definition and Characteristics)
परिभाषा (Definition)
पठार एक ऊँची और समतल भूमि होती है, जो आसपास की जमीन से ऊँची होती है और जिसका शिखर समतल या हल्का लहरदार होता है। इसे कभी-कभी ‘टेबललैंड’ (Tableland) भी कहा जाता है।
विशेषताएँ (Characteristics)
- ऊँचाई: सामान्यतया 300 मीटर से अधिक ऊँचाई पर स्थित।
- समतल या लहरदार शिखर: शिखर क्षेत्र समतल होता है, जो कृषि और निवास के लिए उपयुक्त हो सकता है।
- ढलान: पठारों के किनारे पर तीव्र ढलान हो सकती है, जिसे ‘स्कार्प’ (Scarp) कहते हैं।
- गठन: विभिन्न भूवैज्ञानिक प्रक्रियाओं जैसे लावा प्रवाह, उठान, अपरदन से बनते हैं।
- आकार और विस्तार: छोटे से लेकर विशाल क्षेत्र तक, जैसे तिब्बती पठार दुनिया का सबसे बड़ा पठार है।
पठारों के प्रकार (Types of Plateaus)
- अन्तर्वेधी पठार (Intermontane Plateaus): पर्वतों के बीच स्थित, जैसे तिब्बती पठार।
- पैरापर्वतीय पठार (Piedmont Plateaus): पर्वतों के नीचे स्थित, जैसे पाटा्गोनियन पठार।
- लावा पठार (Lava Plateaus): लावा के प्रवाह से बने, जैसे कोलम्बिया पठार।
- शवित पठार (Dissected Plateaus): अपरदन से कटे हुए, जैसे ओज़ार्क पठार।
पृथ्वी की सतह पर पठारों का महत्व (Importance of Plateaus on Earth’s Surface)
भौगोलिक महत्व (Geographical Importance)
- खनिज संसाधन: पठारों में खनिजों की प्रचुरता होती है, जैसे लौह अयस्क, कोयला, सोना।
- नदियों का उद्गम: कई नदियाँ पठारों से निकलती हैं, जो सिंचाई और जल संसाधन प्रदान करती हैं।
- वनस्पति और जैव विविधता: विभिन्न पारिस्थितिकी तंत्रों का घर।
- जलविद्युत उत्पादन: ऊँचाई से गिरने वाली नदियों पर बांध बनाकर ऊर्जा उत्पादन।
आर्थिक महत्व (Economic Importance)
- खनन उद्योग: खनिज संसाधनों के कारण रोजगार और आर्थिक विकास।
- कृषि: कुछ पठारों पर उपजाऊ मिट्टी होती है, जो कृषि के लिए उपयुक्त है।
- पर्यटन: प्राकृतिक सौंदर्य और सांस्कृतिक महत्व के कारण पर्यटकों को आकर्षित करते हैं।
- जल संसाधन: नदियों और झरनों से जलापूर्ति।
पर्यावरणीय महत्व (Environmental Importance)
- जलवायु पर प्रभाव: ऊँचाई के कारण स्थानीय जलवायु को प्रभावित करते हैं।
- जैव विविधता: अद्वितीय पारिस्थितिकी तंत्र और स्थानिक प्रजातियाँ।
- मृदा संरक्षण: वनस्पति आवरण मिट्टी के अपरदन को रोकता है।
विश्व के प्रमुख पठार (Major Plateaus of the World)
- तिब्बती पठार (Tibetan Plateau): दुनिया का सबसे बड़ा और ऊँचा पठार, ‘दुनिया की छत’ कहलाता है।
- डीकन पठार (Deccan Plateau): भारत में स्थित, खनिज संसाधनों से समृद्ध।
- कोलम्बिया पठार (Columbia Plateau): संयुक्त राज्य अमेरिका में, लावा प्रवाह से बना।
- ब्राज़ीलियाई पठार (Brazilian Plateau): ब्राज़ील में स्थित, कृषि और खनन के लिए महत्वपूर्ण।
- अनातोलियन पठार (Anatolian Plateau): तुर्की में स्थित, ऐतिहासिक और रणनीतिक महत्व।
- पाटागोनियन पठार (Patagonian Plateau): अर्जेंटीना में, शुष्क और ठंडा क्षेत्र।
परीक्षा उपयोगी तथ्य (Exam-Relevant Facts)
- तिब्बती पठार का औसत ऊँचाई: लगभग 4,500 मीटर।
- तिब्बती पठार से एशिया की प्रमुख नदियाँ निकलती हैं: यांग्त्ज़ी, ह्वांग हो, मेकांग, सिंधु, ब्रह्मपुत्र।
- डीकन पठार में काली मिट्टी (रेगुर) पाई जाती है, जो कपास की खेती के लिए उपयुक्त है।
- कोलम्बिया पठार विशाल लावा प्रवाह से बना है, जिसे ‘फ्लड बेसाल्ट’ कहते हैं।
- ब्राज़ीलियाई पठार से कई नदियाँ निकलती हैं, जैसे साओ फ्रांसिस्को नदी।
- अनातोलियन पठार यूरेशियन और अफ्रीकी प्लेटों के टकराव के कारण बना है।
- पठारों पर जलवायु आमतौर पर आसपास के क्षेत्रों की तुलना में ठंडी होती है।
- पठारों का उपयोग पवन ऊर्जा उत्पादन के लिए भी किया जाता है।
- पठार क्षेत्रों में जनसंख्या घनत्व कम होता है, लेकिन खनिज संसाधनों के कारण आर्थिक गतिविधियाँ अधिक होती हैं।
- पठारों का अध्ययन भौतिक भूगोल और भूविज्ञान में महत्वपूर्ण है।