तिब्बती पठार (Tibetan Plateau)
परिचय (Introduction)
तिब्बती पठार, जिसे ‘दुनिया की छत’ (Roof of the World) कहा जाता है, दुनिया का सबसे बड़ा और सबसे ऊँचा पठार है। यह लगभग 2.5 मिलियन वर्ग किलोमीटर के क्षेत्र को कवर करता है और औसत ऊँचाई लगभग 4,500 मीटर है।
भूगोल (Geography)
- स्थान: मध्य एशिया में, मुख्यतः चीन के तिब्बत स्वायत्त क्षेत्र में।
- सीमाएँ:
- उत्तर में कुनलुन पर्वत (Kunlun Mountains)
- दक्षिण में हिमालय पर्वत श्रृंखला (Himalayas)
- पश्चिम में काराकोरम पर्वत (Karakoram Range)
- पूर्व में सिचुआन बेसिन (Sichuan Basin)
- क्षेत्रफल: लगभग 2.5 मिलियन वर्ग किलोमीटर
- औसत ऊँचाई: 4,500 मीटर
गठन (Formation)
तिब्बती पठार का गठन भारतीय और यूरेशियन प्लेटों (Indian and Eurasian Plates) के टकराव से हुआ है। यह भूवैज्ञानिक घटना लगभग 50 मिलियन वर्ष पहले शुरू हुई, जिसके परिणामस्वरूप हिमालय पर्वत श्रृंखला और तिब्बती पठार का उठान हुआ।
- प्लेट टेक्टोनिक्स (Plate Tectonics): भारतीय प्लेट उत्तर की ओर बढ़कर यूरेशियन प्लेट से टकराई।
- उठाव (Uplift): टकराव के कारण क्रस्ट में संकुचन और मोटाई बढ़ी, जिससे पठार का उठान हुआ।
- भूकंपीय गतिविधियाँ: आज भी क्षेत्र में भूकंप आम हैं, जो टेक्टोनिक गतिविधियों का संकेत हैं।
महत्व (Importance)
भौगोलिक महत्व (Geographical Importance)
- नदियों का उद्गम: एशिया की प्रमुख नदियाँ जैसे यांग्त्ज़ी, ह्वांग हो, मेकांग, ब्रह्मपुत्र, सिंधु इसी पठार से निकलती हैं।
- जलवायु पर प्रभाव: पठार की ऊँचाई एशिया की जलवायु को प्रभावित करती है, जैसे मानसून पैटर्न।
- पारिस्थितिकी तंत्र: विशिष्ट वनस्पति और जीवों का निवास स्थान, जैसे याक, तिब्बती गजेल।
आर्थिक महत्व (Economic Importance)
- पशुपालन: याक, भेड़, बकरियों का पालन स्थानीय अर्थव्यवस्था का मुख्य आधार है।
- खनिज संसाधन: कोयला, लौह अयस्क, तांबा, सोना आदि खनिज पाए जाते हैं।
- पर्यटन: माउंट एवरेस्ट बेस कैंप, लामाओं के मठ, प्राकृतिक सौंदर्य।
सांस्कृतिक महत्व (Cultural Importance)
- तिब्बती संस्कृति: बौद्ध धर्म का प्रमुख केंद्र, लामाओं की परंपरा।
- मठ और स्तूप: पोताला पैलेस, जो दलाई लामा का पूर्व निवास था।
- जीवन शैली: खानाबदोश जीवन शैली, तिब्बती चिकित्सा प्रणाली।
परीक्षा उपयोगी तथ्य (Exam-Relevant Facts)
- औसत ऊँचाई: लगभग 4,500 मीटर, दुनिया का सबसे ऊँचा पठार।
- क्षेत्रफल: लगभग 2.5 मिलियन वर्ग किलोमीटर।
- नदियों का उद्गम: एशिया की प्रमुख नदियाँ इसी से निकलती हैं।
- जलवायु: शीत मरुस्थलीय जलवायु, कम वर्षा।
- जैव विविधता: याक, तिब्बती एंटीलोप, हिमालयी ब्लूबेरी।
- गठन: भारतीय और यूरेशियन प्लेटों के टकराव से।
- स्थान: मुख्यतः चीन के तिब्बत स्वायत्त क्षेत्र में।
- पोताला पैलेस: यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल।
- ‘दुनिया की छत’ (Roof of the World) कहा जाता है।
- टेक्टोनिक गतिविधियाँ: भूकंप और पर्वतीय निर्माण जारी है।